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Tag: बलजीत सिंह बेनाम

ग़ज़ल
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=================================== रचयिता : बलजीत सिंह बेनाम अपने चेहरे को आईना करके ज़िन्दगानी से जी वफ़ा करके उम्र भर आँसुओं में डूबा हूँ एक इंसान को ख़ुदा करके आप आए नहीं जला दीपक सर्द रातों से इल्तज़ा करके कर सभी का भला ज़माने में बस बुरा पाएगा बुरा करके मुश्किलें और भी बढ़ाई हैं ज़हर के पौधे को बड़ा करके लेखक परिचय : नाम : बलजीत सिंह बेनाम सम्प्रति : संगीत अध्यापक उपलब्धियाँ : विविध मुशायरों व सभा संगोष्ठियों में काव्य पाठ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित आकाशवाणी हिसार और रोहतक से काव्य पाठ आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८...
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=================================== रचयिता : बलजीत सिंह बेनाम मिल गई हो जिसे घूँट भर ज़िन्दगी शब उसी के लिए है सहर ज़िन्दगी साथ तेरे हो कैसे बसर ज़िन्दगी संग मैं हूँ तू शीशे का घर ज़िन्दगी जन्म जिसने लिया उसको मरना पड़ा कर सका कौन आखिर अमर ज़िन्दगी जी रहे हैं सभी एक ही ढँग से बेअदब ज़िन्दगी बेहुनर ज़िन्दगी मैं तो पलकें बिछा कर थका हूँ बहुत मेरी राहों से अब तो गुज़र ज़िन्दगी लेखक परिचय : नाम : बलजीत सिंह बेनाम सम्प्रति : संगीत अध्यापक उपलब्धियाँ : विविध मुशायरों व सभा संगोष्ठियों में काव्य पाठ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित आकाशवाणी हिसार और रोहतक से काव्य पाठ आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindiraks...
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=================================== रचयिता : बलजीत सिंह बेनाम जवानी यूँ ही तन्हा जाएगी तेरी गुज़र इक दिन मोहब्बत का भँवर हूँ मैं तू मुझमे आ ठहर इक दिन मेरे हाथों के छालों में तेरी तस्वीर है क़ायम तेरी फ़ुरक़त में मैंने जो रखे थे आग पर इक दिन कहाँ वो चैन पाएगा जला बस्ती ग़रीबों की ख़ुदा उसको भी कर देगा जहां में दर बदर इक दिन यही है सोचता गर तू रहेगा तू सदा प्यासा कभी तो तज़करा होगा मेरी भी प्यास पर इक दिन सदा सैय्याद कहता तेरा जीवन क़ैद में बुलबुल अगर छोड़ा क़फ़स तो तेरे दूँगा पर कतर इक दिन लेखक परिचय : नाम :-बलजीत सिंह बेनाम सम्प्रति: संगीत अध्यापक उपलब्धियाँ: विविध मुशायरों व सभा संगोष्ठियों में काव्य पाठ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित आकाशवाणी हिसार और रोहतक से काव्य पाठ आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के स...