आखरी पत्ता नहीं… बचा हुआ एक पत्ता यानि और पत्तों की उम्मीद…
ज्योति जैन
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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https://youtu.be/VRRxrIyGRX0
यूं तो मैं आम दिनों में भी अपनी पसंद के सारे काम कर लेती हूँ पर फिलहाल लॉकडाऊन में चूंकि बाहर नहीं जाना होता, सो और अतिरिक्त कार्य भी हो जाते हैं, जिनमें बागवानी भी शामिल है। इन दिनों माली भैया नहीं आ रहे सो पुराने सीज़नल पौधों के सूखते चले गमलों में नये रोपे लगाने बैठी थी। मुझे ध्यान आया कि पिछले दिनों चौकोर गमला माली ने एक ओर रख दिया था, ये कहकर कि उसकी वॉटर लिली सूखकर खत्म हो चुकी है। वो मेरा पसंदीदा पौधा है। वॉटर लिली ज़रा से में फैलकर अपने छोटे-छोटे गोल पत्तों से गमले की सुन्दरता और बढ़ा देती है। मैंने सबसे पहले वही गमला हाथ में लिया। वॉटर लिली सूख चुकी थी।
पर ये क्या...! एक बिल्कुल नन्ही सी, गोल पत्ती उस सूखी मिट्टी से झांक रही थी। मैंने फौरन उसमें पानी डाला। पिछले दस द...