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Tag: प्रेम प्रकाश चौबे “प्रेम”

बुंदेली ग़ज़ल
ग़ज़ल

बुंदेली ग़ज़ल

================================= रचयिता : प्रेम प्रकाश चौबे "प्रेम" हाड़ टोर रये, पसी बहा रए । शैर भेज कें, तुमे पढा रए । झूठी-सांची कसमें खा रए, खूब चूतिया हमें बना रए । दारू पी रये, मुर्गा खा रये, सोने जैसौ, समओ गमा रये । हम सोचत्ते, पढ़-लिख जै हौ, तुम पैसा में आग लगा रए । कौन बनक की है, जा पीढ़ी ? छोड़े आम, धतूरो खा रए । लेखक परिचय :  नाम - प्रेम प्रकाश चौबे साहित्यिक उपनाम - "प्रेम" पिता का नाम - स्व. श्री बृज भूषण चौबे जन्म -  ४ अक्टूबर १९६४ जन्म स्थान - कुरवाई जिला विदिशा म.प्र. शिक्षा - एम.ए. (संस्कृत) बी.यु., भोपाल प्रकाशित पुस्तकें - १ -"पूछा बिटिया ने" आस्था प्रकाशन, भोपाल  २ - "ढाई आखर प्रेम के" रजनी  प्रकाशन, दिल्ली से अन्य प्रकाशन - अक्षर शिल्पी, झुनझुना, समग्र दृष्टि, बुंदेली बसन्त, अभिनव प्रयास, समाज कल्याण व मकरन्द आदि अनेक  पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं में कविता, ...