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Tag: सिमरन कुमारी

ये दूरियां-ये ख्वाब
कविता

ये दूरियां-ये ख्वाब

सिमरन कुमारी मुजफ्फरपुर (बिहार) ******************** ये दूरी हैं महज ज़मीन की, दिल की नहीं!! दूरी हैं मज़बूरी थोड़े ही, कमी हैं ना मिलने की, कमज़ोरी थोड़े ही!! निभाने का इरादा जरूरी हैं, विश्वास चाहिए वायदा नहीं!! राधा- कृष्ण की दूरी, सच्चे आस की निशानी हैं, तभी तो हर जुबां पर उनके मिलन की कहानी हैं!! मिलेंगे एक दिन वो खास होगा, मैं तेरे करीब तू मेरे पास होगा!! जब ये खिलता ख्वाब, और आँखों में शवाब होगा!! रब्त इश्क़ की दरियां, टूटती ये दूरीयां !! तब मिलना सबसे नायाब होगा, तब हमारा मिलना इत्तेफाक होगा!! ज़मीन की दूरी महज ये दूरी, ख्वाब बुनता दिल, जब मिलेंगे तब ख़ुद को, संभालना होगा मुश्किल!! परिचय :-सिमरन कुमारी निवासी : मुजफ्फरपुर (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। ...
ये दूरियां-ये ख्वाब!!
कविता

ये दूरियां-ये ख्वाब!!

सिमरन कुमारी मुजफ्फरपुर (बिहार) ******************** ये दूरी हैं महज ज़मीन की, दिल की नहीं!! दूरी हैं मज़बूरी थोड़े ही, कमी हैं ना मिलने की, कमज़ोरी थोड़े ही!! निभाने का इरादा जरूरी हैं, विश्वास चाहिए वायदा नहीं!! राधा- कृष्ण की दूरी, सच्चे आस की निशानी हैं, तभी तो हर जुबां पर उनके मिलन की कहानी हैं!! मिलेंगे एक दिन वो खास होगा, मैं तेरे करीब तू मेरे पास होगा!! जब ये खिलता ख्वाब, और आँखों में शवाब होगा!! रब्त इश्क़ की दरियां, टूटती ये दूरीयां !! तब मिलना सबसे नायाब होगा, तब हमारा मिलना इत्तेफाक होगा!! ज़मीन की दूरी महज ये दूरी, ख्वाब बुनता दिल, जब मिलेंगे तब ख़ुद को, संभालना होगा मुश्किल!! परिचय :-सिमरन कुमारी निवासी : मुजफ्फरपुर (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। ...
वादा करो मेरे नए कान्हा बनोगे
कविता

वादा करो मेरे नए कान्हा बनोगे

सिमरन कुमारी मुजफ्फरपुर (बिहार) ******************** वादा करो मेरे नए कान्हा बनोगे ........... विरह की नीर से महान नहीं बनना!! छोटी सी जिंदगी हैं उसे तेरे संग .......... हमें हरपल रंगना हैं प्रेम भरे रंग!! कुंज गली में रोये राधा बेसुध बन........ श्याम व्याकुल पाकर भी बेचैन!! अकेले छोड़ चले गए करके विरान........ इंतजार करते निकल गए प्राण!! वादा करो मेरे नए कान्हा बनोगे!! इंतजार में नहीं जीना हैं प्यार में........ ना मैं हूँ महान ना ही भगवान!! इस जन्म करना एक-दूसरे के नाम ......... पूरे प्रेम देकर भी नहीं मिला नाम तुम बनोगे मेरे नए मेरे घनश्याम !! प्रेमिका की तरह विरह में नहीं........ नए कान्हा के रूप में संग चलना !! मुझे कान्हा से प्रेम हैं अटूट........ पर राधा का तड़प से दिल जाता टूट!! हर रंग हर भाव में तुम रहना श्याम......... बस नहीं छोड़ना कभी भी अपन...