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Tag: एम एल रंगी

साथिया
कविता

साथिया

एम एल रंगी पाली राजस्थान ******************** जीवन के विकट मोड़ पर , जब थाम लिया तूने मेरा हाथ .......!! सफर रहा मुश्किलो में भी, अपना हर मौसम में साथ-साथ .....!! बेदर्द जमाना लगाए बैठा था घात, सहते रहे हम दिलो पर आघात .....!! दिल करता हैं, चीर दू , अपने जिस्म के ज़खीरे को ...........!! और डाल के भीतर हाथ, मुट्ठी में भींच कर निकाल लूं .........!! उसे खींचकर बाहर औऱ , जोर से उछाल कर फेंक दू .........!! तुम्हारे पद - पंकजो में , फिर  तो यकीन होगा मुझ पर .......!! कि मुझे  तुमसे  बेइंतहा , मुहब्बत है जन्म -जन्मान्तर से ......!!! परिचय :-  एम एल रंगी, शिक्षा : एम. ए., बी. एड. व्यवसाय : अध्यापक जन्म दिनांक : २३/०६/१९६५ निवासी : सांवलता, जिला. - पाली राजस्थान घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं म...
वाह री किस्मत
कविता

वाह री किस्मत

एम एल रंगी पाली राजस्थान ******************** आह! वाह री किस्मत, तू भी कितनी निराली है ! आँखों से नींद ओझल, ताकता हूँ रात काली है ! सोच सोचकर सोचता हूँ, हाथ में मय की प्याली है ! करने वालो ने कर दी, हद अपने वाली है ! समझ नही पा रहा हूँ, क्या ये दुनिया, इतनी फरेबी और जाली है ? सदमे खा-खा कर जिंदगी में पत्थर बन चूका है शायद दिल मेरा, तभी तो सह जाता कड़वी गाली है ! कहते है कि साँच को कभी आँच नही, खुदा के दरबार में, दूध का दूध और पानी का पानी है ! रे मन रखले धीरज, क्यूँ करे अपनी बदहाली है! सोने की कोशिस कर अब तो ! बोतल भी हो गई खाली है ! हाँ बोतल भी हो गई खाली है ! हाँ बोतल भी हो गई खाली है !!! परिचय :-  एम एल रंगी, शिक्षा : एम. ए., बी. एड. व्यवसाय : अध्यापक जन्म दिनांक : २३/०६/१९६५ निवासी : सांवलता, जिला. - पाली राजस्थान घोषणा पत्र :...
कोरोना वियोग
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कोरोना वियोग

एम एल रंगी पाली राजस्थान ******************** हम इधर है और वो उधर है, कोरोना के कारण मिलन दूभर है ....!! करे तो करे भी क्या इस लॉक डाउन में, वियोग इधर है तो इंतजार उधर है ...!! दोनों और पलता है प्रेम, इस घोर विकट घड़ी में अथाह ... ...!! मन मे मिलन की है पराकाष्ठा, पर संक्रमण काल मेअधूरी है चाह . .!! लॉक डाउन बाद खुलेगी शायद, मिलन की कोइ न कोई राह .. ....!! होगी नजरे इनायत भी और, उमड़ेगा पारावार प्रेम का अथाह . ...!! होंगें फिर प्यासे दिलो के, गिले-शिकवा भी दूर सभी ........!! खाएंगे कसमे की, विकट हालातों में, फिर रहेंगे न दूर कभी .............!!! हाँ मितवा रहेंगे न दूर कभी .....!!! . परिचय :-  एम एल रंगी, शिक्षा : एम. ए., बी. एड. व्यवसाय : अध्यापक जन्म दिनांक : २३/०६/१९६५ निवासी : सांवलता, जिला. - पाली राजस्थान आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच ...
जला दिए हैं
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जला दिए हैं

एम एल रंगी पाली राजस्थान ******************** जला दिए हैं ९ दिये ठीक रात ९ बजे ९ मिनिट तक, हमने सोचा था की भाग जायगा कोरोना, जैसे भाग जाते है गधे के सिर से सिंग ...!! भागा ही नही वो तो अभी भी है कायम, गलती से भी अब यारो मत बतियाना, और मत बैठना किसी के भी ढिग ..!! रहना होगा अभी हमको घरों में ही, त्रासदी भयंकर है भारी,कर दी अगर, जरा सी चूक तो लग जायँगे लाशो के ढिंग .!! वैर-भाव को छोड़ो अब तो हे धर्मधुरंधरो, देश बचा लो अब तो, इंसानियत को धारो, तुम्हारा तो कुछ भी गया न फिटकरी न हींग .!! लानत है, जिल्लत है, चायना वालो तुम पर, फैला दी पूरे विश्व मे ये कैसी महामारी, हाय लगेगी तुम्हे और मरेंगे तुम्हारे भी जिंग-पिंग .!! तुम क्या समझो वायरस हमला करके, पल में बन जाउंगा विश्व - किंग .!! इस मुगालते में मत रहना भूलकर भी, खोल त्रिनेत्र जाग गया अगर इस सृष्टी...
मैं समय हुँ
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मैं समय हुँ

एम एल रंगी पाली राजस्थान ******************** मित्रो ... मैं समय हुँ, मैं बहुत बलवान हूँ ....!! मैं बोलता कम हूँ मगर, बहुत कुछ कर गुजरता हूँ ..!! जिसने मुझे पहचान लिया, मैने उसे सम्भाल लिया ...!! जो भी मुझसे टकराया, वो बहुत ही पछताया .....!! इतिहास उठा के, देख तो लो जरा, कुछ भी न बचा उसका, मुझसे जो न डरा ..!! चाहे हो रावण, कौरव और कंस, झेलना पड़ा उनको भी मेरा ही दंश ......!! मैं कब पलटी मार जाऊ, खुद को भी नही पता, दुर्दशा होगी उनकी जो प्रकृति से करेगा खता ..!! ये कोरोना भी प्रकृति का ही है एक कहर, रहो घरों में कैद वरना, सुने पड़ जायँगे शहर ....!! "रांगी" कहे सम्भल जाओ ए जहाँ वालो, करो नेकी बन्दों की, और अपने आप को बचा लो ..!!! . परिचय :-  एम एल रंगी, शिक्षा : एम. ए., बी. एड. व्यवसाय : अध्यापक जन्म दिनांक : २३/०६/१९६५ निवासी : सांवलता, जिला. - पाली राजस्थान आप भी अप...