Friday, November 15राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: शिवम यादव ”आशा”

पत्थर दिलों की यादें
कविता

पत्थर दिलों की यादें

********** शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) मुझे वक्त याद आया पत्थर बना रहा हूँ उन जख्मों वाले घावों पर मरहम लगा रहा हूँ मेरा तर बतर ये होना मेरे जीवन की है ये गवाही छाँव के नीचे धूप से मैं पिघला जा रहा हूँ उम्मीद की वो राहें छूटी नहीं हमसे तेरी यादों में अब तक आशूँ बहा रहा हूँ तेरे कहे वो लफ्जों को अपने होंठों से भुला रहा हूँ मुझे जोङ करके तोङा उनको... वही भुला रहा हूँ इतना भी याद रखना जो प्यार था मेरा झूठा तो अब तक खुद को क्यों रूला रहा हूँ प्यार के शहर में रहकर अब नफरत जगा रहा हूँ बिछङे पत्थर दिलों की यादों में अन्तापुरिया नवगीत लिखा रहा हूँ . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमख...
शायरी
कविता

शायरी

********** शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) चलो हम सब मिलकर आज कुछ नया करते हैं नजरें मिलाकर गैरो को अपना करते हैं किसी के साथ रहकर जिंदगी गुज़ार लेना मगर अकेले कभी मत रहना सारे गम भुलाकर अपने में खो जाना मगर इस दुनियां से कुछ भी न छुपाना गलतियों से मुझे सीख मिलती गई... जिन्दगी कोरे पन्नों पर लिखती गई... आजकल लोग मुझसे न जाने क्यों उम्र पूँछ रहे हैं क्या उम्र के सहारे ही रिश्ता जोड़ रहे हैं कोई अल्फ़ाज़ में मेरे खुशी के गीत गाता है चलो हम दूर रहते हैं कोई तो मुस्कुराता है यहाँ की महफ़िलो में हम अकेले शख्स हैं ऐसे, जो गमों के ज़ाम पीकरके खुशी के गीत गाता है वो घूम रहा है प्रेम पत्र का समर्पण हाथों में लिए दुश्मन रुपी घूम रहे हैं उसके पीछे हाथों में तलवार लिए किसी के दिल की मायूसी हमारे साथ रहती है वो दिनभर तो हँसती है शाम को उदास रहती है तेरी चाहत को बड़ी गहरी खदानो में पाय...
पार होती हदें
कविता

पार होती हदें

********** शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) जिसका खाना खाने में   कलेज़ा दुख रहा हो सोचो वो अन्दर ही अन्दर    कितना रोया होगा, .  जिस पुत्र को उसका ही      पिता मर जाने की सलाह दे चुका हो और वो    अभी तक जी रहा हो सोचो उसका हाल कैसा होगा, . जो पुत्र पिता की तेल मालिश करते-करते पसीने से नहा चुका हो सोचो उसका    परिणाम कैसा होगा, . वो कैसा पुत्र है जिसे अपने आप को प्रयोग करने तक का अधिकार न हो और दूसरों के काम और मदद के लिए सदा तत्पर्य हो सोचो उसका साहस कैसा होगा, . जो कभी पिता को लौटकर जवाब न देना चाहता हो उसे कठिन यातनाओं के साथ पाला जा रहा हो सोचो उस पर क्या बीत रहा होगा, वो इतनी यातना भरा जीवन जी रहा है कि उसकी हैसियत घर में नौकर से भी बदतर है सोचो उसके दिल पर कितनी आवाजों का बोझ होगा, कितनी और हदें पार होगीं . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्...
कर्ज़ा चुकाना है
कविता

कर्ज़ा चुकाना है

********** शिवम यादव ''आशा'' कभी बारिश की बूँदों में  मेरा दिल भीग जाता है   तन्हाई में तेरी यादों से बगीचा सिंच सा जाता है .  तेरी यादों ही यादों में सफ़र भी थम सा जाता है अकेला टूटता कब तक ये दिल गमों के साथ रहता है . रखा है क्या जमाने में बचा है क्या फ़साने में बचा है इश्क़ का कर्जा उसी को बस चुकाना है . . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी...
ये मुझे क्या पता
कविता

ये मुझे क्या पता

********** रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' कोई चल रहा है   ये मुझे क्या पता    मैं भी चल रहा हूँ    ये मुझे क्या पता   जिन्दगी भी वसंत बनकर खिलखिला रही है    ये मुझे क्या पता .   ओह जिन्दगी तेरे    पास आ रहा हूँ   मेरा भी साथ देना   बता कर आ रहा हूँ   अब तुम न कहना    ये मुझे क्या पता .   कुछ हाल सही  कुछ हाल बेहाल सुनाऊ जिन्दगी के अब तुम्हें क्या हाल सब कुछ बेहाल है ये मुझे क्या पता . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपन...
झोंझ
कविता

झोंझ

********** रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' कितना सुन्दर घर है जिसको कहते झोंझ हैं तिनका-तिनका चुनकरके खूब सजाती झोंझ है जरा सहारा डाल का ईंट गारा सूखे-साखे खरपतवार का बड़ी लगन और मेहनत से कर डाला निर्माण है झोंझ का कितना सुन्दर कितना मनमोहक है बनता जाता झोंझ है जुगनूँ की मिट्टी से देखो चमक भी उठता झोंझ है रंग बिरंगे नील गगन में खाते रहता गोते है जरा सहारे एक लकड़ी के झूमता रहता झोंझ है . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्...
दूर रहना चाहता है
कविता

दूर रहना चाहता है

********** रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' ये मन बहलता भी नहीं है अकेले खेलता भी नहीं है किसी के साथ खेलूँ तो रुकता भी नहीं है ऐ प्रकृति तेरे आगोश में खेलना चाहता है मन इसकी जिद बस यही है, दूर दराज़ हवाओं के झोंको में लहर कर खुद से इठलाता है तुतलाता है,ठहरता है शायद इसकी चाह बस यही है, आसमाँ से बात और दिल के राज़ मुझसे हमेशा क्यों छुपाए रखता है आखिर दिल मेरा है मुझसे क्यों दूरी बनाए रखता है शायद मुझसे दूर रहना चाहता है अभी . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं,...
छिड़ गई बहस
छंद

छिड़ गई बहस

*********** रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' छिड़ गई बहस अब बंद नहीं होने वाली। सेना भारत की नहीं धैर्य खोने वाली। . अब पहले जैसी कोई भूल नहीं होगी। कोई भी रेखा अब प्रतिकूल नहीं होगी। . यह धरा कभी भी रिक्त हुयी न वीरों से। हमने हरदम युद्ध लड़े तदबीरों से। . कश्मीर हमारा है हम छोड़ नहीं सकते। जो व्यूह रचे हैं क्या हम तोड़ नहीं सकते। . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन " आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख,...
आधार है गुरु
कविता

आधार है गुरु

*********** रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' शिष्य की योग्यता का   आधार है गुरु... पावन बहती गंगा की   धार है गुरु... सत्य,न्याय,निष्ठा,प्रकाश की ओर ले जाने वाला मार्ग है गुरु... उतार-चढ़ाव की स्थिति में अपने लक्ष्य से विचलित न होने देने वाला साहस भी देता है गुरु... हार और जीत को समदर्शी दृष्टि से देखने वाली दृष्टि भी देता है गुरु... कोयले की खान में हीरे   को पहचानने की परख भी देता है गुरु... यहाँ तक की सारी दुनियाँ के गुरु का भी होता गुरु... लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन " आप ...
टकरा गईं आँखें
कविता

टकरा गईं आँखें

*************************** रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' हुस्न की दीवार से वो तो टकरा गई चाँदनी चाँद से भी है शरमा गई मज़हबी लोग भी मोहब्बत को करने लगे तेरी मोहब्बत ही मज़हब पर असर कर गई तेरी चाहत ने उसपर कयामत है ढाई आंखों से आंखें  लड़कर भी हैं मुस्कुराईं चाह में दर बदर तेरा इस कदर मिलना तू शाम थी या सुबह मेरे समझ में न आई लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन " आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प...
लगा मैं हवा हूँ
कविता

लगा मैं हवा हूँ

======================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' लिखूँ मौसम की क्या ताकत   तेरे कदमों में लाने को    मुशाफ़िर बन चुका हूँ मैं      तेरी चाहत को पाने को... बना हूँ सिरफ़िरा खुद मैं अभी आज़ाद बनने को लगा मैं हूँ हवा की बारिश खुद को भिगाने को...   यहाँ की भीड़ बस्ती को मैं हवा का झोंका लगता हूँ यहाँ की ख्वाब खामोशी के बदले ज़रा सा प्यार दो मुझको... लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन " आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं...
खत हजारों मुझे
कविता

खत हजारों मुझे

============================= रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' तूने लिखे थे खत   हजारों मुझे... मगर उस वक़्त एक भी न मिल सका मुझे... आज देख रहा हूँ तेरे पुराने से पुराने खत में रखी हैं छिपी तेरी यादें उन्हीं में उलझकर दिल ने तेरी याद दी मुझे... तेरी यादों ने मज़बूर   कर दिया अब तेरे साथ बीते पल    के लम्हों को लिखने को मुझे... लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन " आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्...
दर्द लिखते हैं
कविता

दर्द लिखते हैं

=================================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' हम तो आवाम का दर्द लिखते हैं, दुनियां जिसको भूलती है हम उसका नाम लिखते हैं, सारी खताओ को माफ़ करो मेरी, हम ऐसा इस दुनियां को पैगाम लिखते हैं... ममता रूपी समुन्दर में डुबा सबको देती है लेकिन साहब ये माँ की ममता ही है जिसमें डूबते तो हैं लोग मगर मरते नहीं हैं दुनिया में मानव का सच्चा साथ तो सिर्फ "आँशू" देते हैं... बाकी तो सब दिखावा मात्र होते हैं... मोहब्बत में मेरी आकर वो सियासत भूल जाती है मोहब्बत इश्क की जन्ज़ीर है जो एक दिन टूट जाती है मेरे खिलाफ़ तेरा बड़े से बड़ा सुबूत भी काम नहीं आयेगा... क्योंकि तूने मोहब्बत की है जिसे करने तेरा भाईजान नहीं आयेगा... एक घर जला है गर तो दूसरा जलाने की तुम कोशिश न करो कारण भी हो फ़िर भी किसी को विद्रोह की आग में झोंकने की कोशिश न करो लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप...
कुछ भी हो
कविता

कुछ भी हो

=================================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' मेरे हर प्यार पर वो प्यार को सहने वाले चलो हम साथ चल रहे अपनी जिंदगी से    डरने वाले हक़ीक़त कुछ भी हो   मगर हम नहीं हैं इस दुनियां से डरने वाले कोई अल्फ़ाज़ में अपने    मेरी बातों को    लाकर रख दे चाहें कितना भी कटु हो      मेरा वो सच फ़िर भी नहीं हम उससे    पीछे हटने वाले लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन " आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां,...
जीवन की नौका
कविता

जीवन की नौका

============================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' ये जिंदगी है    फ़ूल, बेल, लताओ       की तरह लेने हिलोरे है लगती बहती हवाओ के सहारे गम और खुशियो के मोती पिरोकर गले में माला डाल देती है हमारे अन्तता तक जीवन में खुशियो के लिए दौड़ हम करते रहे खुद ही खुद से लड़ झगड़ कर जीवन की नौका में विहार हम करते रहे क्योंकि बहुत चलकर देख सुनकर जिंदगी के साथ अकेले के अकेले ही रहे लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन " आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के ...
पूछता सैनिक
कविता

पूछता सैनिक

============================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' भारत वाले पूँछ रहे हैं  इन हुकूमत के दरवारों से, कब तक माँ न रोकेगी... बेटों को सरहद पर जाने से... जान गवाँकर मिला क्या उनको, मिट्टी में मिल जाने से... शौर्य पुरुष भी नहीं कहा है दिल्ली के दरबारों ने... घर अपना सूना कर डाला, वीर सपूतों लालों ने... माँ-बहने रोती हैं बिलखती बीते दिन की बातों में... सर्दी-गर्मी कुछ न देखें वो भारत माँ को जिताने में... जीतते जीतते खुद हार गया वो अपने ही अधिकारों से... भारत वाले पूँछ रहे हैं  इन हुकूमत के दरवारों से, लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस...
रिश्वत ! पर कुछ बोल
कविता

रिश्वत ! पर कुछ बोल

============================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' ! जनाब ! रिश्वत माँगी नहीं दी जाती है जब तक अपनी दी हुई रिश्वत से अपने ही इशारों पर सारे काम होते रहें, हम मुँह खोलने की कोशिश भी नहीं करते हैं बङी रिश्वत देने वाला तुम्हारे काम को रोककर अपना काम करवा या नौकरी पा लेता है उस दिन हम रिश्वत का ढिंढौरा पीटने लगते हैं ओ रिश्वत की साए में पलने वाले जनाब अब जरा अपने दिल पर हाथ रखिए कितने योग्य लोग आपकी रिश्वत के तले अपनी योग्यता साबित नहीं कर पाए और आप रिश्वत के दम पर यहाँ तक चले आए कितनों के दिल दुखाए हैं आपकी रिश्वत ने ये आपको नहीं पता ये हम आम लोगों से पूँछों..... लेकिन हकीकत ये है इस रिश्वत को पालते भी हम हैं और मिटाने की कोशिश भी करते हम हैं पोषते भी हम हैं इसको बलवान भी हम बनाते है जिस दिन रिश्वत की छुरी खुद पर चल जाती है उस दिन इसे कोशते भी हम हैं रिश्वत अच्छी भी है ...
देश शत शत नमन
कविता

देश शत शत नमन

=================================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा''  दे दिया है वतन तुमको अपना जनम बह रहे हैं लहू में मेरे अब सारे ये गम देश पर हैं कर रहे प्राण न्योछावर अब हम देश की सरहद हो चाहें    चाहें हो दुश्मन की दम           पैर पीछे हम न रखेंगे भले मौत को गले लगा लें हम    देश तुझको कर रहा हूँ नई पीढ़ी के अब हवाले हम      वीर कुछ हैं नए नवेले इनका मार्गदर्शन करना अब तुम छोड़ कर अब जा रहे हैं भारत माँ के गोद में हम माफ़ करना देश मेरे मुझको है तुम्हें लाखों कोटि शत शत नमन लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस...
सिर्फ़ तस्वीर
कविता

सिर्फ़ तस्वीर

=================================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' ये तन्हाई करीब आई है खुदा से पूछो कैसी किस्मत बनाई है रह रह कर जी रहा हूँ फ़िर भी सामने कई जंग आई हैं चल खुदा तेरा वादा किया पूरा जो मेरे पूर्वज गुज़र गए अब हिस्से में मेरे उनकी है सिर्फ़ तस्वीरें आई लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन " आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी मे...
तेरे बिन
कविता

तेरे बिन

=================================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' कितनी राते कितने दिन   मैं जिया हूँ तेरे बिन मिलती थी तन्हाई मुझसे      मेरे यारा जब         तेरे बिन होकर द्रवित तन-मन मेरा बहस खुद से कर लेता था बनकर के लहू के आँशू मेरा दिल रो उठता था         तेरे बिन ख्वाब सजाए वो बैठा था कई भोरों से शामों तक शीशा जैसी बिखर गई थी    उसकी खामोशी फिर            तेरे बिन कई सपनें व वादे      टूटे थे लाखों पथिक निकल     चुके थे उसके दिल की राहें सूनी थीं        तेरे बिन लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती...
सबकुछ हैं वो
कविता

सबकुछ हैं वो

=================================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' क्या होती है माँ वो माँ से पूछो क्या होता है पिता वो एक पिता से पूछो। खुद के सपनों को चकनाचूर करके तुमको क्या क्या दिया जरा मुङकर तो देखो।। तुम अपने ही ख्वाबों में डूबे हो अपनी शौक के खातिर ही जिद् करते हो जरा उनके अरमानों को उनके दिल पर हाथ रखकर तो देखो। कैसा दिल होता है उनका जरा खुद को उनमें ढालकर तो देखो।। माँ-पिता ने तुमसे कितने आसरे लगाए होंगे कभी खुद भी इसपर सोचकर तो देखो। कितने अपने हौंसलों को आग देकर उन्होंने तुमको उजाले में ला खङा किया है ये जरा खुद में झाँककर तो देखो।। लेखक परिचय : नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप...
मौन शक्ति
कविता

मौन शक्ति

=================================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' जो भी पाना है तुम्हें सब कुछ मिल जाएगा आसमाँ भी थोड़ा झुक जाएगा मुझे बस मौन रहना है लोग बुरा कहते हैं वो डराते हैं वो आलोचना करते-करते जीत कर भी हार जाएंगे मुझे बस मौन रहना है कष्ट सहकर,दर्द सहकर मुझे मंजिल की ओर जाना है टूटे गर मौन भी मेरा तो मुझे बस मुस्कराना है मुझे बस मौन रहना है मौन दुनियां की सबसे बड़ी शक्ति है जिसका मुझे उपयोग करना है इसे पाना सबसे साधारण है मुझे बस मौन रहना है लेखक परिचय : नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता ह...
विरह
कविता

विरह

विरह =================================== रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' गर्मियो में प्रेम का विरह सर्दियो की अपेक्षा अधिक क्यों सताता है शिवम अन्तापुरिया होकर चूर तेरी बाहो में मुझे सजना सवरना आता है खुदा से पूछता हूँ कौन हो तुम तो बस वो मुस्कुराता है मोहब्बत के सफ़र में हम तुम्हें यूँ मिल ही जाते हैं सफर अंजाम तक पहुँचे यही बस गुनगुनानते हैं हमारा हाल क्या है यारों ये मुझसे न तुम पूछो मोहब्बत के सफ़र में हम तुम्हें यूँ मिल ही जाते हैं सफर अंजाम तक पहुँचे यही बस गुनगुनानते हैं हमारा हाल क्या है यारों ये मुझसे न तुम पूछो मोहब्बत से सज़ी महफ़िल में वो नफ़रत दिखाते हैं लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं रुचि...