जाग नौजवान
सत्यम पांडेय
राजीव नगर (गुरुग्राम)
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जाग मेरे नौजवान ये देश पुकारे,
तेरी साँसों से भरे दूजे हुंकारे,
इस देश में कमी है तुझ जैसे महानो की,
धरती भरी पड़ी है, बुजदिल हैवानो की,
देश की तरक्की और देश की भलाई,
एसे है जैसे हो कोई दूध की मलाई,
बाँटें कोई और चाटें कोई और,
इसी बात का चारों दिशाओं में है शोर,
आज तु जाग, भूमी को नवाज़,
दुश्मन तु भाग, आज नया है राग,
तेरी आँखों में देख के, तुझको हरा दूंगा,
देश का अपना तिरंगा फेहरा दूंगा,
मुझको जो डरएगा मैं उसको डरा दूंगा
देश का झंडा फेहरा दूंगा।
देश पर आँच आये सह जाए हम,
सीधी सीधी बात करे हम को न कोई गम,
देश में पले है देंगे देश के लिए जान,
देश के शाहीदों की बढ़ती है शान,
आगे तुम भी आओ, करो देश का कल्याण,
बात मेरी मानो, ए मेरे नौजवान।
परिचय :- सत्यम पांडेय
पिता : प्रमोद पांडेय
निवासी : राजीव नगर, गुरुग्राम
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