Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: मुनीब मुज़फ्फ़रपुरी

मेहरबाँ बनता गया
कविता

मेहरबाँ बनता गया

************ मुनीब मुज़फ्फ़रपुरी जिस ज़मीं पर पाँव रखा आस्माँ बनता गया जिस ने मेहनत की हमेशा कामरां बनता गया चाँद एक बादल के टुकरे में छुपा बैठा रहा दिल का मेरे दर्द सब दर्द ए निहाँ बनता गया सब के सब मानूस थे बारिश हवा या धूप हो उसने जिस को भी कहा सब साइबाँ बनता गया जो भी अपने थे मेरे सब छोड़ के जाने लगे सब से कट कट के मेरा अपना जहाँ बनता गया क्या हुनर थे मुझमे हाँ मैं जंग कैसे जीत ता खेल क़िस्मत का हमेशा मेहरबाँ बनता गया लेखक परिचय :- नाम: मुनीब मुजफ्फरपुरी उर्दू अंग्रेजी और हिंदी के कवि मिथिला विश्वविद्यालय में अध्ययनरत, (भूगोल के छात्र)। निवासी :- मुजफ्फरपुर कविता में पुरस्कार :- १: राष्ट्रीय साहित्य सम्मान २: सलीम जाफ़री अवार्ड ३: महादेवी वर्मा सम्मान ४: ख़ुसरो सम्मान ५: बाबा नागार्जुना अवार्ड ६: मुनीर नियाज़ी अवार्ड आने वाली किताबें :- १: माँ और मौसी (उर...
माज़रत चाहता हुँ
कविता

माज़रत चाहता हुँ

************ मुनीब मुज़फ्फ़रपुरी माज़रत चाहता हुँ मैं तुझसे अब तेरी कम इधर निगाहें हैं तुझ से वाबसता अब नही हुँ मैं मुख़्तलिफ़ तेरी मेरी राहें हैं वसल का ख़्वाब ख़्वाब ही रखिए क्या तबस्सुम है क्या अदाएँ हैं किस तरह पासबाँ सुकून मिले राह तकती अभी निगाहें हैं इसलिए कोई आ न जाए कहीं हम ने अक्सर दिए जलाएँ हैं क्या ताअस्सूर है यार लहजे में किस तजस्सुस में आप आएँ हैं लेखक परिचय :- नाम: मुनीब मुजफ्फरपुरी उर्दू अंग्रेजी और हिंदी के कवि मिथिला विश्वविद्यालय में अध्ययनरत, (भूगोल के छात्र)। निवासी :- मुजफ्फरपुर कविता में पुरस्कार :- १: राष्ट्रीय साहित्य सम्मान २: सलीम जाफ़री अवार्ड ३: महादेवी वर्मा सम्मान ४: ख़ुसरो सम्मान ५: बाबा नागार्जुना अवार्ड ६: मुनीर नियाज़ी अवार्ड आने वाली किताबें :- १: माँ और मौसी (उर्दू और हिंदी ग़ज़ल) २: रिदम की दुनिया (अंग्रेजी कविता) ३...
जाम लब से छलकता नही है
कविता

जाम लब से छलकता नही है

************ रचयिता : मुनीब मुज़फ्फ़रपुरी मैकदों भूल जाओ मुझे तुम जाम लब से छलकता नही है तेरी आँखों में अब प्यार हमदम पहले जैसा झलकता नही है यूँ बग़ीचे में हैं फूल इतने कोई तुझसा महकता नही है तुम मुझे याद आते नही हो अब मेरा दिल धड़कता नही है पहले थी कुछ ख़यालों की उलझन फ़र्क़ अब मुझको पड़ता नही है बारिशों में जो ख़ुशबू थी पहले अब वो बादल बरसता नही है से सबा उससे जा कर के कहना तेरा आशिक़ तड़पता नही है मैं उसे याद करता नही हूँ वो भी मुझमें उलझता नही है यूँ ग़ज़ल मैंने कहली है लेकिन हाथ मेरा बहकता नही है वो सफ़र से परिशाँ है लेकिन हमसफ़र साथ रखता नही  है यूँ ‘मूनीब’ उससे दूर होगए हम वो निगाहों में जंचता नही है। लेखक परिचय :- नाम: मुनीब मुजफ्फरपुरी उर्दू अंग्रेजी और हिंदी के कवि मिथिला विश्वविद्यालय में अध्ययनरत, (भूगोल के छात्र)। निवासी :- मुजफ्फरपुर कविता...
देखता रहता हूँ मैं छत से तुम्हें देर तलक
कविता

देखता रहता हूँ मैं छत से तुम्हें देर तलक

========================== रचयिता : मुनीब मुज़फ्फ़रपुरी याद आजाए तो एक बार बता भी देना शहर तो देख लिया दिल का पता भी देना मेरी आँखों ने तुम्हें देख लिया है यारा पास अजाऊँ तो आवाज़ सुना भी देना देखता रहता हूँ मैं छत से तुम्हें देर तलक ऐसे मौक़ों पे कभी हाथ हिला भी देना ये बड़ा काम है इसका भी अजर पाओगे रह चलते हुए पत्थर को हटा भी देना बेज़बाँ को भी शजर याद तो आता होगा यार पिंजरे से परिंदो को उड़ा भी देना हर घरी चुप नही रहना ज़रा मूनीब सुनो ज़ुल्म होता हो तो आवाज़ उठा भी देना लेखक परिचय :- नाम: मुनीब मुजफ्फरपुरी उर्दू अंग्रेजी और हिंदी के कवि मिथिला विश्वविद्यालय में अध्ययनरत, (भूगोल के छात्र)। निवासी :- मुजफ्फरपुर कविता में पुरस्कार :- १: राष्ट्रीय साहित्य सम्मान २: सलीम जाफ़री अवार्ड ३: महादेवी वर्मा सम्मान ४: ख़ुसरो सम्मान ५: बाबा नागार्जुना अवार्ड ६: मुनीर न...
बंद आँखों से सितारों का जहाँ देख रहे हो
कविता

बंद आँखों से सितारों का जहाँ देख रहे हो

=================================== रचयिता : मुनीब मुज़फ्फ़रपुरी यहाँ से तुम खड़े हो कर के कहाँ देख रहे हो पता है किसने दी नज़रें जो जहाँ देख रहे हो बज़मे जाना में जो बैठोगे तो खाओगे ज़ख़्म ये सही है के वहीं देखो जहाँ देख रहे हो इस तरह खोए हुए हो कहाँ आकाश में तुम बंद आँखों से सितारों का जहाँ देख रहे हो तुम बहुत देर से कोशिश में हो पढलो मुझको क्या नजूमि हो,मेरा दर्द ए नहाँ देख रहे हो वो नज़र फेर रहा है अजीब तुम हो मगर तुम यहाँ देख रहे हो के वहाँ देख रहे हो लेखक परिचय :- नाम: मुनीब मुजफ्फरपुरी उर्दू अंग्रेजी और हिंदी के कवि मिथिला विश्वविद्यालय में अध्ययनरत, (भूगोल के छात्र)। निवासी :- मुजफ्फरपुर कविता में पुरस्कार :- १: राष्ट्रीय साहित्य सम्मान २: सलीम जाफ़री अवार्ड ३: महादेवी वर्मा सम्मान ४: ख़ुसरो सम्मान ५: बाबा नागार्जुना अवार्ड ६: मुनीर नियाज़ी अवार्ड आने व...