मिट्टी मेरी शान
गाज़ी आचार्य 'गाज़ी'
मेरठ (उत्तर प्रदेश)
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भारत मेरा देश है, मिट्टी मेरी शान ।
कहो गर्व से देश की, हिन्दी है पहचान ।।
एक देश है विश्व में, भारत जिसका नाम ।
बसते धर्म अनेक है, सबको करूँ प्रणाम ।।
हिन्दी आत्मा है यहाँ, संस्कृत सबका साज़ ।
पावन धरती देश की, हिन्दी है आवाज़ ।।
पग-पग बदले बोलियां, कदम-कदम पर रूप ।
एक समय में सब मिले, कहीं छाँव तो धूप ।।
परिचय :- गाज़ी आचार्य 'गाज़ी'
निवासी : मेरठ (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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