Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: जितेन्द्र रावत

तोड़ दे रंजिशें
गीत

तोड़ दे रंजिशें

जितेन्द्र रावत मलिहाबाद लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************** तोड़ दे रंजिशें मैं मुक्कदर तेरा। तू है नींद मेरी मैं हूँ ख़्वाब तेरा। तू है बेचैन क्यों मेरी दिलरुबा। आँखों को अश्क़ों में मत डूबा। तू है सवाल मेरा मैं हूँ जवाब तेरा। तू है नींद मेरी मैं हूँ ख़्वाब तेरा। बेहिसाब रब से इबादत की। उन दुवाओ में तेरी चाहत थी। तू है दौलत मेरी, मैं हिसाब तेरा। तू है नींद मेरी, मैं हूँ ख़्वाब तेरा तू सियासत के जैसे बदलना नही। मेरे प्यार को दीवार में चुनना नही। तू है अनारकली मेरी, मैं हूँ नवाब तेरा। तू है नींद मेरी, मैं हूँ ख़्वाब तेरा। बेचैनी क्यों तू दिल में सजी। सूरत तेरी, आँखों में बसी। तू है मन्नत मेरी, मैं सवाब तेरा। तोड़ दे रंजिशें मैं मुक्कदर तेरा। तू है नींद मेरी, मैं हूँ ख़्वाब। . परिचय :- जितेन्द्र रावत साहित्यिक नाम - हमदर्द पिता - राधेलाल रावत निवासी - ग्राम कसमण्डी कला, ...
एक आग
गीत

एक आग

जितेन्द्र रावत मलिहाबाद लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************** एक आग नही अब बुझती है। तुम्हें देखे बिना आँखे चुभती है। ख़्वाब नही हकीक़त थे मेरे। मैं ही नही सब साथ है तेरे। दर्द में शराब ना घुलती है। एक आग नही अब बुझती है। तुम्हें देखे बिना आँखे चुभती है। क्या जुर्म किया ये कहती तो। मेरा हाल-ए-दिल तुम सुनती तो। तेरी याद मुझे अब दुखती है। एक आग नही अब बुझती है। तुम्हें देखे बिना आँखे चुभती है। तुम्हें दिल की किताब में लिखा है। नफ़रत लिखूँगा अब जो मुझे दिखा है। बिन प्यास के चाहत सूखती है। एक आग नही अब बुझती है। तुम्हें देखे बिना आँखे चुभती है। . परिचय :- जितेन्द्र रावत साहित्यिक नाम - हमदर्द पिता - राधेलाल रावत निवासी - ग्राम कसमण्डी कला, मलिहाबाद लखनऊ (उत्तर प्रदेश) शिक्षा - बी.ए (बी.टी.सी) राष्ट्रीयता - भारतीय भाषा - हिन्दी जाति - हिन्दू साहित्य में उपलब्धियां - अनेको...
भूखमरी
कविता

भूखमरी

जितेन्द्र रावत मलिहाबाद लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************** वो मासूम सा, खुद पर रोता रहा। भूखे पेट ही खुद से लड़ता रहा। जो उमीदें थी उसकी खत्म हो गयी। चाहत उसकी ही,अब जख़्म हो गयी बेबस भूखे पेट रोज सोता रहा। वो मासूम सा, खुद पर रोता रहा। भूखे पेट ही खुद से लड़ता रहा। ख़ुदा कैसे लिखा मेरी किस्मत को। अब कुछ ना रहा,तेरी ख़िदमत को। परिवार की ख़ातिर खुद को बोता रहा। वो मासूम सा, खुद पर रोता रहा। भूखे पेट ही खुद से लड़ता रहा। धूप कड़ी थी मेहनत करता गया। भूखे बच्चें ना सोये पाई जोड़ता गया। दो जून की रोटी को तरसता रहा। वो मासूम सा, खुद पर रोता रहा। भूखे पेट ही खुद से लड़ता रहा कैसे गुजरते है ये दिन ना पूछो खुदा। लाचारी से अच्छा दुनिया से कर दे जुदा। राह दिखा दे मुझे विनती करता रहा। वो मासूम सा, खुद पर रोता रहा। भूखे पेट ही खुद से लड़ता रहा। . परिचय :- जितेन्द्र रावत साहित्यि...
स्वयं को सतर्क रखें
कविता

स्वयं को सतर्क रखें

जितेन्द्र रावत मलिहाबाद लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************** सयंम बरतो, मत घबराओ, कोरोना पर स्वछता बरसाओ। दूर रहेगा यह कोसो तुम से। डर जाता सफाई की धूम से। हाथों धो साबुन से पहले। चाहे खेलो इक्का-दहले। रुमाल को औजार बनाओ। सभी बीमारी दूर भगाओ। महामारी ऐसी फैली है जग में। स्वच्छ पानी रखो अपने जग में। लापरवाही ना जरा सी बरतो। नही तो बीमार हो जाओगे परसो। सर्दी, खासी, और जुकाम। इनका कर दो काम-तमाम। सावधानी बस एक ही उपाय। डॉक्टर को मिलन कहे को जाये। सजग रहो, सतर्क रहो,कोरोना से। बाद में मिल लेना अपनी सोना से। अफवाहों पर ना ध्यान लगाएं। आज ही सेनेटाइजर अपनाएं। हमदर्द का संदेश सबके हित में। खुशी मिलेगी कोरोना से जीत में। . परिचय :- जितेन्द्र रावत साहित्यिक नाम - हमदर्द पिता - राधेलाल रावत निवासी - ग्राम कसमण्डी कला, मलिहाबाद लखनऊ (उत्तर प्रदेश) शिक्षा - बी.ए (बी.टी.स...
मेरा स्वाभिमान मेरे पापा
कविता

मेरा स्वाभिमान मेरे पापा

जितेन्द्र रावत मलिहाबाद लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************** हाथ में उनकी डोर। मैं उड़ता गगन की ओर। मेरे सिर पर पापा आपका हाथ रहे। मेरा जीवन सदा आपके साथ रहे। हाथ में उँगली लेकर, सामाजिक दुनिया देखी। अपने स्नेह भाव से, मेरी तक़दीर लिखी। मैं अक्षर, आप कितना बनके साथ रहे। मेरे सिर पर पापा आपका हाथ रहे। मेरा जीवन सदा आपके साथ रहे। बन जाते मेरी ढाल, कसता कोई तंज। ह्रदय इतना कोमल, शरमा जाए पंकज। मेरे स्वाभिमान में, आपकी ठाट रहे। मेरे सिर पर पापा आपका हाथ रहे। मेरा जीवन सदा आपके साथ रहे। प्यारी सी मुस्कान, लचीला है अंदाज। कोयल से भी मोहक, लगती है आवाज़। मेरी बातों में, आपकी ही बात रहे। मेरे सिर पर पापा आपका हाथ रहे। मेरा जीवन सदा आपके साथ रहे। . परिचय :- जितेन्द्र रावत साहित्यिक नाम - हमदर्द पिता - राधेलाल रावत निवासी - ग्राम कसमण्डी कला, मलिहाबाद लखनऊ (उत्तर प्रदेश) शिक्...