मम्मी मेरी प्यारी है
रिंकू बाबू यादव
नवाबगंज, बरेली (उत्तर प्रदेश)
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मम्मी मेरी प्यारी है।
सारे जग से न्यारी है।।
जब भी मुझको भूख लगती है।
अपने हाथों से खिलाती है।।
जब भी मैं डर जाता हूं।
अपने आँचल में मुझे छिपा लेती है।।
जब भी मुझको नींद नही आती।
लोरी गाकर सुलाती है।।
जब भी गलती करता हूं।
प्यार से मुझे समझाती है।।
मम्मी मेरी प्यारी है।
सारे जग से न्यारी है।।
जब भी मैं स्कूल जाता हूं।
तैयार मुझे कराती है।।
जब भी मैं थक जाता हूं।
आराम मुझे कराती है।।
जब भी मुझको कुछ लेना होता।
झट से समझ जाती है।।
जब भी गन्दा हो जाता हूं।
साबुन से नहलाती है।।
मम्मी मेरी प्यारी है।
सारे जग से न्यारी है।।
जब भी बाहर जाता हूं।
काला टीका मुझको लगाती है।।
जब भी मुझको खेलना होता।
बागों में ले जाती है।।
जब भी मैं गिर जाता हूं।
मुझको वो उठाती है।।
जब भी मुझको चोट लगती है।
मरहम वो लगाती है।।
मम्मी मेरी प्यारी है...