Sunday, November 24राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: डोमन निषाद डेविल

जरा होश में तो आओ
कविता

जरा होश में तो आओ

डोमन निषाद डेविल डुंडा, बेमेतरा (छत्तीसगढ़) ******************** रिश्वत का बजार क्यों है? हमें कोई कारण बताओ। कारण खुद के अंदर है, रिश्वत में ताला लगाओ। अधिकार का नारे बहुत हैं, हमें कोई कारण बताओ। कारण खुद के अंदर है, संविधान के पाठ पढा़ओ। भ्रूण हत्या क्यों हो रहे हैं, हमें कोई कारण बताओ। कारण खुद के अंदर हैं, बेटी को सम्मान दिलाओ। ये गरीबी कारण क्या है? हमें तो कारण बताओ। कारण खुद के अंदर हैं, शिक्षा की ज्योति जलाओ। हम दुःखी क्यों रहते हैं, हमें कोई कारण बताओ। कारण खुद के अंदर है, जरा होश में तो आओ। परिचय :- डोमन निषाद डेविल निवासी : डुंडा जिला बेमेतरा (छत्तीसगढ़) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छा...
मैं पुस्तक हूँ
कविता

मैं पुस्तक हूँ

डोमन निषाद डेविल डुंडा, बेमेतरा (छत्तीसगढ़) ******************** कैसे बताऊँ क्या समझाऊँ। मैं कोई कागज नही, मैं पुस्तक हूँ। शब्दो में मिला हूँ, और इसी से खिला हूँ। मैं कोई कागज नहीं, मै पुस्तक हूँ। वाक्यों से समाहित हूँ, पर वर्तनी में विभाजित हूँ। मैं कोई कागज नहीं, मैं पुस्तक हूँ। सब से परिचित हूँ, फिर भी चिंतित हूँ। मैं कोई कागज नही, मैं पुस्तक हूँ। भावों से स्मरण हूँ, शब्दों में व्याकरण हूँ। मैं कोई कागज नही, मैं पुस्तक हूँ। परिचय :- डोमन निषाद डेविल निवासी : डुंडा जिला बेमेतरा (छत्तीसगढ़) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कव...
मैं रोता रहा
कविता

मैं रोता रहा

डोमन निषाद डेविल डुंडा, बेमेतरा (छत्तीसगढ़) ******************** क्या से क्या हो गया, बस यूँ ही पूछता रहा। आया था कई उम्मीद लेकर, पर गम के बारीश में रोता रहा। जब गाँव से शहर आया, घर मे उत्साह भर आया। क्या करूँ क्या न करूँ, क्यों बंद कमरे में रोता रहा। लोगों को काम पे जाते देखा, मन मुझसे सवाल करता रहा। क्या होगा अनजान सी जगह हैं, छत पर जाकर रोता रहा। रिश्तेदारों के फोन आते रहे, मुझे झूठे दिलासा देते रहे खुश हूँ सब ठीक है कह कर, खुद को धोखा देकर रोता रहा। इधर-उधर घूमता फिरता रहा, दिन रात यूँ ही गुजरता रहा। बेटा का अरमान नही बन सका, सोचकर फूट-फूट कर रोता रहा। जन-जन को समझाऊँगा। परिचय :- डोमन निषाद डेविल निवासी : डुंडा जिला बेमेतरा (छत्तीसगढ़) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी ...
मेरा वादा
कविता

मेरा वादा

डोमन निषाद डेविल डुंडा, बेमेतरा (छत्तीसगढ़) ******************** मन की बात को, दिल में सजाऊँगा। हर रोज तुम्हें देखने, तेरे गली आऊँगा। देना मेरा साथ प्रिय, तुझे अपना बनाऊंँगा। पहली मुलाकात के वक्त, फिर से याद दिलाऊंगा। जो वादा किया हूँ, निकाह कर ले जाऊँगा। चाहे कुछ भी हो सनम, तुझे छोड़ नही पाऊंगा। तुम मेरी हो मैं तेरा हूँ, ये बंधन छूटने नही दूँगा। कोई भी आफ़त आये, जीवन भर साथ निभाऊँगा। तू पानी है, मैं प्यासा हूँ, सबको ये बात बताऊँगा। प्रेम एक पवित्र रिश्ता हैं, जन-जन को समझाऊँगा। परिचय :-डोमन निषाद डेविल निवासी : डुंडा जिला बेमेतरा (छत्तीसगढ़) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशि...