अखंड भारत
धैर्यशील येवले
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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नही चलेगा यहा पाखंड
भारत था, है, रहे अखंड
पावन भूमि है ये राम की
नंदलाल के कर्मधाम की
करते ऋषि मुनि यहाँ तपस्या
हो क्षण में दूर हर समस्या
अधम को नही है स्थान यहाँ
चूर-चूर हो उसका घमंड
नही चलेगा यहाँ पाखंड
भारत था, है, रहे अखंड।।
भूमि है ये कर्मवीरों की
शिवा प्रताप जैसे विरो की
अधर्म पर उठाए जो शस्त्र
दूजे हाथ रखते वो शास्त्र
समर्थ है ज्ञान विज्ञान में
कला संस्कृति का है ये खंड
नही चलेगा यहाँ पाखंड
भारत था, है, रहे अखंड।।
गुरु महावीर बुद्ध वाणी
है त्याग अहिंसा निर्वाणी
कर्मयोग में रमने वाले
जिओ और जीने दो वाले
चले साथ है धर्म पताका
जो रखे हाथ मे न्याय दंड
नही चलेगा यहाँ पाखंड
भारत था, है, रहे अखंड।।
परिचय :- धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म...