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Tag: नन्दलाल मणि त्रिपाठी

भाई हो तो कृष्णा जैसा
कविता

भाई हो तो कृष्णा जैसा

नन्दलाल मणि त्रिपाठी गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** भाई हो कृष्ण जैसा बहना की चाह-राह विश्वासों जैसा भाई बहन का प्यार कृष्ण और सुभद्रा जैसा।। बचपन की अठखेली ठिठोली संग साथ जीवन की शक्ति जैसा बहना की मर्यादा रक्षक सिंह काल गर्जना जैसा।। नन्ही परी बाबुल घर अंगना भाई बड़ा या हो छोटा, धूप छांव में स्वर सम्बल जैसा।। भाई बहना का रिश्ता जीवन की सच्चाई, सच्चा रिश्ता माँ बापू की प्यार परिवश भाई की संस्कृतियों जैसा।। भाई बहना कि आकांक्षो का मान जीवन के संघर्षों में शत्र शास्त्र हथियारों जैसा ।। भाई बहन का प्यार संस्कार अक्षय अक़्क्षुण, धन्य धान्य बहना अस्मत आभूषण जैसा।। भाँवो के गागर का सागर भाई बहना की खुशियां भाई बहना के सुख दुःख में युग मौलिक मूल्यों जैसा।। कच्चे धागे का बंधन रिश्तो का अभिमान भाई बहन दुनियां में दो...
आजाद
कविता

आजाद

नन्दलाल मणि त्रिपाठी गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** धन्य धन्य हे माता जगरानी बदरका भावरा की माटी का कण कण धन्य।। कोख और माटी ने मिलकर भारत को दिया अनमोल रत्न पंडित सीताराम पिता गौरव पल।। जुलाई तेईस सन ऊँन्नीस सौ छः माँ भारती का लाल चन्द्रशेखर आजाद जन्म।। लालन पालन सत्य सनातन नित्य निरंतर संस्कृति संस्कार अन्याय अत्याचार का प्रतिकार पुरुषार्थ।। भारत के जन-जन घुट-घुट कर जीता जाता परतंत्रता की पीड़ा का घूंट पिता जाता समय काल प्रतीक्षा।। चंद्रशेखर नाम दिया मां बाप ने आज़ाद स्वय का दिया नाम राष्ट्र के अन्तर्मन की वेदना आज़ादी की चाह।। आजादी के संकल्पों प्रतिज्ञा पराक्रम का स्वयं आज़ाद जन जन के भाँवो का प्रतिबिंब प्रतीक आजाद।। युवा उमंग उत्साह ऊर्जा हुंकार नौजवानों की टोली जैसे राष्ट्र अस्मत की रक्षा के जवान।। भगत सिंह राज गुरु बिस्मिल असफा...
गुरु महिमा
कविता

गुरु महिमा

नन्दलाल मणि त्रिपाठी गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** गुरु जीवन आधार गुरु आत्म बोध गुरु कर्म धर्म गुरु मर्यादा मर्म गुरु तमश का प्रकाश।। गुरु नीति नियत का आशीर्वाद गुरु ब्रह्म गुरु देव गुरु आदि अनंत जीवन सिद्धान्त।। गुरु ज्ञान गुरु जीवन मार्ग गुरु महिमा का मानव गुरु मानवता का मूल्य संस्कृति सांस्कार।। गुरु संकल्प है गुरु गुरु साध्य साधना आराधना ईश वंदना गुरु स्वर गुरु अन्तर्मन गुरु आस्था विश्वास।। गुरु ईश्वर मार्ग है गुरु ईश्वर साक्षात गुरु प्रत्यक्ष प्रमाण है प्रथम वंदन पूजा पात्र है।। गुरु काल प्रवाह है गुरु नैतिकता आचरण व्यवहार है।। गुरु अहं भाव गुरु शिष्य की पहचान है गुरु द्रोण है गुरु परशुराम है गुरु विशामित्र गुरु राम कृष्ण परमहंसः आदि अनादि है।। अर्जुन भीष्म राम विवेका का ईश्वर वरदान है।। गुरु ब्रह्म ब्रह्मा ब्रह्मांड ...
इश्क की बीमारी
कविता

इश्क की बीमारी

नन्दलाल मणि त्रिपाठी गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) ******************** जिंदगी में बीमारी कम नहीँ, औकात बता देती है, अच्छे खासे इंसान को जिंदा लाश बना देती है।। कहूँ कैसे मैं बीमार हूँ खासा नौजवान हूँ, फिर भी हुश्न के इश्क का शिकार हूँ लगता नही मन कहीं भी भूख प्यास अंजान हूँ।। माँ बाप को फिक्र ये बीमारी क्या वैद्य कहता है मैँ बीमार नही इसका कोई इलाज नही शर्म आती है बताऊँ कैसे मुझे क्या हुआ मैं बीमार हूँ।। इश्क ने खोखला कर दिया, सिर्फ चाहत का दीदार ही इलाज है, नज़र इबादत इश्क की आती ही नही शायद वह भी बीमार बेजार है।। अब तो जिंदगी की सांसे धड़कन चाहत के इश्क का जुनून जिंदगी का इंतज़ार है।। गर न मिली मेरी बेबाक चाहत कि मुहब्बत उसके ही दुपट्टे ओढे कफन जनाजे बे चढ़ने को बेकार हूँ।। चढ़ गया है इश्क का शुरुर इस कदर कहती दुनियां इश्क का बुखार है।। ना सं...