Friday, November 15राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: पंकज शर्मा “तरुण”

पिता हमारे हैं जनक
दोहा

पिता हमारे हैं जनक

पंकज शर्मा "तरुण" पिपलिया मंडी (मध्य प्रदेश) ******************** पिता हमारे हैं जनक, जिनके हम हैं अंश। इनका ऋण उतरे तभी, बढ़े हमारा वंश।। पूर्वज सारे तृप्त हों, ऐसा करें उपाय। संत सभी कहते यही, इनकी मानें राय।। श्राद्ध पक्ष में कीजिए, तर्पण कह श्री राम। पुण्य मिलेगा ज्यों किया, हमने चारों धाम।। स्वार्थ पूर्ति को त्याग कर, करते पूजा पाठ। उनके ही बढ़ते दिखे, सुख वैभव अरु ठाठ।। जपूं निरंतर आपको, शिव शंकर भगवान। विनती बस इतनी करूं, मिले भक्ति का दान।। सब ही पूर्वज पूज्य मम, रखना सिर पर हाथ। चरण कमल में है झुका, सब परिजन का माथ।। साधन अगणित हो गए, बिगड़ी सब की चाल। हर पल खोजे आदमी, कहां मिलेगा माल।। मानवता जीवित रहे, बढ़े परस्पर प्यार। अगली पीढ़ी को तरुण, देना यह संस्कार।। गौ रक्षा तो पुण्य है, कहते संत सुजान। इसकी सेवा कीजिए, खूब बढ़ेगी शान।। गलत राह से ...
नैया रूपी इस जीवन की
कविता

नैया रूपी इस जीवन की

पंकज शर्मा "तरुण" पिपलिया मंडी (मध्य प्रदेश) ******************** नैया रूपी इस जीवन की, एक तुम्हीं पतवार हो। तुम ही हो यह सुख का सागर, खुशी भरा संसार हो।। महक रहा जो घर का आंगन, हो माली इस बाग की। सजा सुरों में गीत मधुर जो, जय जय वंती राग हो।। मिला सती से जो शंकर को, वही एक आधार हो। तुम ही हो यह .... सहन किए हैं जो तुमने वह, पल संकट के याद हैं। उसी त्याग का है यह प्रतिफल, परिजन सब आबाद हैं।। आशिषों से भरी वर्षा का, मान रहे, आभार हो। तुम ही हो यह .... दया दृष्टि के वरदानों को, कभी न्यून करना नहीं। अत्याचारों की आंधी को, जीवन में सहना नहीं। नहीं नार हो तुम देवी, हम, पुरुषों का संसार हो।। नैया रूपी इस जीवन की, एक तुम्हीं पतवार हो। तुम ही हो यह सुख का सागर, खुशी भरा संसार हो।। परिचय :- पंकज शर्मा "तरुण" निवासी : पिपलिया मंडी (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : म...
प्यारी भाषा देश की
कविता

प्यारी भाषा देश की

पंकज शर्मा "तरुण" पिपलिया मंडी (मध्य प्रदेश) ******************** प्यारी भाषा देश की, ज्यों सूरज आकाश। जहां उदय होती करे, जड़ से तम का नाश।। हिंदी सी न समृद्ध है, भाषा कोई ओर। सकल जगत में बोलते, हो संध्या या भोर।। शब्दों के पर्याय का, है हिंदी भंडार। इसीलिए तो कर रहा, सकल विश्व स्वीकार।। परिचय :- पंकज शर्मा "तरुण" निवासी : पिपलिया मंडी (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के...