“स्त्री : नर की जीवनधारा”
राम बहादुर शर्मा "राम"
बारा दीक्षित, जिला देवरिया (उत्तर प्रदेश)
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महिला अबला का पर्याय
पर शक्तिरूप अभिव्यक्ति है
म मनुष्य का प्रथमाक्षर
म से ही मनुज उतपत्ति है
हि मे हिमालय सा हिय विराट
ममता वात्सल्य और भक्ति है
ला है लाखो स्वरूप का द्योतक
यह एक रूप में स्त्री है
यह जननी है, यह भगिनी है.
पत्नी, पुत्री, और प्रेयसी है।
है नमन आज शत बार उसे
जो हर मानव की शक्ति है
जब मैं एक पिंड अजन्मा था
नव मास कोख में ढोया था
जब जन्म लिया तब प्रथमबार
जिस पावन कुक्षि में रोया था
वह पीड़ा में भी मुसकायी
ममता परिपूर्ण आहलादित थी
वह जननी भी एक महिला थी
वात्सल्य पूर्ण आच्छादित थी
बचपन में खेला जिसके संग
जिसने लाड़-दूलार दिया
अपने से बढकर जिसने मुझको
चाहा, पुचकारा, प्यार किया ।
वह भगिनी थी जिसके हिस्से का भी
प्यार मुझे भरपूर मिला
वह भी तो एक महिला थी
छोड़ा अधिका...