ह्दय वेदना
सपना आनंद शर्मा
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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यह कैसा
सन्नाटा है,
चारों और बस
एक आस लिए
खड़ा हर कोई है,
अपनों को पाने की
चाह तो कहीं
अपनों से बिछड़ने का
रंजो गम पसरा है,
यह कैसा सन्नाटा है,...
यह कैसा सन्नाटा है...
देख व्यथा हर किसी की
हृदय कॉप सा जाता है,
मर्मस्पर्श ता
झंझोर रख देती है,
आज इंसानियत
इंसानों पर भारी है,
सबको पास रखने के लिए
सबसे बस दूरिया ही जरूरी है,
यह कैसा सन्नाटा है ...
यह कैसा सन्नाटा है ...?
परिचय :- सपना आनंद शर्मा
निवासी - इंदौर मध्य प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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