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Tag: डॉ. सरोज साहू

अभिवादन
कविता

अभिवादन

डॉ. सरोज साहू भिलाई, (छत्तीसगढ़) ******************** हिंदी से प्रेम है तो, अभिवादन करना सीख जाइए, सॉरी सॉरी कह कर, गलतियां न दोहराइये, माफ कीजिए कहकर, माफी ले जाइए, हिंदी से प्रेम है तो, अभिवादन करना सीख जाइए, गुड मॉर्निंग बोलकर, अंग्रेज न बनते जाइये, सुप्रभात कहकर, दिन को सुंदर बनाइए, हिंदी से प्रेम है तो, अभिवादन करना सीख जाइये, गुडबाय से लगता है ऐसे, जैसे जल्दी नाता छुडाइये, फिर मिलेंगे कहकर, आत्मीयता बढाइये, हिंदी से प्रेम है तो, अभिवादन करना सीख जाइए..!! परिचय :- डॉ. सरोज साहू निवासी : भिलाई, (छत्तीसगढ़) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्...
हे गुरु!
कविता

हे गुरु!

डॉ. सरोज साहू भिलाई, (छत्तीसगढ़) ******************** मन के अंधेरे रौशन करते, अज्ञानता में प्रकाश भरते, शब्दों के सहारे चलना सीखाते हो..!! हे गुरु तुम ही तो मार्ग बताते हो..!! अटक गया जो कहीं, भटक गया जो कभी, मोह जाल से निकलना सीखाते हो..!! हे गुरु तुम ही तो मार्ग बताते हो..!! बैर भाव भूला कर, भेद भाव मिटाकर, प्रेम भाव भरना सीखाते हो जीवन सरल बनाते हो..!! हे गुरु तुम ही तो मार्ग बताते हो..!! कदम-कदम बढ़ाकर, सफलता की सीढ़ी चढ़ाकर, शिखर पर पहुंचाते हो..!! हे गुरु तुम ही तो मार्ग बताते हो..!! हो कर हमसे दूर, महान रत्नों के बीच, अपनी कमी का अहसास कराते हो, निराकार हो कर भी, ज्ञान को साकार बनाते हो..!! हे गुरु तुम ही तो मार्ग दिखाते हो..!! साथ नहीं फिर भी, सम्बल दे जाते हो, इन भयावह परिस्तिथियों से लड़ना सीखाते हो..!! हे ग...