Friday, November 15राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: किरण पोरवाल

अतः स्वर
कविता

अतः स्वर

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** अतः स्वर की वीणा की तान जीवन संघर्ष प्रकृति प्रसन्नता खुशहाली व्यंग त्याग मिलना बिछुड़ना भाव प्रधान हृदय को छूकर फिर रम जाता है मन आत्मा में। अंतर मन जब डूब जाता है जन्मता है एक कवि का विचार, अंत:करण की आवाज हे सुनकर विचारों की लड़ियां बन जाती होता साहित्य कविता का सृजन का हे आज। अतः स्वर अतः मन एक लक्ष्य एक विचार, चिंतन मनन का है भाव, स्फुटित होता है कोई रचना रच जाती चलती रहती अत: स्वर आत्मा की देखो आवाज। कविता को कवि भाव से सजाती, अलंकार छंद रस के गहने पहनाकर, मन के भावों की देखो दुल्हन। शब्द-शब्द से कविता बन जाती। अतः स्वर की गंभीरता शांति एकाग्रचित चिंतन और ध्यान, पहना देती कविता को रचना से, कविता को, सुर ताल से पायल की देखो झंकार। किरण लगा देती प्रकृति की, बेल-बूटो की साड़ी तैयार, ...
शिव भक्ति
स्तुति

शिव भक्ति

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** सावन का महीना अति पावन करते सब भोले का वंदन, श्रद्धा विश्वास के प्रतीक है शंकर शक्ति के आराध्य है शंकर। अमर कथा के व्यास हे शंकर, गोरा को कथा सुनाएं शंकर, पार्वती ने तब किया सावन मैं, "श्रावणे पूजयते शिवम्" दान धर्म का फल है सावन अविरल भक्ति का महीना है सावन। समुंद्र मंथन हुआ सावन में, विष का पान किया शंकर ने, नीलकंठ प्रभु नाम धराया, जग को विष से बचाए शंकर, चंद्रमा शिव शीश सुहाय, जटा में गंगा हे लिपटाए, गले मुंड की माला सुहाय, शेषनाग धारे शिव शंकर। त्रिनेत्र त्रिशूल हाथ में अंग भस्म लगाए शंकर, बेलपत्र शिव शंकर प्यारा, सत रज तम का प्रतीक हे न्यारा। सौम्य रूप कभी हे प्रलयकर, रौद्र रूप धारी शिव शंकर, हाथ में डमरू जटा सजाए, तांडव नृत्य करे शिव शंकर, त्रिनेत्र प्रलयंकरकारी पल में प्रलय करे शिव श...
आवाज
कविता

आवाज

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** सशक्त बनो शक्तिशाली बनो, लक्ष्मीबाई तलवार की धार बनो एक हाथ में पुस्तक हो, दूसरे मे तलवार सा हथियार भी हो। यह वक्त न बहस, मोमबत्ती का, यह समय हे हाथो मे हथियारो का, अब क्लास लगा दो बालिकाओ की, अब दे दो छूट महिलाओं को, बालिकाओ को उन किशोरीयो की, अपनी सुरक्षा और मान सम्मान की। तलवार सीखे, वह बंदूक सीखे, वह अत्याचारीयो पर वह भारी बने, तन और मन से शक्तिशाली बने। फांसी के फंदो पर झूला दो उन्हें, जो अत्याचार करे जो जुल्म करे। कोई भी धर्म मजहब का हो, कोई भी रिश्ते नाते हो। ना छोडो अत्याचारो को इन राक्षस दानव दुष्टो को, नही दया दिखाओ इन दानवो पर भूखे ही मरने दो इन राक्षसो को, यह हर महिलाओ की आवाज भी है, यह हर बालिकाओ की ललकार भी है। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन...
खुद से खुद की मुलाकात
आलेख

खुद से खुद की मुलाकात

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** ध्यान योग साधना से खुद को खुद के अंदर झाँककर, एक मुलाकात खुद ने खुद से की। मैं किस जगह और किस डगर पर हूं और मुझे कहां पहुंचना है? जब मैं खुद को खुद से पहचानी, तो महसूस किया मैं एक कवियत्री हूं मैं अपने भावों के द्वारा अपने विचार सबके सामने रखती हूं। मैं प्रकृति, एक दूसरे के भाव विचार, धरती, अंबर, जलवायु, हरियाली, नदी, पर्वत समन्दर से रूबरू होकर अपने भाव प्रकट करती हूं। मैं एक आर्टिस्ट हू मैं अपनी कला को प्रदर्शित कर, कविता के माध्यम से उसके अंदर तन्मय और लीन कर देती हूं, सोचने और समझने पर बाध्य कर देती हूं। अरे! मेरी कला तो इतने सालों तक छिपी हुई थी इन मंचो के द्वारा व आप सबके द्वारा पसंद करने पर मेरी कला को में प्रदर्शित कर सकी और अपने आप को पहचान सकी, की प्रभु ने भी मुझे कुछ सीखा कर भेजा है जो कला हर व्यक्ति में रह...
द्रोपदी
कविता

द्रोपदी

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** क्या दोष मेरा था पांडु पुत्र, जो दांव पर मुझे लगाया है, क्या अबला समझकर मुझको तुमने दाँव पेच पर लगवाया है, क्यों मौन बैठे तुम रहते हो, कहा गया गांडीव धनुर्धर? भीम की गदा की शक्ति कहा, तलवार क्यों पडी धरा पर है। क्यो झुका हुआ हे मस्तक पितामह का? अधर्म की ओर आज झुका हुआ? बंधे राजधर्म की जंजीरो से, एक लाज द्रोपदी की लगी है आज। पासो मै हारी है द्रोपदी, द्रुत क्रीड़ा की पासे वो है, दुर्योधन अधर्मी बुद्धि, दुषाशन निर्वस्त्र करो तुम आज। पाँचो पाँडव हारे बैठे, द्रोपदी ने जब सबको पुकारा है, नही गांडीव चला अर्जुन का, नही गदा चली भीम की है। अधर्म के आगे धर्मराज, आज मौन हुये भीष्म पितामह है, द्रोपदी की लाज पे आच हे आज, दुशासन खींच रहा साडी आज। अबला की लाज बचाओ तुम, आ जाओ गिरिवर के धारी, द्रोपदी की लाज ...
दर्द की चीखें
कविता

दर्द की चीखें

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** क्या भ्रूण में मर जाऊं? क्या जन्म ना ले पाऊं? कैसी घड़ी कैसा समय, क्या बंद कमरे में रह जाऊं। क्या दोष किया मैंने विधाता? इस धरती पर बोझ में बन बैठी, रावण दुशासन एक ही थे अब हजार दुशासन बन बैठे। धरती से जन्मी सीता को धरती में समाना पड़ता है, अत्याचारों का जीवन देखो द्रोपती को सहना पड़ता है। त्रेता में एक कृष्ण जन्मे अब कलयुग में हजार कृष्ण को जन्म ना होगा। अपनी सुरक्षा अपना बचाव क्या जन्म से बेटी कर लेगी? अबोध नादान नासमझा जो बेटी है, कैसे कंस के हाथों बचनी होगी। संस्कार सभ्यता शिक्षा में बदलाव जरूरी है भारत में, गीता पुराण भागवत की शिक्षा गुरुकुल जरूरी है भारत में। विचार क्रांति ही है सुरक्षा, विचारों की प्रधानता हो प्रबल, तभी सुरक्षित रह पाएगी भारत माता और भारत की बेटी। पूजनीय वंदनीय हम सम...
गुरु बिना ज्ञान विवेक ना होए
कविता

गुरु बिना ज्ञान विवेक ना होए

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** गुरु अमृत है गुरु विष का प्याला भी है। गुरु मीठा है गुरु कड़वा है, गुरु संस्कार हे गुरु संस्कृति है। गुरु ज्ञान है गुरु विवेक है। गुरु वर्तमान भूत और भविष्य है। गुरु बुद्धि है गुरु चित् है। गुरु चित्र है गुरु चरित्र है। गुरु जीवन की सीढी है। गुरु दर्पण है गुरु निश्चल है। गुरु मान है गुरु सम्मान है। गुरु ब्रह्मा विष्णु और महेश है। गुरु व्यापक गुरु अनन्त है। गुरु सूर्य है गुरु चंद्र है। गुरु तीर है गुरु माखन है। गुरू धैर्य है गुरु साहस है। गुरु प्रकाश है गुरु किरण के जीवन में गुरू अवतार मै कृष्णा भाभी के समान (गुरु) शिक्षका है। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्...
सावन का महिना
कविता

सावन का महिना

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** सावन का महिना रिमझिम-रिमझिम देखो बरसे मेघ, पिया प्रियतम देखो झूला झूले हरियाली ओढ़े वन उपवन, फूलों से महके चमन, पपीहा करे वन मै शोर, सावन की उमंग नाचे देखो उन्मद मोर, रिमझिम-रिमझिम सावन की फुहार, कोयल का देखो है शोर, उमड-घुमड कर बरसे बादल, कान्हा के होठौ पर मुरली तान सुनाये मीठे बोल। सखिया देखो भई बावरी, डोलत देखो हे मधुबन, काना की बंशी की धुन पर नाचत देखो ब्रजबाला सब, देखो वन मै झूले राधा संग कृष्ण। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर...
काले-काले जामुन
कविता

काले-काले जामुन

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** खट्टे मीठे काले जामुन, बच्चे बूढ़े सबको भाये जामुन, काले काले गोल मटोल, फायदे करते है भरपूर। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल है करते, मोटापे को दूर है करते हैं, चेहरे को चमकाये जामुन, फाइबर से भरपूर हैं जामुन। कोई खट्टे कोई मीठे, खाते ही दाँत कटकटाये जामुन। खाते ही देखो आँख मिचते, आँख मारते हम हे जामुन। भला लगे चाहे बुरा लगे, बस जामुन तो बस होते है जामुन। देखो खट्टे खट्टे जामुन। मीठे जामुन गुटली कड़वी, चूस चुस कर खाते जामुन। मौसम का एक पल है जामुन, स्वास्थवर्धक होते हे जामुन। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय श...
ननद बहन
कविता

ननद बहन

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** ननद को जीवन में क्या हम समझे? बहन समझे या ननद हम समझे, मायके का एक अंश ननद है। थोड़ा सा अधिकार ननद है, प्रेम भाव का राज ननद है, मेल मिलाप की जगह ननद है। प्यार की एक जगह ननद है। सहेली और बहन का संबंध ननद है भाई का तो प्यार ननद है। मानसिक दुख का इलाज ननद है, भाई की शक्ति तो ननद है, नहीं किसी से लेना देना बस बिगड़े काम बन जाए ननद है। "दीप से दीप जलाती ननद है, एक पंक्तिबद्ध का भाव ननद है" पीहर में खुशहाली ननद है, हल्ला गुल्ला शोर शराबा, देखो एक माहौल ननद है। काम सुधारे काम बनाये, भाई की उलझन का हल है । पिता के दिल का भाव ननद है माता का तो प्यार ननद है, पीहर की ढाका छाबी ननद है। भाई का तो भाव ननद है। मान अपमान का घुट ननद है। पीहर की तो लाज ननद है, अमीरी गरीबी का मान ननद है। सह लेती सब भार ननद है...
मीठी वाणी
कविता

मीठी वाणी

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** प्रेम शब्द में मीठा है, प्रेम शब्द का मोल, प्रेम शब्द से सब रीझे मानव देव असुर। प्रेम शब्द है मोहिनी प्रेम शब्द है राम, प्रेम शब्द में कृष्ण बसे गोपीयो के हे भगवान, प्रेम शब्द है खींचता दौड़े आए श्याम, द्रोपदी का चीर प्रभु बढ़ा दिया तत्काल, प्रेम व्यवहार से जगत को जीत लेता इंसान, प्रेम भाव संबंध से खुशियाली घर द्वार, अतिथि आये द्वार पर देवों के समान, प्रेम शब्द से झुक जाए दुष्ट शत्रु तत्काल। प्रेम के आगे झुक गए देखो कृष्ण महान, "मीठी बोली सुक बोले सबके मन को भाय , कर्कश वाणी कौवा बोले कोई ना उसको चाह" परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मं...
मीठी मनवार
कविता

मीठी मनवार

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** माँ की देखो मीठी मनहार बचपन से करती वह प्यार। पुचकार पुचकार माँ दुध पिलाती, जिद्दी पर माँ उसे सहलाती, अपने हाथ माँ सीर पर घुमाती, मीठा मीठा लाड़ लडाती, रोने पर माँ दुखी होजाती, कही नजर ना इसे लग जाये, अपने आँचल से उसे छुपाती, राई लून से नजर उतारे, काला टीका उसे लगावे, मीठी मनवार करे देखो लाड़। पलना झुले देखो लाल। पैरो पर माँ उसे लेटाती बडी हिफाजत से उसे नहलाती, नैनो मे कही नीर ना ढल जाये देखो कैसे उसे बचाती। माँ तो बस माँ होती हैं, मीठी मनहार से उसे सुलाती। मीठी मीठी लोरी गाती, पलने मै माँ उसे सुलाती। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जब...
राजनीति
कविता

राजनीति

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** चमचों ने कहा चमचे से कुछ चमक-दमक दमकी ही नहीं? पीतल को घिसा खूब मगर ! सोना बनकर वह उभरा ही नहीं। लोहे मे लोहा मिलने से सोना नहीं बनता है भाई। सोने की परख जौहरी जाने, नकली जौहरी नहीं पहचाने। कंचन की परख तुम कर लेते, लोहा भी सोना बन जाता, गंगाजल में जल मिलकर के, पवित्र गंगाजल वह हो जाता। कोई नहीं पहचान सका उसको, गंगा की तरह वह पूज्य हुआ। राजनीति की भाषा तुम समझो, सोचो समझो तुम पहचानो, समय को जिसने पहचाना, हुआ समय भी देखो बलिहारी। रंग से राजा बन बैठा, कसौटी पर खड़ा उतरा भाई। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मा...
चाय लेगे आप
कविता

चाय लेगे आप

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** सुबह हो गई चाय लेंगे आप? मीठी या फीकी कड़क या नरम, सुस्ती को मिटा देगी यह चाय, छोटा बड़ा सभी को भाये सुबह-सुबह सुस्ती को मिटाए, चाय तो लगती है सुबह और शाम, अतिथि का सत्कार चाय से, आये का सम्मान चाय से, चाय की मनवार बड़ी है, मिलने जुलने पर पहचान बढ़ी हैं। किया अंग्रेजो ने इसका गुलाम, गरीबों की यह हे महारानी अमीरों की यह है महतारी, चुस्की-चुस्की में मजा है यार स्वास्थ्य को हानि इससे जान परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा "साहित्य शिरो...
भाव तो ह्रदय में
कविता

भाव तो ह्रदय में

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** भाव तो ह्रदय में पुंज हे प्रकाश है, भाव तो ह्रदय से आत्मा की आवाज है। भाव कभी गलत नहीं भाव के हे शब्द नहीं, भाव तो गरीब अमीर एक सा विचार है। भाव की कोई दृष्टि नही भाव की कोई वृष्टि नहीं, भाव तो हर व्यक्ति में आत्मा की आवाज है। भाव के कोई शब्द नहीं भाव का कोई अन्त नही, भाव तो हर व्यक्ति में आत्मा की पहचान है। भाव एक प्रेम नही, ज्ञान नहीं विवेक नहीं, भाव तो ह्रदय की आह हे पुकार है। भाव में जो डूब जाए भाव विभोर हो जाए, प्रेम की झलक एक आत्मा तक जाए है। भाव में जो डूब जाए अश्रु बिंदु झलक जाए, भाव तो महान कार्य प्रेरणा प्रदान है। भाव पर प्रतिबंध नहीं भाव की कोई चोरी नहीं, भाव तो समान सबमे व्यक्ति ही प्रधान है। ना गरीब ना अमीर किरण समभाव रखें, दृष्टि सब में एक जैसी प्रभु की संतान है। ...
समय वक्त
कविता

समय वक्त

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** समय की मार को सहना, यही हिम्मत है जीवन मै, सुख दुख के तराजू पर, खरा उतरे ये हिम्मत है। यही जीवन का पलडा़ है, यही समय की लीला है। इसे जो पार कर जाये, इसे हिम्मत जो कहते है -२ सुख आता है और जाता, यही धूप और छाँव है प्यारे, इन्हें सहना और गम खाना, यही जीवन का खेला है -२ कभी कोई साथ मै रहता, कभी कोई साथ है देता, कभी जीवन के पथ पर भी अकेला हे हमे चलना -२ यह पैसे की दुनिया हे, जब तक साथ है चलती, अर्थ की हे गजब महिमा, दुनिया साथ है चलती -२ परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्म...
माँ की बेटी
कविता

माँ की बेटी

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** खुशीयाँ है बेटी, स्नेह है बेटी, भाव है बेटी प्रित है बेटी। मान हे बेटी सम्मान है बेटी, घर आंगन में बहार हे बेटी। शुभ हे बेटी, पूज्य हे बेटी, मर्यादा की मूरत है बेटी। गंभीर हे बेटी, संतोष हे बेटी, सबके मन का राज हे बेटी। दया हे बेटी क्षमा हे बेटी, शक्कर से भी मीठी है बेटी। काम में बेटी नाम मे बेटी, दीपक सा प्रकाश हे बेटी। साहस बेटी, शक्ति बेटी, आन बान और शान हे बेटी। किरण का सा तेज है बेटी, विजय की पहचान है बेटी। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक ...
गुमनाम
कविता

गुमनाम

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** गंभीर स्वभाव गंभीर विचार, गंभीर भाव गंभीर है चाल। शेर जैसी जिसकी दहाड़ बाज जैसा निशाना, शुक जैसी जिसकी वाणी, राजनीति को जो हे खिलाड़ी, रीझे जिस पर, साधु- संत-महंत और ज्ञानी। देश विदेश में देखो ख्याति, हर शब्द देखो हे वाणी, तरकस से छूटे जैसे बाण। सनातन का पक्का वह प्रहरी, गरीबो का वह कृपा निधान। ध्यान योग तप और साधना, हे जिसके जीवन मै ज्ञान। देश प्रेम और देश सेवा ही जिसका है परम उद्देश्य। आप बताओ कौन है देश मै? राजा, संत महंत या त्यागी, सबके मन का जो है मीत। चित्त मे जिसके हरदम रहता सनातन और देश प्रेम का जज्बा? परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित...
नववर्ष
कविता

नववर्ष

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** नया वर्ष शुभ मंगल मय हो, चहु दिशा सब आनंद मय हो, विक्रम संवत का शुभारंभ आज से नवरात्रि का मंगल पर्व है, चेटीचंड का पर्व आज है, राज्य तिलक प्रभु राम का आज है, सब मिल आज नया वर्ष मनाए, पूरन पूरी सब मिलकर खाएं, सभी रोग अब कोसो दूर, मुख पर सदा मुस्कान बनी हो, सावन सी हरियाली आये, आमो पर छाये हे मोड, नई कोपले पेड़ पर आई, हरियाली चहुँ दिशा है छाई, वन मै नाचे देखो मोर, जीवन हराभरा हो जावे, आपस मै सब प्रेम लुटावे, मन मै कोई राग द्वेष ना, निर्बल सबका मन बन जाये, दुख सुख मै सब साथ रहे हम, ऐसा नववर्ष मंगलमय बन जाए, किरण विजय शुभ कर्म करे हम, जीवन सार्थक अपना हो जाये, नववर्ष मंगल बन जाये। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व...
होली के संतरंगी रंग
कविता

होली के संतरंगी रंग

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** होली में हो ली, कौन किसके साथ हो ली, सास ससुर के साथ हो ली, जेठानी जेठ के साथ हो ली, नंदन नंदोई के साथ हो ली, भाभी-भैया के साथ हो ली देवर देवरानी के साथ हो ली, और बाकी जिसका मन पड़ा वह उसके साथ हो ली, बचे हम दोनों हम महाकाल की गैर देखने इनके साथ हो ली मिल गए सब महाकाल की गैर में, खुली पोल सबकी, कौन किसके साथ होली में हो ली, कोई ठंडाई कोई भांग कोई रगड़ा कोई गोली , होली में गोली और गोली में हो ली, आया नशा होली के रंगों में महाकाल की टोली। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्...
दृढ़ निश्चय
कविता

दृढ़ निश्चय

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** भावना की लहर में बहते चले गए सदा, चोट तो बहुत है खाई, पर बढ़ते चले गये सदा। कभी फूल भी मिले, कभी कांटों पर चले, सुख दुख की झाड़ी से, निकलते गये सदा। कभी प्रशंसा की बौछार, कभी गाली भी मिले, सबको नमस्कार कर, हम तो बस बढे़ चले। आंधी और तूफान ने, घेर हैं हमको है सदा, रोशनी और प्रकाश देख, हम तो बस बढे़ चले। भावना प्रबल हो जहां, कार्य की उमंग हो, दृढ़ निश्चय ठान के हम, तो बस बढ़ते चले। दृढ़ निश्चय ठान के हम, अपने पथ पर है चले। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ...
घर की रौनक
कविता

घर की रौनक

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** माँ के मन का भाव जो जाने, दिल का हर अरमान वो जाने, खुशी के पल देती वो हर क्षण, कीमत पहचाने वो हर पल, घड़ी समय पल को पहचाने, दुख सुख की परवाह वो करती, आदर्श चरित्र बेटी वो होती। गम को कोसो दूर है रखती, बिन बेटी के आँगन है सुना, बिन बेटी के त्यौहार भी सुना, खुशीयाँ आये आने से द्वार, शुभ मंगल होवे सब काज। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना रूचि : कविता लेखन, चित्रकला, पॉटरी, मंडला आर्ट एवं संगीत घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित क...
मातृशक्ति
कविता

मातृशक्ति

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** "रोज ही मातृ दिवस मनाओ, झुझती वह हर रोज है, हर पल पग-पग देती परीक्षा, कभी माँ बन कभी सासु वो" कितनी भी रणचंडी बन ले, प्रेम झलकता आंखों में, कभी हाथों में तलवार है उसके, कभी हाथों में बेटा है। कभी घोड़े पर असवार है होती, कभी घोड़ा बन जाती वो, कभी रक्त से तलवार है धोती, कभी कलम चलाती वो। कभी सिंहासन राज है करती, कभी वन वन में डोले वो, कभी बेटे का बलिदान है करती, कभी पन्नाधाय बन जाती वो। एक आंख में आंसू उसके, एक में प्रेम झलकाती वो , एक पल में रोना है उसका, एक पल में हंस जाती वो। कितना त्याग बलिदान है उसका, कभी चण्डी कभी दुर्गा वो, कभी जनक दुलारी सीता बनती, कभी वन देवी बन जाती वो। कभी हल से वह पैदा होती, कभी-कभी अग्नि परीक्षा देती वो, कभी धरती फट समा वह जाती, वह भारत की बेटी जो। ...
इंतजार के पल …
कविता

इंतजार के पल …

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** इंतजार के पल भी बहुत होते हैं कठिन, इंतजार किया माता रुक्मणी ने, प्रभु पति पाये गोपाल नारद के मुख से कहानी सुनी ! कृष्ण चंद्र महाराज, पति रूप स्वीकार किया माता देखो आज, पाती (पत्र) भेजी कृष्ण को ले जाओ दीनानाथ, नहीं तो शिशुपाल दुष्ट आपकी दासी ले जाएगा साथ (आपका हक)। पाती पढ़कर है प्रभु कुंदनपुर में आए, रूखमणि को रथ में बैठा करके, ले जाए प्रभु साथ, इंतजार के पल खत्म हुए वर पाया गोपाल, पटरानी रुक्मणी बनी राजा हे नंदलाल। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. ...
दो टूक
कविता

दो टूक

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** अहम को विचारो से भगाना सीखो, जीवन को सादगी से निभाना सीखो, ना जाने कोई पल ऐसा आये, मोती को एक डोर मै पिरोना सीखो, वक्त और धन पर गुरूर कैसा, यह तो समंदर के हिलोरे जैसा, सुख और दुख तो हरदम साथ साथ, कभी दायें तो कभी बायें चलते है साथ साथ, तीखे तीर और तेवर को रखना सम्भाल के, बाली भी भील बनकर आयेगा काल मै, परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना रूचि : कविता लेखन, चित्रकला, पॉटरी, मंडला आर्ट एवं संगीत घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ...