छोटी सी भूल
प्रेमनारायण राव
भोपाल (मध्य प्रदेश)
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जग में मत करना,
एक छोटी सी भूल।
अंत में पछतायेगा,
कर छोटी सी भूल॥
पारीक्षित नें किन्ही
एक छोटी सी भूल
कीन्हों अपमान,
मृत सर्प मुनि डारके
अंत में पछताये,
कर छोटी सी भूल
पाण्डू मृग मारे बन,
रमण क़ि अवस्था में
पायो मृग श्राप पाण्डू ,
भोग के वियोग को
जीवन को अंत भयो
कर छोटी सी भूल
महल बीच दुर्योधन
भई गिरबे क़ि भूल
द्रौपती किन्ही,
तब हँसबे क़ि भूल
सभा बीच नग्न भई,
कर छोटी सी भूल
योगी मुनि योद्धा नृप,
तनक भई भूल
काऊ को ना बक्षत
प्रेम छोटी सी भूल
परिचय :- प्रेमनारायण राव
पिता : स्व. श्री कृपाराम राव
पता : राजाभोज की नगरी भोजपाल (भोपाल) म.प्र
सम्प्रति : शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त
विधा : भजन, ग़ज़ल, लोकगीत, विदाई गीत, देशभक्ति गीत, अभिनंदन पत्र, कवित्त, सवैये, छंद, कुण्डली, दोहे, साकी, शैर आदि विधाओ में रचनाएँ।
सन १९८४ से १९९० तक आक...