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Tag: डाॅ. उषा कनक पाठक

मैंने प्रियतम को लिखी पाती
कविता

मैंने प्रियतम को लिखी पाती

डाॅ. उषा कनक पाठक मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) ******************** मैंने प्रियतम को लिखी पाती लेखनी थी उस क्षण मदमाती लिखा- हे !मेरे पावस तुम बिन रहता है अहर्निशि अमावस तुम्हे क्या पता यह धरती अविरल संताप से जल रही है क्षण-क्षण भीषण ज्वाला के हाथों पल रही है अज्ञात ऊष्मा से किसी तरह धीरे-धीरे चल रही है अनल-संतप्त हो, विस्फोट करने को व्याकुल अब टूटने वाली है धैर्य रूपी साँकल बोलो तुम कब आओगे मुरझाई लता को कब सरसाओगे हे! निष्करुण तुम्हें दया नहीं आती विरहाग्नि से जल रही मेरी छाती यदि तुम शीघ्र न आओगे मुझे जिन्दा न पाओगे मैं स्वयं को दे दूंगी जल समाधि मिट जायेगी मेरी सम्पूर्ण व्याधि परिचय :- डाॅ. उषा कनक पाठक निवासी : मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्री...