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Tag: तेज कुमार सिंह परिहार

नैना रतनारे
कुण्डलियाँ

नैना रतनारे

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र. ******************** कुण्डलिया नैना रतनारे सुघर, कंचन काया देहिं। कच घुँघराले कुच शिखर मन बस में करि लेहिं।। मन बस में करि लेहिं, अधर टेसू सी लाली। यौवन है मदमस्त, भरी मदिरा की प्याली।। लखि टी के अस रूप, न मुहुं से निकले बैना। चैन ले गये छीन, नशीले उनके नैना।। परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिं...
खर्चे बहुत बढ़े
कविता

खर्चे बहुत बढ़े

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र. ******************** पूर्णिका प्यार के अख्तियार के चर्चे बहुत बढ़े। इतिहास के पन्ने घटे पर्चे बहुत बढ़े।। अब शीरी न फरहाद न लैला नही मजनूँ, नवयुग की अप्सराओं के खर्चे बहुत बढ़े। दिल लगाने में बढ़ा है आजकल जोखिम, इश्क में है तीक्ष्णता मर्चे बहुत बढ़े। तारिकायें मोहती है किन्तु उलझन है, नीलाम होता हुश्न अगरचे बहुत बढ़े। कब्र में हैं पैर फिर भी आजमाते है, दिया सी उम्मीद के किर्चे बहुत बढ़े। प्रेम है पूजा कहा जाता रहा जिसे, बदनाम करने के लिए लुच्चे बहुत बढ़े। परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, ले...
प्रणय दान … भाग- १
कहानी

प्रणय दान … भाग- १

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र. ******************** प्रथम भाग जेठ बैसाख के दिन गर्मी अपने चरम परम पर थी। घर के काम करते-करते उर्मिला बाहर किसी की आवाज सुन किवाड़े की दराज से झांका, देखा एक साधु महाराज गली में 'भगवान के नाम पर कुछ देने का आग्रह करते हुए चले जा रहे थे। प्रायः फसल काटने के बाद गांवों में साधु संत, नट मदारी आदि का आना नदी में बाढ़ की तरह हो जाता है, पेट के लिए तरह-तरह के चेतक दिखाते है वैसे तो बहुत साधु आते है इस गांव में पर इस साधु की बात कुछ अलग थी। किसी के दरवाजे के पास नही रुक रहे थे। रुकिए महाराज अरे सुनिए न, कहते हुए उर्मिला एक टोकरी में कुछ अनाज लेकर बाहर निकली पीछे से आवाज सुन साधु महाराज ठहर गए। ला माई इस झोली में डाल दो हमेशा खुश रहो तेरे बल बच्चे बने रहे बाबा ने आशीषों की झड़ी लगा दी, अरे माई तुम रो रही हो। उस स्त्री ने कोई जवाब नही...
भइया से बोली भउजी
कविता

भइया से बोली भउजी

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** इक दिन भइया से बोली भउजी करत के कंघी इया साल त सईया देखा लड़बय हमहू सरपंची भइया बोले बोट न पउबै नाहक होइ नामूजी आँखि तरेरि भइया कइ भन्नाय के बोली भउजी मिली बोट कइसे न देखी सोचेंन हयन सरल उपाय चमकती साड़ी सेट पहिनब हमजोरिन संग बागब गांव नैनन कजरा जुड़ा म गजरा ओठन पोटिकै लाली चारि जने के बीच बइठि पुनि मारब नयन कटारी परी बोट जिन्हा सजि धजिकै इस्कूले कय हम जाय मतदान परभारीसे हसि हसि अपने कैतिक लेब मिलाय कइसेउ मइसउ जीति गयेन जो तुहु कहउबय सरपंचपति दांत निपोरे अब तकि बागेउ लहि जाइहि तोहरउ घती अधिकारीन क साथ मिलाउब नाली रोड़ खूब बनबाउंब रुपिया पइसा पास म होइ सहर अपनउ बगला होइ आंगन बाड़ी केर पंजीरी दरिया अउ आबास बड़े मनई जे गाँव के जोरिहि हम से हाथ जेतकी जोजना सरकारी सगरिन से करब कमाई सुनब केहू कै न करब ऊहै जो हमरे मन म आई ...
श्री राधा जन्माष्टमी पर
भजन

श्री राधा जन्माष्टमी पर

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** सूना सूना सा था मेरे मन का अगन आज बेला सुहानी, सुहानी लगन राधा रानी के स्वागत में झूमे जगत झूमती है जमी नाचता वृंदावन बज रहे ढोल कांसे बजते मृदंग लहराते ध्वज तोरण बरसते सुमन खोली कलियों ने पलखे जो अलसायी सी लागे दुल्हन से ब्रज औऱ बृंदाबन राधा राधा कहे पर भव से हुए पल्लवित हो कुटुम्ब मैन जग बढ़े मिल गयी यदि चरण रज श्री राधे की समझ लो उसके बस में कन्हैया हुए सोते जगते भजन कर श्री राधे का पाप मोचक नाम मंत्र है श्री राधे का हैं अभिन्ना वो तो द्वारिकाधीश की भव पार करे नाम कीर्तन श्री राधे का परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्...
शिवनाम माला
भजन

शिवनाम माला

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** जय महादेव जय कैलाशपति जय शिवसंकर जय उमापति जय भोले नाथ जय त्रिपुराररी जय त्रयम्बक जय भंडारी जय महाकाल जय चंद्रशेखर जय रुद्र शम्भू जय गंगाधर जय हर, स्मरहर जय महेश जय खण्डपरसु जयगिरिश जय वामदेव जय नीलकण्ठ जय त्रिपुरान्तक जय श्रीखण्ठ जय मृत्युंजय जय व्योमेश जय वीरू पाक्ष जय ईश्वर महेश जय खण्ड परसु जय विश्वनाथ जय कृति वासा जय पशुपतिनाथ जय जय पिनाकी जय शिति कण्ठा जय अनन्त नाम जय उत्कंठा नित नाम जप जो भिनसारे भव बन्ध कटे यम के द्वारे परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित क...
बिरहिन के दरदि
कविता

बिरहिन के दरदि

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** उमड़ि घुमड़ि बदरा हरसत हैं मेघनीर अमरित बरसत हैं कुलकित अबनि हरियर दरसत हैं अब आबा पिया मोर मन तरसत हैं कारी बदरिया मोहि डर लागय कहु अंगना कहूं भीतरेय भागै जब ते गयै मोरि सुधि नहि लीन्हि अमाबसि चंद सम दरसन दीन्हें दादुरि टेर कूक पपीहा कै ककरी कस हैय हाल हिरदय कै बूंद मघा हायगोली कस लागै पपीहा बैन सरसिज उपजाबै केसे कहू सखि बाति न मानै बिरहनि दरदि सहय ऊहै जानैं सुआती कस तकै नयन रहति हैं उमड़ि घुमडि बदरा बरसत हैं परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्र...
बरसि के मास
कविता

बरसि के मास

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** बरसि के मास सामन सामन के पूरनमासी भाई बहिन के प्यार कै आय या तिउहार राखी भाई के मान आय बहिन के अरमान आय इंद्र के जीतय के इंद्रानी तप त्याग आय भारत के नही दुनिया के त्योहार आय पामन बंधन राखी सुर सत्ता में सोधन राखी अपने मन म राखी रच्छा के प्रन राखी पै या साल राखी कोरोना म कइसन राखी घर म है कैदि राखी राखी म न आई राखी राखी के आँख पानी कइसन के कहइ जुमानी कलाई सून बिनै राखी बस रखी म नेक राखी परू साल जो भलाई राखी मिली भेटि कै मनाऊँब राखी परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।. ...
सावन की फुहार
कविता

सावन की फुहार

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** सावन भादो केरि बहार बदरा बरसै मारि फुहार मान करै पिय से नवल नारि संग सखियन के कजरिया गावै डागरोहिंन के दिल धड़कावाई मघा बूंद मनसिज उपजावै दादूरि बोल उद्दीप्त करावै मोरिल बोलि बिरहिन सुन पावै हुकि करेजे तकि चलि जावै जे बड़भागी पिया संग, गावै मधुर मल्हार अमृत सी बरखा लगे, सावन केरि फुहार परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीयहिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, ले...
हमने खुद की भुला दिया है
कविता

हमने खुद की भुला दिया है

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** भुला के हमने यादें उनकी मानो की गंगा नहा लिया है झुका के पलके चुरा के नजरे पराया तुमने बना दिया है भूल के हमने यादे उनकी मानो की गंगा नहा लिया है ओ तेरा मिलना गले से लगना कसम ए वादे भूल दिया है जा रहा हु मायूस होकर मैंने भेष फकीराना बना लिया है भुला के यादे हमने उनकी मानो की गंगा नहा लिया है हैं ये मुहब्बत बड़ी अभागन पल में उसने ठुकरा दिया है न वो आये न ही याद आये खुद को हमने भुला दिया है भुला के यादे हमने उनकी मानो की गंगा नह लिया है . परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्र...
मोहनि मूरति
कविता

मोहनि मूरति

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** वह नवल नारि करि श्रृंगार चितवन के बाण चला रही सेंदुर मांग माथे बिदिया नयनन मा सुरमा लगा रही चोटीके गजरा उपवन लागै ऑखियन ते तीर चलाय रही ओंठन लाली कानन बाली हार गले लटका रही चोलिया जनु चटकी अबहि जयहै मधुपन संग रास पचास रही करधनि पॉयल चूडी कंगना बजाय धीरन के धीर छोडाय रही मन भ्रमित भ्रमर सम डोलय जतिनव का अधीर बना रही मांग ओंठ पॉयन कै लाली समुहै खतरा कस दरसाय रही एक मूरति मोहनि टी के उर बस याद उनहिं की आय रही . परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी र...
लाडो
कविता

लाडो

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** निंचि निंचि पयजन बोले झंझनाय लाग अंगना बिजुरी कस लाग चमकै किलकारी से अंगना मनवा भा मयूर मोर झुमय लाग अंगना समय सुदिनि आयो ता महकि गयो अंगना लक्ष्मी कस मूरति लखि मात पित मेछराय लाग अंगना बिटिया के आवत ही माँ बनी बिटिया बिटिया से बिटिया का मेर मेर नाता पैदाइश बिटिया के खुलय लाग रिस्तन के खाता पिता के मान घर के सम्मान सृष्टि कै आधार आय बिटिया तीज अऊ त्यौहार कै शोभा आय बिटिया दुनिया कै हर क्षेत्र मा लाडो तोर प्रभाव एक नही दुइ घरन के ताक्यो लाडो लाज एक तरफ मा बाप है दूजै सासुर द्वार पै बेटी तू हैधन्य मधु रस बहै फुहार परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. आप भी अपनी ...
नयनो की मस्ती
कविता

नयनो की मस्ती

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** नयनो की मस्ती चाहता हूँ हैं जन्नत की दरकार नही है याद अभी पहली चितवन चिर गयी दिल किया वार नही नयनो की ,,,,, घुट घुट कर याद में घुटता हु पग पग पैर मचलता हैं महज स्नेह आकांक्षी हु आरति कुछ और दिलदार नही नयनो की मस्ती चाहता हु है जन्नत की दरकार नही चांदनी कुछ कह जाती हैं समीर सन्देशा लाती हैं पिकी पंचम स्वर के गाती है पर उसमे तुम जैसे प्यार नही नयनो की मस्ती चाहता हु है जन्नत की दरकार नही सरिता सागर में मिल जाती हैं कोकिला गीत मधुर गाती है पपीहे की विरह लिए मैं प्रिय श सकता ऐसा वॉर नही नयनो की मस्ती चाहता हु हैं जन्नत की दरकार नही है रूखे शब्द प्रसूनो की माला बह सकी इसमे रस धार नही टी के हृदय की तड़पन ये है कोरी शब्द गुहार नही नयनो की मस्ती चाहता हु हैं जन्नत की दरकार नही परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व...
नवतपा
कविता

नवतपा

लागि नवतपा जिन्हा ते आगी सूरज बरसाय रहे प्राणी पंछी की कहे कौन बिरवा बिरछा तक सुखाय रहे का कही हालु या बिजुरी का भूतवा कसि खम्भा दिखाय रहे आँखि तरेरी रही बैहर तमन ते जगती अकुलाय रहै का कही फलाने या समयआ जीवन पै कइसन संकट छाय रहे ऊ बैठि ओसारी मा भुनकय लरिका गरमी म बिलबिलाए रहे निनचव घर मा न चैन परे भितरे बाइबे कै दुपहरि बिताय रहे लागि नवतपा जिन्हा ते आगी सूरज बरसाय रहे शब्दार्थ नवतपा - मृगशिरा जिन्हा -जी दिन से ओसारी - बरामदा . परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२ जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित कर...
विन्ध की पहाड़ी
कविता

विन्ध की पहाड़ी

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** विन्ध की पहाड़ी फैली मेखलाकार केहेजुआ पर्वत के फैला विस्तार है ता समीप नद सोनभद्र भवरसेन नामक सुरम्य स्थान हैं वही बाण भट्ट तपोस्थली कादम्बरी ग्रंथ वाको साक्ष्य हैं केहेजुआ के सौंदर्य वर्णन करू जह विविध भांति के तरु वृक्ष हैं आमा अमरोला अमरबेली अमलतास शोभित अपार है उमरि करौंदा कहुआ कटैया कुल्लू कारी कैमा कठमहुआ भरमार हैं कैथा कोसम कुम्भी कया खैर घोटहर घुघुची खनकदार है गुरुचि ऑउ खरिहारी गुलमेंहदी फूलै छिऊला की कतार है जामुन कठ जामुन अमला ऑउ प्रसूतिहा मुरुलू सहिजन जरहा ऑउ बतिलहा बबूर सेम नीम बेल बेर बरारी सेमर गावड़ी पेड़ सुकुमार है बॉस बेर्री बनचूक बरसज बरगद तेंदू शाल सगमन गुर्जा की कतार हैं शीशम हेरुआ रोरी रेऊजा सरई धवा धवाई दे जंगल गुलजार हैं हर्रा ऑउ बहेरा औषधीय पेड़ चिरचिरी अमृत समान है पारिजात को कहत सेहरूआ यहाँ बन ...
भवरसेन की जलेबी
कविता

भवरसेन की जलेबी

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** विन्ध क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली को बघेली बोली कहते हैं जो अपनी मधुरता मिठास के लिए जानी जाती हैं आइये एक रचना बघेली में, सीधी जिले में भवँर सेन नाम का ऐतिहासिक स्थान है जो बाण भट्ट की तपोस्थली है, कहते भगवान राम के अनुज लक्ष्मण जी ने यही भ्रमरासुर का अंत किया था १४ जनवरी मकर संक्रांति को इसी स्थान पर मेला लगता हैं उसी मेले का एक दृश्य ... इया भवरसेन के मेला मा सुक्खू काकू आये हैं दीखि परी दुकानि जलेबी की सुक्खू ओहि कई धाए है ताऊलाय जलेबी दोना मा जाय बइठे सुक्खू कोना मा मुह मा दांत न आँत पेट मा धरि बइठे बगल जलेबी दोना मा अउ रही जलेबी गरम गरम सुक्खू जइसे मुह मा डारिन गई चपकि जलेबी तरवा मा भट्टा जइसन मुह ऊ फारिन हम कहेन की काकू का होइगा उ कहिन दादू न कुछ न पूछा हम रामो सत्य कहे देइत अब कबै जलेबी खाइब ना . ...
चांदी के टुकड़ों पर
कविता

चांदी के टुकड़ों पर

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** ओ चांदी के टुकड़ो पर ईमान बेचने वालों ईमान बचाकर दुनिया मे अब तो जीना अपनालो ईमान मानव जीवन का एक दीप्तिमान ध्रुव तारा हैं ईमान बिना इस मानव का मिथ्या जीवन ही सारा हैं पर हाय भाग्य ही फूट गया पापी बेईमान जानते है जो थोड़ी सी लालच पाने पर अपना ईमान बेचते है जो अल्प रजत टुकड़ो खातिर हत्या करते हैं भाई की उनकी यश कीर्ति सदा बढ़ती पाते इज्जत बहनोई की यह धरा क्षमा न करती थी ईमान बेचने वालों को पर यही धरा अब हाय देती आश्रय बेईमानो को विश्वास नही होता ऐसा सब सह कर चुप रह जायेगी एक दिन बेईमानो को लेकर यह रसा रसातल जाएगी इसलिए सभी मेरे भइया जी लो ईमान बचाकर पाकर इज्जत सम्मान मधुर स्वर्ग बनाओ अपना घर गर इसी तरह मेरे भइया ईमान बेचते जाओगे फिर इस महंगी मानव काया का मूल्य चुका न पाओगे ओ चांदी के टुकड़ो पर ईमान बेचने वालों ईमा...
लिखना क्या है
कविता

लिखना क्या है

तेज कुमार सिंह परिहार सरिया जिला सतना म.प्र ******************** लिखना क्या है पढ़ना क्या है लिखने के पहले पढ़ने के बाद एक बार पुनः देखने की इच्छा हुई देखा तो वह गीली पड़ी अक्षर लगभग मिट गए शब्द भी बर्वाद हुए उसी समय एक मित्र आये बोले क्या कर रहे भाये मैंने कहा कुछ नही यू ही बेकार बैठा था कागज कलम हाथ लगा कुछ लिखना चाह रहा था यार मुझे खुद पता नहीज मुझे करना क्या है मेरे मित्र ये एक घटना है जो घट चुकी हैं उनकी चिट्ठी थी जो नेत्र नीर से गीली हो चुकी हैं . परिचय :- तेज कुमार सिंह परिहार पिता : स्व. श्री चंद्रपाल सिंह निवासी : सरिया जिला सतना म.प्र. शिक्षा : एम ए हिंदी जन्म तिथि : ०२. जनवरी १९६९ जन्मस्थान : पटकापुर जिला उन्नाव उ.प्र. आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताए...