Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: सपना मिश्रा

एक आवाज़ ऐसी भी
कविता

एक आवाज़ ऐसी भी

सपना मिश्रा मुंबई (महाराष्ट्र) ******************** पूछा एक दिन मैंने, मेरे अंदर छुपी आत्मा से कि, क्या मैं तुम्हें सुन पा रही हूँ। पूछा एक दिन मैंने, मेरी आखों से कि, क्या मेरे अंदर छुपे दर्द को मैं देख पा रही हूँ । अंदर से ग़ुस्से में एक आवाज़ आयी, जिसे सुनकर ऐसा लगा जैसे नाराज़ हो मुझसे मेरी अंर्तरआत्मा सालों से और मुझसे कभी बात नहीं करेगी। बहुत मानने पर मानी वो उस दिन। फिर बोली ! आज कल तुम बहुत बदल गयी हो। मुझे सुनकर भी नहीं सुनती हो तुम। मुझे देखकर भी अनदेखा करती हो तुम। जाने कहाँ खोयी रहती हो आजकल तुम। तुम तो ऐसी बिल्कुल भी ना थी। अब तो ना ही तुम मुझे सुनती हो, ना ही देखती हो। याद है वो दिन जब तुम मुझसे घंटों बातें किया करती थी अकेले में बैठकर। कितना हंसते थे हम दोनों एक दूसरे को सुनकर, देखकर और महसूस करके। अचानक तुमको क्या हो गया, जो तुम इ...
हे वीणा वादिनि कृपा कर दो
कविता

हे वीणा वादिनि कृपा कर दो

सपना मिश्रा मुंबई (महाराष्ट्र) ******************** हे वीणा वादिनी, हे ज्ञान की देवी, कृपा कर दो। ज्ञान से अपने हमें भर दो। हे ममता की मूरत, है वर्णों की ज्ञाता, वेद पुराणों की भाषा, हे भाग्य विधाता, आशीष से अपने हमें तर दो। हे वीणा वादिनी, कृपा कर दो। हे मां शारदे, सुर ताल से अपने हमें स्वर दो। हे वीणा वादिनी, हे संगीत की देवी, सरगम में स्वर भर दो। करती हो कृपा सब पर हम पर भी कृपा कर दो। ज्ञान से अपने हमें तर दो। परिचय :- सपना मिश्रा निवासी : मुंबई (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाई...
प्रकृति और किसान
आलेख

प्रकृति और किसान

सपना मिश्रा मुंबई (महाराष्ट्र) ********************                              प्रकृति हमारी माता है, हमारी जगत जननी है। प्रकृति के द्वारा है हम सभी प्राणी पृथ्वी पर जीवित रह पाते हैं। प्रकृति के द्वारा ही हम पृथ्वी पर अपने जीवन को सुचारू रूप से चला पाते हैं और सरलता पूर्वक अपना जीवन बिताते हैं, क्योंकि पृथ्वी पर उपस्थित सभी छोटे-बड़े प्राणियों को प्रकृति के द्वारा कुछ ना कुछ मिलता रहता है ,जिससे सभी प्राणियों का जीविकोपार्जन होता है और सभी प्राणी सांस ले पाते हैं। प्रकृति सदा देना जानती है और हमेशा कुछ न कुछ देती रहती है। उदाहरण के तौर पर :- शुद्ध जल, शुद्ध हवा, फल, सब्जियां, जड़ी बूटियां और भी बहुत सारी आवश्यकताओं की वस्तुएं इत्यादि हमें प्रकृति से ही प्राप्त होता है। कभी-कभी तो मन करता है कि प्रकृति के विशाल और ममतामयी गोंद में जाके बैठ जाऊं और उसके प्रेम को महसूस करूं, उसका आलिंग...
बचपन का जमाना
कविता

बचपन का जमाना

सपना मिश्रा मुंबई (महाराष्ट्र) ******************** याद आता है। वो गुजरा जमाना, बहुत याद आता है। मिट्टी की सोंधी खुशबू, वो गांवों की हरियाली, वो पेड़ों की डाली, बहुत याद आता है। वो खेती और बारी, फसलों पर बैठ, चिड़ियों का चहचहाना, मचान पर चढ़कर जोर-जोर से चिल्लना, बहुत याद आता है। बारिश का पानी, वो कागज के नाव, उसमें चींटी की सवारी, बहुत याद आता है। वो पत्थर और पानी, वो गुल्ली और डंडा, वो छुप्पम-छुपाई, बहुत याद आता है। ऊंचाई से तालाबों में कूदना और छपाक की आवाज़ आना, वो झुंडो की मस्ती, एक अलग सा याराना, बहुत याद आता है। दादी नानी की कहानी, मां का लोरी सुनाना, स्कूल ना जाने का, हर रोज एक नया बहाना बनाना, बहुत याद आता है। याद आता है, वो बचपन का जमाना बहुत याद आता है। परिचय :- सपना मिश्रा निवासी : मुंबई (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं...
हुनर बदलने का
कविता

हुनर बदलने का

सपना मिश्रा मुंबई (महाराष्ट्र) ******************** वक्त बदलता है तो हालात बदलते हैं लोग बदलते हैं तो जज्बात बदलता है किस्मत बदलती है तो जीवन बदलता है जीवन बदलता है तो एहसास बदलते हैं एहसास बदलते हैं तो अपने बदलते हैं बदलने का हुनर तो पूरी दुनिया के पास है वादा करके निभाने में बड़ा फर्क होता है कोई पाकर बदलता है तो कोई खोकर बदलता है नतीजे बदलते हैं तो रिश्ते भी बदलते हैं यह हुनर है या फितरत मौसम से भी ज्यादा इंसान बदलते हैं... परिचय :- सपना मिश्रा निवासी : मुंबई (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीयहिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख,...