प्रेम पूर्ण निवेदन
भारमल गर्ग "विलक्षण"
जालोर (राजस्थान)
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प्रिय महादेवी,
आज यह पत्र लिखते समय मेरा हृदय कमल की भाँति खिल उठा है, क्योंकि तुम्हारे प्रति मेरे भावों को शब्दों में बाँधने का यह अवसर मुझे दिव्य आनंद प्रदान कर रहा है। तुम्हारे सौंदर्य की छटा, तुम्हारे मधुर स्वभाव की मंदाकिनी, और तुम्हारी निर्मल मुस्कान की किरणें ये सभी मेरे जीवन के अंधकार को प्रकाशित कर देती हैं। तुम्हारे सान्निध्य में मुझे ऐसा प्रतीत होता है मानो समस्त सृष्टि ने अपने रहस्यमय आलिंगन में मुझे समेट लिया हो।
तुम्हारी आँखों में वह गहराई है जिसमें मैं अपने अस्तित्व का सार पाता हूँ। तुम्हारा एक क्षण भी मेरे लिए युगों के समान हो जाता है, और तुम्हारी अनुपस्थिति में प्रत्येक पल एक अंतहीन रात्रि-सा प्रतीत होता है। तुम्हारे बिना यह संसार फीका और नीरस है, परंतु तुम्हारे साथ प्रत्येक कण में मधुरता का संचार हो...