Wednesday, December 25राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: पं. प्रशान्त कुमार “पी.के.”

कविता कवि की साधना है,
कविता

कविता कवि की साधना है,

पं. प्रशान्त कुमार "पी.के." हरदोई (उत्तर प्रदेश) ******************** कविता कवि की साधना है, वीणापाणी की वन्दना है।। कविता ही कवि की आशा है, कविता कवि की परिभाषा है। कविता है कवि की बोलचाल, कविता है निज कवि की ढाल। कविता है कवि के मन की पीड़ा, कविता सच बोलने का है बीड़ा। कविता वेदना कवि के मन की, संवेदना है कवि के निज मन की। कविता माध्यम है भावों का, पल पल हर पल संभावों की।। कविता प्रेरणा कल्पना है, निर्माण की हर परिकल्पना है।। कविता विश्वास है कवियों का, कविता आभास है कवियों का।। कविता है परिश्रम कवियों का, कविता परिणाम है कवियों का।। कविता में कवियों का भाव सार। कवि के इसमें हैं सद्विचार।। कविता है जन्मी सर्वप्रथम, कविता सच कह दे ले न दम। कविता को सहारा कवि ने दिया, कविता ने कवि को है दिया।। कविता ही कवि की पूजा है, साथी न शिवा कोई दूजा है। कविता कवि के हैं अश्रुपात, कविता...