Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: मनकेश्वर महाराज “भट्ट”

फेसबुक
कविता

फेसबुक

मनकेश्वर महाराज "भट्ट" मधेपुरा (बिहार) ******************** फेसबुक का दौर चल रहा है सुबह, शाम, दोपहर होने का कैसे मॉर्निंग, आफ्टरनून, एंवनिग करने का खेल हो रहा है नमस्कार, प्रणाम से देखों कैसे लोग बोर हो रहे है सब-सब से मौन होकर देखों फेसबुक पर शौर हो रहे है एक लड़की के पीछे देखों कितने आदमखोर सुबह शाम हो रहे है दूसरे की बहन पर देखों कैसे अभद्र भाषा की टिप्पणी छोड़ रहे है। रात दिन ऑनलाइन होकर देखों कैसे औरत की व्यवस्ता को तौल रहे है मित्र बने नहीं देखों कितने कॉल मैसेज हो रहे है। उफ देखों ये कैसा घिनौना खेल हो रहा है उधर देखों लड़का लड़की की आईडी से कैसे मिलन जोड़ हो रहे है ये कैसा आधुनिकता का भोर हो रहा है।   परिचय :-  मनकेश्वर महाराज "भट्ट" साहित्यकार , शिक्षक मधेपुरा , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकत...
हाँ ! डर लगता है, पर तुम्हारें जैसा नहीं…..
कविता

हाँ ! डर लगता है, पर तुम्हारें जैसा नहीं…..

मनकेश्वर महाराज "भट्ट" मधेपुरा (बिहार) ******************** मैं कहूँ ऐसे की तुम्हें कहीं डर सा ना लगे दे देतें हो भारत माँ को गाली फिर तुम्हें बोलने से डर लगे अपनी बातों के लिए हर किसी को घसीटते सरे आम फिर कहो ये कैसा डर लगे डर कैसा होता ये कभी उस नन्ही निडर से पूछों जो जानती है पल भर में नोंच खाएंगे दरिंदे उन्हें जो हर पाँव सहम कर रखती जो भड़ी सड़कों पर भी घरवालों को साथ लेकर चलती है हैवानों दरिंदो के डर से फिर तुम कहो ये डर क्यों नहीं दिखता तुम्हें तुम अपने ही बातों में क्यों नहीं दिखाते इस डर को हमें भी डर लगता है पर तुम्हारे जैसा नहीं कब नोंच खाएँ दरिंदे बेटी, बहन, माँ को हाँ ! डर लगता है, पर तुम्हारें जैसा नहीं.....   परिचय :-  मनकेश्वर महाराज "भट्ट" साहित्यकार , शिक्षक मधेपुरा , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ...