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Tag: संगीता चौबे “पंखुड़ी”

नारी भरे उड़ान
कविता

नारी भरे उड़ान

संगीता चौबे "पंखुड़ी" अबू हलीफा (कुवैत) ******************** अखिल भारतीय कविता लिखो प्रतियोगिता विषय :- "नारी और स्वतन्त्रता की उड़ान" प्रथम पुरस्कार प्राप्त रचना सकल विश्व में अंकित करती, निजता की पहचान। मुक्त गगन में पंख पसारे, नारी भरे उड़ान।। कल तक थी जो सहमी-सहमी, बंद कक्ष दीवारों में। आज गूँजता है स्वर उसका, सच्चाई के नारों में।। नहीं डूबने देती नैया, विपदा के मँझधारों में। है उसको विश्वास स्वयं की, भुजा रूप पतवारों में।। चलती सर ऊँचा रख उर में, स्वाभिमान का भान। मुक्त गगन में पंख पसारे, नारी भरे उड़ान।। नूतन प्रतिमानों को गढ़ कर, करती आविष्कार नवल। नहीं हिचक निर्णय लेने में, करती है वह सार पहल।। लाख चुनौती पथ पर आएँ, कर देती चुटकी में हल। संघर्षों से हार न माने, प्रण पर रहती सदा अटल।। स्वर्णिम छवि नारी की चमके, ज्यों नभ में दिनमान। मुक्त गगन में पंख प...