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Tag: मो. जमील

सोशल मीडिया और बढ़ते अपराध
आलेख

सोशल मीडिया और बढ़ते अपराध

मो. जमील अंधराठाढी (मधुबनी) ******************** सोशल मीडिया वर्तमान में अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां लोग अपनी रचनात्मकता और कलात्मकता का प्रयोग कर अपनी प्रतिभा को सभी के सामने रख सकते है। शायद यही कारण है कि कम समय में यह प्लेटफार्म युवाओं के दिल और दिमाग पर राज कर रहा है। सोशल मीडिया पर सक्रिय होना बुरा नहीं है। बच्चों से लेकर बड़े तक सभी इस प्लेटफार्म का प्रयोग अपने अनुसारकर रहे है। जिसके अच्छे और बुरे परिणाम हमारे सामने वीडियो वायरल होने से लेकर दरिंदगी की खौफनाक घटनाओं के रूप में सामने आ रहे हैं। खुद को जनता के बीच चर्चित करने या फिर अपने टैलेंट को दिखाने के लिए भी इसका इस्तेमाल बखूबी हो रहा है। अच्छे और बुरे परिणामों की बात करने वाद अहम सवाल यह उठता है कि क्या सोशल मीडिया बुरा है या फिर उसके उपयोग कसे का तरीका? आपका भी जवाव शायद तरीका ...
लिखते रहेंगे
कविता

लिखते रहेंगे

मो. जमील अंधराठाढी (मधुबनी) ******************** हम लिखते रहेंगे अन्याय के खिलाफ मेरी कलम हमेशा चलेगी मैं सच्ची बात लोगों तक पहुंचाऊंगा मेरी कलम लोगों को फायदे पहुंचाएगी मैं अपनी कलम से नफरत को जड़ से मिटाकर रहुंगा मैं अपनी कलम से लोगों को जागरूक करुंगा मेरा काम है लिखना पढ़ना और लोगों तक प्रेम की बातें पहुंचाना जिसकों अभी तक इंसाफ नहीं मिला मैं अपनी कलम के माध्यम से इंसाफ दिलाऊंगा मैं कविता लेख के माध्यम से लोगों को जागरूक करुंगा मैं अपनी कलम से बलात्कारी जैसी घिनौनी हरकत को खत्म करके रहुंगा मैं अपनी कलम से नारी को सम्मान दिलाऊंगा मैं अपनी कलम से बुराइयों को दफन करके रहुंगा मैं अपनी कलम से चहुंओर खुशियाँ पहुंचाऊंगा अपनी कलम से बेसहारा को सहारा दिलाकर रहुंगा मैं अपनी कलम हमेशा चलाता रहुंगा। . परिचय :-  मो. जमील अंधराठाढी (मधुबनी) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां,...
दोबारा बचपन फिर मिले
कविता

दोबारा बचपन फिर मिले

मो. जमील अंधराठाढी (मधुबनी) ******************** काश मैं फिर बन जाऊँ बच्चा माँ की गोद में फिर खाऊंगा खाना दोस्तों के साथ बागीचों में फिर खेलूंगा लुकाछिपी स्कूल के लास्ट बेंच पर फिर करुंगा पढ़ाई असली मोबाइल की जगह नकली मोबाइल फिर मिल जाएं माँ से फिर सुनने को मिले कहानी पिता से फिर सुनने को मिले डांट दोस्तों के साथ हंसी मजाक फिर करने को मिले माँ की लात फिर खाने को मिलें माँ-पिताजी के साथ फिर कहीं जाने को मिलें बहन की पैसा फिर चुराने को मिल जाएं बहन के साथ झगड़ा करने की मौका फिर से मिल जाएं काश दोबारा बचपन फिर मिल जाएं। . परिचय :-  मो. जमील अंधराठाढी (मधुबनी) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके...