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Tag: मनीषा जोशी

अपनी प्यारी हिन्दी
कविता

अपनी प्यारी हिन्दी

मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** हिन्दी भाषा आन है अपनी हिन्दी भाषा शान है अपनी। हिन्दी भाषा रत्न है अपनी। यह उत्सव है,जश्न हैअपनी। गागर में सागर यह भरती। चमत्कार शब्दों से करती। दादी,नानी के क़िस्सों में बसती। माँ की हर लोरी में सजती। खुशबू बनकर महक रही है। सूरज बनकर चमक रही है। सुंदर सरल अनोखी हिन्दी। है संस्कृत की बेटी हिन्दी। भारत की पहचान है हिंदी। हम सबका अभियान है हिन्दी। हिंदी अपनी और बढ़ेगी। दुनिया का सिरमौर बनेगी। अ से अज्ञानी तक चलती । ज्ञ से ज्ञानी तक ले जाती। जीवन की परिभाषा हिंदी। हम सब की अभिलाषा हिंदी। परिचय : मनीषा जोशी निवासी : खोपोली (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच ...
शिक्षक
कविता

शिक्षक

मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** ईश्वर का प्रतिरूप हैं शिक्षक। श्रद्धा रूप अनूप है शिक्षक। संघर्ष से लड़ना सिखाते शिक्षक। राहों को सरल बनाते शिक्षक। हर अँधेरे में रोशनी दिखाते शिक्षक। कभी प्यार से, कभी डांट से हमको ज्ञान देते शिक्षक। हर पल बच्चो का भविष्य बनाते शिक्षक। जीवन के हर पथ पर सही गलत की राह दिखाते शिक्षक। जीवन जीने का पाठ पढ़ाते हैं शिक्षक। बच्चो के भाग्य बनाते है शिक्षक। परिचय : मनीषा जोशी निवासी : खोपोली (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहा...
गुरू
कविता

गुरू

मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** गुरु वही जो जीवन के अंधेरों में प्रकाश बन कर आते हैं। ईश्वर के बाद हमें ज्ञान की सीख सिखाते हैं। जीवन पथ पर जो राह दिखाते हैं। मन के भीतर वो विश्वास का दीपक जलाते हैं। हमें इंसानियत और धैर्यता का पाठ पढ़ाते हैं। गुरू वही जो संकट से लड़ना सिखाते हैं। गुरु वही जो हमें संपूर्ण मानव बनाते हैं। गुरु पुस्तक गुरु अरदास हुए। परिचय : मनीषा जोशी निवासी : खोपोली (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें ...
बेटी
लघुकथा

बेटी

मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** आज बाबूजी बहुत ही उदास और अनमने से थे। उन्हें अपनी पत्नि सुमित्रा की बहुत याद आ रहा थी। उनके जन्मदिन पर वह उनकी पसंद के तरह तरह के व्यंजन बनाती थी। सुबह से शाम होने आयी किसी ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई नहीं दी। यही सोच रहे थे तभी उनकी बेटी स्मिता का फोन आया। जन्मदिन की बधाई बाबूजी, बाबूजी खुश हो कर बोले अरे बेटा तुझे याद था मेरा जन्मदिन तभी बहू ने आकर सुना और कहने लगी उम्र हो गयी है और इन्हे इस बुढ़ापे में भी जन्मदिन मनाना है। बाबूजी सोचने लगे बेटी दूर होकर भी कितने पास है। यह वही बेटी है जिसे हम जन्म से पहले मार देना चाहते थे। बाबूजी की पलकों से आँसू छलक उठे। परिचय : मनीषा जोशी निवासी : खोपोली (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख...
बेटे
कविता

बेटे

मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** आन, बान और शान हैं बेटे। हिम्मत और अभिमान है बेटे। दादा दादी के हैं प्यारे, मां बापू के राजदुलारे। खुशियों भरी उड़ान हैं बेटे। आन, बान और शान हैं बेटे। कविता दोहे छंद सरीखे, खुशबू और मकरंद सरीखे। फूलों के उद्यान हैं बेटे। आन, बान और शान हैं बेटे। हैं खुशियों के रेले जैसे घर के अंदर मेले जैसे। आशा और अरमान है बेटे। आन, बान और शान हैं बेटे। परिचय : मनीषा जोशी निवासी : खोपोली (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें h...
नवरात्रि उत्सव
आलेख

नवरात्रि उत्सव

मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** हमारे क्षेत्र का नवरात्रि का उत्सव श्रद्धा, आस्था और उपासना के रंग में सरोबार रहता है। मध्यप्रदेश में देवास जिले में एक छोटा सा हमारा गाँव मोखापीपल्या है। वहाँ की कुलदेवी माँ अम्बा है। हम अम्बे माता कहते है। नवरात्रि के नौ दिन वहाँ धूप होती हैं जिसे ज्योत धूप कहते है। नवमी शाम और दशहरा की सुबह धाया पाठ की बैठक होती हैं। धाया पाठ नवरात्रि के नौ दिन होने के बाद भगवान की विदाई को कहते है। इसे संस्कृत में उत्तरार्ध कहते हैं। परिवार में सात पीढ़ी का वरदान है, ईश्वर आप के द्वारे आयेंगे। ऐसी मान्यता है कि ये जोड़ी के रूप में आते हैं, जिन्हे भीलट और कवाजा नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर दो पाटों को पूजा जाता हैं जिन्हें थानक कहते हैं। इनकी सवारी किसी व्यक्ति पर आती है। सभी भक्ति भाव भेंट द्वारा उन्हें संतुष्ट करते हैं। बहुत ही श्रद्धामय वातावरण ह...
दिवाली के दीप जलाये
कविता

दिवाली के दीप जलाये

मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** आओ मिलकर दीप जलाये। हर घर आँगन मै रंगोली सजाये। वनवास पूरा कर आये भगवन। अयोध्या के मन भाये भगवन। लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती का करे पूजन। घर घर जाये करने मिलन। हम अपने दिलों से नफरतों को मिटायेँगे! अपने घरों में हम आज स्नेह के दीप जलाएंगे! मन के अँधेरो को दूर कर खुशियों के बादल बरसायेंगे। दीए की ज्वाला में छल कपट ईर्ष्या को जलायेंगे। हम एकता ओर सदभावना का सबक सिखायेंगे। आज रात हम सब दिव्य दीप जलायेंगे। परिचय : मनीषा जोशी निवासी : खोपोली (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवान...
आश्रम
लघुकथा

आश्रम

मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** पति के गुजर जाने के बाद राधादेवी की जिंदगी बस दोनों बेटो के घर के इर्द गिर्द गुजर रही थी। दोनों बेटो के एक शहर में रहने से जिसे जरूरत लगती माँ को बुला लेता। वो परेशान सी हो गई थी। एक दिन छोटी बहू ने जरा सी चाय गिरने पर बहुत बुरा भला कहा दुखी हो राधादेवी घर से निकल कर मंदिर मै जा कर बैठ गई। वही उन्हे एक बुजुर्ग दम्पति मिले वह दोनों आश्रम मै रह रहे थे। उनसे मिलकर राधादेवी ने एक निर्णय लिया। घर आई और अपना सामान पैक करने लगी और बोली आज से मै आश्रम में रहूँगी। बेटे आश्चर्य से बोले क्यों? माँ ने बड़े ही गंभीर स्वर में बोला बाकी दिन मै अपने सुकून और आनन्द से बिताना चाहती हूँ। तुम लोग मेरी चिंता ना करो। तुम्हारे पिताजी की पेंशन से गुजारा हो जायेगा और ऐसे भी तुम लोगों को मेरी जरूरत होती हैं तभी याद आती हूँ। और वह चली गई दोनों बेटे मुँह ताकते रह गय...
कर्मो का हिसाब है जिदंगी
कविता

कर्मो का हिसाब है जिदंगी

मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** कभी-कभी उदासी की, आग है जिदंगी। कभी-कभी खुशियों का, बाग है जिदंगी । हँसता और रूलाता, राग है जिदंगी। खट्टे-मीठे अनुभवों, का स्वाद है जिदंगी। चंद लम्हों को पाने की होड़ है जिदंगी। रिश्तों में, एक खूबसूरत मोड़ है जिदंगी। कोरे कागज पर लिखी, किताब है जिदंगी। प्यार का एक महकता गुलाब है जिंदगी। जागी आंखों का एक ख्वाब है जिंदगी। अपने किऐ हुए, कर्मो का हिसाब है जिदंगी। परिचय : मनीषा जोशी निवासी : खोपोली (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंद...
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मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** ईश्वर का प्रतिरूप हैं शिक्षक। श्रद्धा रूप अनूप है शिक्षक। संघर्ष से लड़ना सिखाते शिक्षक। राहों को सरल बनाते शिक्षक। हर अँधेरे में रोशनी दिखाते शिक्षक। कभी प्यार से, कभी डांट से हमको ज्ञान देते शिक्षक। हर पल बच्चो का भविष्य बनाते शिक्षक। जीवन के हर पथ पर सही गलत की राह दिखाते शिक्षक। जीवन जीने का पाठ पढ़ाते हैं शिक्षक। बच्चो के भाग्य बनाते है शिक्षक। परिचय : मनीषा जोशी निवासी : खोपोली (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप ...
बेटियाँ
कविता

बेटियाँ

मनीषा जोशी खोपोली (महाराष्ट्र) ******************** ईश्वर की सौगात, खुशियों की बरसात हैं बेटियाँ। आँगन की चिड़ियाँ, पापा की गुड़िया हैं बेटियाँ। हर घर की खुशहाली, आंगन की हरियाली हैं बेटियाँ। तारों की शीतल छाँव, दिल का लगाव हैं बेटियाँ। फूलों की सुन्दर क्यारी, सबसे प्यारी न्यारी है बेटियाँ। समुद्र सी विशाल, गंगा सी निर्मल हैं बेटियाँ। औैस की बूँद सी, शंख की गूंज सी हैं बेटियाँ। घर की न्यारी रौनक, खुशियों की दौलत है बेटियाँ। अपने पापा की जान, माँ की पहचान होती हैं बेटियां। परिचय : मनीषा जोशी निवासी : खोपोली (महाराष्ट्र) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानिया...