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Tag: आशीष कुमार मीणा

सर्दी की सरकार
कविता

सर्दी की सरकार

आशीष कुमार मीणा जोधपुर (राजस्थान) ******************** ओढ़कर आँचल रहो अब सर्दी की सरकार है। जिसकी चलती थी हुकूमत हौसले अब पस्त हैं। देर से आता है सूरज जल्दी होता अस्त है। छुपता, छुपाता खुद को जैसे गुनाहगार है। ओढ़कर .... बेवजह चिढ़ती थी जो दुपहरी उन दिनों सूखते थे पेड़, पौधे होठों पर बस प्यास थी हर तरफ है हरियाली बिखरी अब बाहर है। ओढ़कर.... ओस से भीगे हैं पत्ते बारिश का अहसास है फूल,कलियां भीगें हैं जैसे आया मधुमास है। कोहरा ठहरा है जैसे सर्दी ने रखा पहरेदार है ओढ़कर.... ठिठुरते हाथ लेकर संध्या रात में समा गई तारों की बारात लेकर रात है अब आ गयी सूनी हों हर गलियाँ, राहें सबको खबरदार है ओढ़कर आँचल रहो अब सर्दी की सरकार है। परिचय :- आशीष कुमार मीणा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। ...
नया साल ऐसा आये
कविता

नया साल ऐसा आये

आशीष कुमार मीणा जोधपुर (राजस्थान) ******************** नया साल ऐसा आये सबकी खुशियाँ लाये। गरीब का ठिकाना हो सबको आबो-दाना हो रहे नहीं तकलीफ कोई भी सबकी बिगड़ी बात बनाये नया साल ऐसा आये...... कोई ना बीमार रहे खुशियों की बौछार रहे बैर रहे ना कहीं किसी में सब अपना कर्तव्य निभाये नया साल ऐसा आये ..... माता पिता का हो सम्मान पूरे सबके हों अरमान बनी रहे जीवन भर शान बात समझ ये सबके आये नया साल ऐसा आये ....... कब किसको आना-जाना है वक्त के हाथ जमाना है प्रेम की बांधे डोर चलो रब के मन को ये ही भाए नया साल ऐसा आये सबकी खुशियां लाये। परिचय :- आशीष कुमार मीणा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र ...
मैया तेरे स्वागत में
कविता

मैया तेरे स्वागत में

आशीष कुमार मीणा जोधपुर (राजस्थान) ******************** मैया तेरे स्वागत में रहें देव सारे। दैत्यों ने छीन लिए जब राजपाट सारे सबको बचाया आके आये जब द्वारे मैया तेरे स्वागत.... मैया के क्रोध का कोई पार नहीं पावे महिषासुर वध किया,शुम्भ निशुम्भ मारे मैया तेरे स्वागत .... मैया आओ वास करो आँगन द्वारे दूर हों संकट रिद्धि- सिद्धि पधारे मैया तेरे स्वागत.... धरती आकाश काँपे जब काली रूप धारे महागौरी बनकर खुशियों के खोल दे भंडारे मैया तेरे स्वागत................. फिर से पधारों माँ, जग को संवारो छाए हैं संकट कितने पाप अंधियारे मैया तेरे स्वागत.... परिचय :- आशीष कुमार मीणा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छाय...
गजानन
कविता

गजानन

आशीष कुमार मीणा जोधपुर (राजस्थान) ******************** लिख नहीं पाती है तुझको कलम की औकात क्या। बाँध ले तुझको धुनों पे ऐसा कोई साज क्या। क्या बयान तुझको करे है मति की परवाज क्या। जीत में बदलें हम निश्चित अपनी हार को। चरणों में मां बाप के पा लें हम संसार को। मन्त्र दे दिया हे गजानन भव सागर पार को। पा लिया है हमने अगर मात पिता के प्यार को। परिचय :- आशीष कुमार मीणा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.co...
सैनिक
कविता

सैनिक

आशीष कुमार मीणा जोधपुर (राजस्थान) ******************** आओ उनका यश गान करें। हारी बाज़ी मौत से लेकिन अमर कहानी लिखी गई। रक्षा को भारत माँ की इक कुर्बानी लिखी गई। हर सैनिक का मान करें। आओ उनका यश गान करें। सरहद की पहरेदारी में आतंक की इस बीमारी में तिरंगे की लाज बचाने को माटी का कर्ज चुकाने को। जब तक थी जान लड़े तब तक। कुछ उन पर भी अभिमान करें। आओ उनका यश गान करें। सरहद से युद्ध निकलकर जब रिश्तों तक आ फैला है। बेटे की अर्थी ढोकर बूढा बाप अकेला है। राखी वाले हाथ नहीं अब किससे जिद, अरमान करें। आओ उनका यश गान करें। मां की आंखों में सूनापन बिखर गए हैं कितने बचपन सिंदूर मिटा है माथों से मेहंदी छूटी है हाथों से। उनका भी कुछ ध्यान करें। आओ उनका यश गान करें। परिचय :- आशीष कुमार मीणा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रच...
कृष्णा
भजन, स्तुति

कृष्णा

आशीष कुमार मीणा जोधपुर (राजस्थान) ******************** शब्दों मे तुझे बाँध न पाऊँ बुद्धि से तुझे माप न पाऊँ कैसे तेरी थाह लगाऊं मैं क्या लिखुँ तुझको प्रभु। कृष्ण लिखुँ, गोविंद लिखुँ केशव, माधव, कुँज लिखुँ बृजनन्दन, घनश्याम लिखुँ तुमको राधे श्याम लिखुँ मैं क्या लिखुँ तुझको प्रभु। यशोदा का लाल लिखुँ नाग कालिया काल लिखुँ सुदामा सखा बाल लिखुँ कंस का अंतकाल लिखुँ मैं क्या लिखुँ तुझको प्रभु। अर्जुन का गीता ज्ञान लिखुँ द्रोपदी का ध्यान लिखुँ मीरा का गिरधर गोपाला विष बना अमृत का प्याला मैं क्या लिखुँ तुझको प्रभु। तुमको नन्द किशोर लिखुँ या फिर माखन चोर लिखुँ मुख में ब्रह्मांड दर्शन लिखुँ या फिर चक्र सुदर्शन लिखुँ मैं क्या लिखूँ तुझको प्रभु। परिचय :- आशीष कुमार मीणा निवासी : जोधपुर (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौल...