महुए के हर अंग पर
भीमराव झरबड़े 'जीवन'
बैतूल मध्य प्रदेश
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महुए के हर अंग पर, चढ़ा नशीला प्यार।
हुरियारा किंशुक कहे, सुंदर हो संसार।।१
श्याम राधिका की तरह,प्रीत करें नर नार।
कान्हा के ब्रजधाम सा, सुंदर हो संसार।।२
इस धरती पर प्रीत की,मधुरिम बहे बयार।
कष्ट रहित हो जीव सब, सुंदर हो संसार।।३
अंतस में सौहार्द का, भरा रहे उद्गार।
नष्ट फसल हो द्वेष की, सुंदर हो संसार।।४
संस्कृति में सौंदर्य के, चाँद लगे हों चार।
सबको दे सम्मान सब, सुंदर हो संसार।।५
सबके सपनों को मिले,उन्नति का आधार।
हो कुटुम्ब वसुधैव तब, सुंदर हो संसार।।६
गया न कोई स्वर्ग में, झूठा है हरिद्वार।
सच तो खजुराहो कहे, सुंदर है संसार।।७
परिचय :- भीमराव झरबड़े 'जीवन'
निवासी- बैतूल मध्य प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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