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Tag: दीपक अनंत राव “अंशुमान”

चाँद को देखा मन बहला
ग़ज़ल

चाँद को देखा मन बहला

दीपक अनंत राव "अंशुमान" केरला ******************** चाँद को देखा मन बहला चाँदनी में तेरा चहरा खिला कितनी अकेली रातों में खोयें न मेरी मंजिल तेरे बिना, चाँद को देखा... न कोई राहें भाती नहीं है न कोई मौसम कटती नहीं है साथ हमेशा छाया हो तेरी तुझ से बनी है तकदीर मेरी, चाँद को देखा... ग़म से भरी है राहें हमारी बिखरी हुई है ख्वाबें हमारी छावों में तेरी सजाते रहूँ मैं जन्नत्‍त मेरी तब होगी पूरी, चाँद को देखा... बगियन के फूल शरमा रहे हैं जब तुम को देखें शरमा रही हैं नूर तुम्हारी नज़रों में बोये रंगें हज़ारे दुनिया में मेरी, चाँद को देखा... परिचय :- दीपक अनंत राव अंशुमान निवासी : करेला घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्...
हम महान है
कविता

हम महान है

दीपक अनंत राव "अंशुमान" केरला ******************** हम महान है, इसलिए कि तुम महान हो तुम महान हो, इसलिए कि सारा जहाँ महान है सृष्टि का कण-कण महान है, मिलकर सब इस सुंदर सृष्टि का निर्माण किए है। अब भी समय है, झांको अपने अंदर अहम को पहचानो अपने अंदर छुपे महान व्यक्ति को दुनिया से रूबरू कराओ अपना जीवन धन्य बनाओ। किसान महान है क्योंकि वह पालनहार है गृहणी महान है क्योंकि वह पूरे घर को संभालती है पिता महान है, वह प्रत्येक वस्तुओं की व्यवस्था करता है कवि महान है, फैलता है अपनी भावों की खुशबू हम महान हैं, दुनिया को सुगन्धित करता है, औरों को अपना बनाता है, जीने की कला सिखाता है, और ज़ुबान से फरमाता है कि हर रचना ईश्वर की करमत है महान भावों से ही धरती पर स्वर्ग पनपती है धरती स्वर्ग बन जाती हैं। परिचय :- दीपक अनंत राव अंशुमान निवासी : करेला घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी ...
वह तपता सूरज ही मेरी छाव
कविता

वह तपता सूरज ही मेरी छाव

दीपक अनंत राव "अंशुमान" केरला ******************** वह पसीना नमकीन बहा दिया जनम भर, मीठी बन गई हैं जिन्दगी हमारी, जिनके नाम पर है सफर और मंज़र, हे परम पिता तू ही मेरी पूजा है। युग युगों से चलती है, प्यार कोख का और सुरक्षा पितर का इस धरा में जागते-गूँजते महिमा अपार, वह ही ये स्थूल सूक्ष्म का, हे परम पिता तेरी भुजाओं का बल धरती पर आँचल की प्यार भरी एक कहानी, तपते सूरज की प्रज्वलित महिमा की एक कहानी गोदी से प्यार और कंन्धे से ताकत मज़बूत, लेकर चलती रहती यह समाज निरंतर, हे परम पिता तू ही मेरे दिखावनहार मैं एक कवि हूँ, बेटा हूँ तुम्हारी छाव में खड़ा हूँ, प्यार में पला हूँ हिमवन में बैठ दुनिया को मज़बूत मन से निहारता हूँ, सामना करता हूँ, जीत रहा हूँ, हे परम पिता मैं हूँ सदा तुम्हारा परिच्छेद परिचय :- दीपक अनंत राव अंशुमान निवासी : करेला घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि म...
संविधान की ऋषि
कविता

संविधान की ऋषि

दीपक अनंत राव "अंशुमान" केरला ******************** विश्व संस्कृति में भारत देश अपना विशेष स्थान बरकरार रखते सदा युग युगों से हमारी परंपराएँ भी देश के बडप्पन को अमल करा देती। चाहे वो पुराने जमाने का हो या आज के ज़माने का, फ़र्क नहीं पडने ज्ञान परोसने के लिए महान ऋषि गण हमारे भारत देश का ही विशेषता विश्व के किसी अन्य देश को न मिलेगा कभी यह मान्यता हमारे बुजुर्गे की यही हाजियत॥ आज के ज़माने में भी कई संत लोग भारत वर्ष में जन्मे उनमें से एक नाम रोशन जैसे दिखते भारत के इतिहास के गगन में सदा चमके वे ओर कोई नहीं एक जीता जागता परिकल्पना देश का पुत्र, संस्कृति का दिखावनकार डाक्टर बाबा साहिब आंबेडकर । ज्ञान पिपासु, चरित्र का निर्माता शिक्षा की पुजारी, पैने विचारों का सितारा ऐसे एक इंसान कैसे भगवान का रूप धारण कर धरती की सेवा कर सकते यह बात का सबूत देने वाले ऋषि देश की आत्मा को छूकर रीड बना...
दर्द ही जीत की जननी
कविता

दर्द ही जीत की जननी

दीपक अनंत राव "अंशुमान" केरला ******************** दर्द एक दुआ है दर्द एक ऐलान है दर्द दिल की छ्वी दर्द से ही दुनिया पनपती है जब दुनिया में एक बच्चा जन्म लेता है वो रोता है कराहता है चिल्लात्ता है दर्द का अनुभव उसे महसूसता है आहिस्ता-आहिस्ता वो चैन का सास भी अपनाता है माँ के दर्द की दुआ है वो कटपुतली सौ गुना ऊर्जा जो उसे खुदा ने दी थी वो देकर, सहकर दर्द के साथ वो अपने लाडले को जन्म देती है बेहद खुशी से उसे टटोलता है॥ आदमी की शुरुवात भी दर्द से आदमी की पहचान भी दर्द से साया जैसे उनके साथ चलते-चलते दर्द के साथ उन्हें मिट्टी से मिला देती हैं काश दुनिया में दर्द न होते तो कितना सूना लगेगा हमारी ज़िन्दगी दर्द से खुशी का मतलब हम समझते दर्द से ही किसी की राहें बनती है दर्द से ललकारें बनते है दर्द से ही आज़ादी का मंत्र निकालता है दर्द से ही कोई आशिक बनता है इसी से ही दुनिया में आशिकी पनप...