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Tag: भारती कुमारी

प्रेम-संचार
कविता

प्रेम-संचार

भारती कुमारी मोतिहारी (बिहार) ********************** प्रेम भरी रात में प्रिये पी लेती हूँ मधुमास बंसी की धुन से मन को टटोल लेती हूँ प्रेम में अनुराग-मय अर्थ को पा लेती हूँ जब हृदय से प्रेम पर जीत जाती हूँ तब मन को नयी धुन से सजाती हूँ हृदय को समझा कर एकान्त मन में प्रेम जगाती हूँ बहते नीर को पीकर उस प्रेम अर्थ को ढूंढती हूँ, जो प्रिये के प्राण को संचार कर सके मेरे प्रिये उस दिशा की ओर जा रहे है जहाँ मेरे लिये फूलों की बरसात होगी कान्हा का प्रेम कष्ट हरने वाली हर दिशा को कल्याण करने वाली है सूने मन में जीवन भर के लिए नई तरंग भरने वाली है होगा प्रभात नये उमंग से प्रभु के संग से निष्ठा के प्रेम अंग से अनंत प्याले मधुमय बनेंगे आँसू रुपहले सुनहली मुस्कान में बदलेंगे बंसी की धुन जब नुपूर-झंकार में बदलेंगे।। . परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार ...
साधना
कविता

साधना

भारती कुमारी मोतिहारी (बिहार) ********************** थाल सजाए पूजा की, तेरे दरपे प्रभु आई। ध्यान लगाएं कब से, क्षण-क्षण जो बिताएं।। पल-पल भी बीत रहे, जीवन भी सब रीत रहे। समझ ना तुम प्रेम पाये, बैठी हूँ तेरा ध्यान लगाएं।। आवोगे कब सन्मुख मेरे, मैं मतवाली प्रतीक्षा करती। ध्यान लगाएं जीवन बिताएं, हर पल प्रयत्न करते जाते।। आशा की कलियों से खेलती, देखती तेरी मधुमय मुँख को। ध्यान जब तेरे चरणों में लगाती, पहचान प्रिये मैं तुझसे हीं पाती।। . लेखक परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु ड...
प्रेम धुन सुन रही
कविता

प्रेम धुन सुन रही

*********** भारती कुमारी (बिहार) कुछ उम्मीदें बुन रही, शरद चाँदनी पी रही, मन हीं मन जी रही, प्रिये तुझे चुन रही, प्रेम धुन सुन रही। खुद में सिमट रही, हृदय कुछ कह रही, धरती से अम्बर तक, तुझे हीं मन ढूंढ रही, प्रेम धुन सुन रही। नयन प्रेम पथ निहारती, बस पल-पल पुकारती, आ जाओ अब प्रिये, मन मधुर प्रीत में खो रही, प्रेम धुन सुन रही। . लेखक परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें...
जीवन-पथ
कविता

जीवन-पथ

*********** भारती कुमारी (बिहार) अनजान पथ की राही हूँ। चलती हूँ, गिरती हूँ, व्यथित-मन, व्याकुल-हृदय, सत्य दर्शन पाने को। ध्यान लगाएं, प्रतिपल जगजीवन में, मधुर मुक्ति बंधन की। उमड़-उमड़ कर उठती, नवजीवन की मृदुल स्वर। इच्छा आत्म-सम्मान की, रह-रह कर हृदय प्रतिपल, खुल-खुल कर जीती। पीती मधुरस क्षण-क्षण।। हो रही मधुमय जगजीवन, करुण-कोर अब स्वर्ण-किरण की, सपनों में हर पल खो रही। बस जीवन को मधु-सा जीती।। अनजान हूँ, फिर भी पहचान, सुप्रभात की निर्माण से होती। . लेखक परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gm...
आभास
कविता

आभास

*********** भारती कुमारी (बिहार) दुनिया आभास आभास जीवन का जिस पर रंग जाने कैसे चढ़ा एक बोझ पाप का सत्य आवाज किसको देती अंधकार में संसार जो पड़ी चुपचाप धीरे-धीरे चली सहसा उठाई सत्य विचार बस पल-भर मौन हो गयी इतने में जीवन धीरे-धीरे ज्योतिर्मय हो गयी . लेखक परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें...🙏🏻 आपको यह रचना अच्छी लगे तो...
जली दीपक प्रेम की
कविता

जली दीपक प्रेम की

*********** भारती कुमारी (बिहार) मृदुल मन में पुलक-पुलक कर पुलकित ह्रदय विह्वल प्रेम में उलझ-सी गयी जैसे मधुरस में ह्रदय प्रणय स्वप्न में खो गयी जली दीपक प्रेम की उत्थान-पतन मधुमय जीवन में होती सिंचित प्रेम दिगमंडल रूप-सी बोलूं मधुर स्वर मधुमय ध्वनी-सी जली दीपक प्रेम की तन-मन मुग्ध हो गयी प्रेमरस-सी रोम-रोम असीम प्रकाश भर गयी फूटी ह्रदय में गहन विधुत प्रेममयी अणु जली दीपक प्रेम की .... . परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु ड...
प्रियतम
कविता

प्रियतम

*********** भारती कुमारी (बिहार) हो गयी अग्नि परीक्षा, सम्मान कर लो आत्मा की। व्यथा ह्रदय की सुन लो, बस वाणी में अमृत घोलो। . तेरी मधुर प्रेम की प्यासी, सम्मान कर लो अनुनय प्रेम की। खिलकर मुरझाना पसंद है, बस अपमान की व्यथा में ना धकेलो। . गर्व मैं करूँ तपस्वीनी-सी, ध्यान मैं तेरा धरूँ मनस्वीनी-सी। पहचान हो जगत में दीपशिखा-सी, बस प्रियतम की चरणामृत पान करूँ। . लेखक परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें...
रहस्यमयी प्रेम
कविता

रहस्यमयी प्रेम

*********** भारती कुमारी (बिहार) प्रेम की विस्मय में डूब गयी आनंद विह्वल ह्रदय हो गयी उज्जवल-सी लालिमा छा गयी सौंदर्य-सुधा शीतलता में बरसती सहस्त्र सिद्धि-सी जीवन विस्तृत हुई अनायास मंद गति से प्रणय प्रेम निमंत्रण देकर ज्वलंत उमंग में छाई घूँट-घूँट पीते हीं अनहद नाद-सी प्रेममयी ध्वनियाँ ह्रदय में उल्लास भरती प्रेम स्पर्श पाती विह्वल ह्रदय हो जाती निरंतर प्रणय की धार-सी बह जाती गूँजती ह्रदय में रसमयी प्रेम ध्वनियाँ प्रफुल्लित प्राण पुष्प-सी खिलकर प्रेममयी प्रतिमा की दीप्त में खो जाती रुधिर में आती कल्पनामयी विश्वास प्रेममयी मधु-रस आमंत्रण देकर रहस्यमयी प्रेम की अस्तित्व में खो जाती . लेखक परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक ...
प्रेम का विस्तार
कविता

प्रेम का विस्तार

*********** भारती कुमारी प्रेम का विस्तार ह्रदय जिसमें विलीन हो गयी ओस की बूँद-सी झरी मेरे ह्रदय से रंग-बिरंगी . अदृश्य मधुमय चाँदनी मेरी सुहानी स्वप्न क्षण-क्षण में अलस-सी हो जाती एक मुठ्ठी प्रेम . विभिन्न आकृतियाँ में बदलती हुई यहाँ-वहाँ बिखरती जाती धीरे-धीरे फिर से मधुर प्रेम कुदेरी प्रेममयी आकृतियाँ थोड़ी हलचल-सी . जग में विस्तार करती शीतलता मन में हलचल भरती संयोग-सा हुआ मधुर रस-संचार अकल्पित में कल्पित रूप धरी . अभिसिंचित प्रेम सहसा उमड़ी . लेखक परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु ...
दीप्तिवान हिन्दी
कविता

दीप्तिवान हिन्दी

*********** रचयिता : भारती कुमारी हिन्दी अगम अनुपम सत्य रूप-सी हिन्दी अभेदमयी अखंड स्वरूप-सी हिन्दी आनंद अनुभव तेजमयी रूप-सी हिन्दी वास्तविक चेतना मधुमय-सी हिन्दी विजय सिद्धि सौभाग्य-सी हिन्दी विश्व विजय स्वर्णिम प्रकाश-सी हिन्दी रहस्यमयी ब्राह्मानंद ज्ञान-सी हिन्दी सत्य ज्योतिर्मय ऊर्जावान-सी हिन्दी शान्ति-समता गौरवमयी पहचान-सी हिन्दी सम्पूर्ण भारत की स्वाभिमान-सी हिन्दी विश्व विजय भारत माता की अरमान-सी हिन्दी अनेकता में एकता की पहचान-सी हिन्दी प्रेममयी रूपाश्रित भाषा दीप्तिवान-सी हिन्दी प्रत्येक जन की मधुर वाणी-सी हिन्दी विस्मित,विभोर विश्व विजयिनी-सी हिन्दी सम्मिलित ज्योति शिखा स्वरूप-सी हिन्दी परमोज्ज्वल सौंदर्य चंचल प्रदीप्त-सी हिन्दी उल्लास तन्मय निष्काम कर्म-धारा-सी हिन्दी अमृतमय शुभाशुभ भाव रस धार-सी . लेखक परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार ...
स्वाभिमान
कविता

स्वाभिमान

*********** रचयिता : भारती कुमारी मेरी शीतलता से मत खेलो मुझे अंधकार में मत धकेलो मैं स्वर्णिम प्रकाश में खोती पहचान मेरी सुप्रभात से होती . श्यामल नील - सी रंग में बहती अंजान - सी मैं पहचान बनाती निशा  में  विजय दीप जलाती शत - सहस्त्र शैलाब से घिरती . फिर भी व्योम प्रवाही धारा बनती सत्य प्रतिज्ञा  में  जीवन बिताती नभ- चुम्बी तरूण सपनें बुन जाती मधुर शीतलता में जीवन बिताती . पाप - बोझ अत्याचार में जो दबती गर्जन करती तेजमयी रूद्र रूप-सी रंग - बिरंगी से जीवन को सजाती सुगंधित जीवन को मधुमय-सा बनाती . नारी जज्बातों से जो कोई खेलता चिन्ह उभड़ती ह्रदय में प्रलयकारी रूप धरी चंडी सत्य विस्तार करती स्वाभिमान की शंखनाद करती . लेखक परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित क...
प्रेम की प्रतीक्षा
कविता

प्रेम की प्रतीक्षा

*********** रचयिता : भारती कुमारी ह्रदय से दूर जो तुम जाते हो तो ऊँघनें लगती है मधुमय प्रेम प्रिये बदलती हूँ करवटें नींद की प्रतीक्षा में तो अंगार-सी बन जाती है मधुर सपनें उत्सुकता में प्रेम की जान पहचान प्रिये बेरूखी से हो जाती है प्रेम की पहचान प्रिये सूना मन , निर्जन पथ , मुरझाई ह्रदय नश्वर हो रही अब प्रेम की झंकार प्रिये अधूरी प्रेम अस्तित्व से अनभिज्ञ हो रही सुनू संगीत प्रेममय कैसे मधुर स्वर में प्रेममयी ह्रदय करूणा में होकर अब गहन अधरों में है खो रही मधुमय सुरभि प्रेममयी भावनाएँ अदभूत उमड़ी है प्रेममयी ह्रदय में प्रिये प्रेममयी लहरों में आवेग नहीं क्षण - क्षण में परिवर्तित ह्रदय हुये तेरी प्रीत में रंगी जो मधुर मन बेसुध हुई भूली भटकी संसार प्रिये . लेखक परिचय :-  भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक...
सम्मान की प्रतीक्षा
कविता

सम्मान की प्रतीक्षा

*********** रचयिता : भारती कुमारी वृक्ष जैसी घनी हूँ फिर भी ह्रदय  में  छाँह नहीं है . प्रेम दुनिया  में  लुटाती हूँ खुद गम की आह से बिखर जाती हूँ . सींचती हूँ  मधुजल से सबको खुद खारे पानी बन बह जाती हूँ . सींच- सींचकर परिवार को आगे बढ़ाती हूँ खुद  विवश  होकर  सब  दर्द  सह  जाती  हूँ . अर्थ  में प्रेम से स्पष्ट हो जाती हूँ नारी शब्द से लाचारी बन  जाती हूँ . जीवन बिताती हूँ सम्मान की आस  में छीन जाती है जीवन - क्यारी  नारी जो कहलाती हूँ . फिर भी अबला कहकर क्यों पुकारी जाती हूँ . लेखक परिचय :-  नाम - भारती कुमारी निवासी - मोतिहारी , बिहार आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमार...