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Tag: माधवी तारे (लन्दन से)

संवेदना
लघुकथा

संवेदना

माधवी तारे (लन्दन से) इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** ट्रिंग-ट्रिंगsss मोबाईल की रिंगटोन बज रही थी। रखमा की राह देखते-देखते घर के आवश्यक कार्य सम्पन्न कर प्रतिभा जरा-सी लेटी ही थी। ढेरे सारे काम अभी अधूरे थी। 'बाद में देखूँगी'- कहकर आराम करने के मूड में थी वह, पर दीर्घ काल तक बजती रिंगटोन ने हैरान कर दिया। फोन उठाना ही पड़ा। हैलो !! कौन बोल रहा है? आवाज अपरिचित-सी लग रही थी। मैं बोल रही हूँ मैडम! रखमा बाई की बड़ी बेटी हूँ। क्या कहना है? मॅडम जी! आज सवेरे मम्मी फिसलकर गिर गई है। उसके पैर में फ्रैक्चर हुआ है। उसे मैं सरकारी अस्पताल में प्लास्टर लगाने के लिये ले आयी हूँ। आधी-अधूरी बेहोशी की अवस्था में उन्होंने मुझे सिर्फ आपके घर में यह बात सूचित करने को कहा है। अरे, भगवान! ये कैसी आफ़त आन पड़ी है? अब क्या करूं? काहे का आराम? उठ जाओ, अधूरे सारे काम मुझे ही पूर्ण करने हैं। घर क...
जीवन – निर्झर
कविता

जीवन – निर्झर

माधवी तारे (लन्दन से) इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** छंद लिखो, छंद भेजो, छंदों का बनेगा अंक।। छंद की धुन में, मन में उठी अक्षर-तरंग। छंदानुकुल विषय खोज में, मन मे मचा द्वंद।। सब सीमा रेखाएँ लाँघ, आया कोरोना, निगलते नर-संघ। उम्र, जाति, और लिंग भेद बिना, किया सर्वनाश स्वच्छंद।। राजा हो या रंक, सबकी खातिर एक समान। जनजन का "अंति गोत्र", कोरोना का संविधान।। अर्थनीति हो या धर्म नीति, जन्म-मृत्यु या प्रणय-प्रीति। जीव से जीव का ना हो संग सब पर कोरोना का प्रतिबिंब।। सहे हर सदी में मानव ने प्रलय भयंकर, लेकिन, आत्मसंयम, मनो-धैर्य से, "बहता रहा जीवन निर्झर"॥ संकलन (लंदन से प्रेषित हैं) परिचय :- माधवी तारे वर्तमान निवास : लन्दन मूल निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक...