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Tag: आनन्द कुमार “आनन्दम्”

ख़ामोशियां
कविता

ख़ामोशियां

आनन्द कुमार "आनन्दम्" कुशहर, शिवहर, (बिहार) ******************** ख़ामोशियां बहुत कुछ कहती हैं धीरे-से, हौले-से, चुपके-से ख़ामोशियां बहुत कुछ कहती हैं। मन की बाट जोहती हैं बेसुध-बेज़ान-बेबसी की साये में ख़ामोशियां बहुत कुछ कहती हैं। बेमन-बेमेल-बेवजह रिश्तों को बुनती हैं टूटी हुईं धागों से मन को सिलती हैं ख़ामोशियां बहुत कुछ कहती हैं। बिन कहे सब कुछ समझती हैं बेशुमार दर्द के आलम में जीती हैं ख़ामोशियां बहुत कुछ कहती हैं। परिचय :- आनन्द कुमार "आनन्दम्" निवासी : कुशहर, शिवहर, (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन...
वक्त
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वक्त

आनन्द कुमार "आनन्दम्" कुशहर, शिवहर, (बिहार) ******************** गुज़रते वक्त के साथ लोग गुज़र ही जायेंगे रह जाएगी उनकी यादें उन यादो में अनगिनत काफ़िले और उन काफिलो का अकेला मुसाफ़िर जो अब मौन है जिसे सब जानते है पर अब गुजरते वक्त के साथ..! परिचय :- आनन्द कुमार "आनन्दम्" निवासी : कुशहर, शिवहर, (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के ...
ऐसी समझ कहाँ
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ऐसी समझ कहाँ

आनन्द कुमार "आनन्दम्" कुशहर, शिवहर, (बिहार) ******************** लोग आपको समझ सके ऐसी समझ कहाँ अनजाने राहों पर अनजाने लोगों से, अनकही बातों को जो समझ सके ऐसी समझ कहाँ मैं नहीं तुम तुम नहीं आप आप नहीं हम ऐसी समझ कहाँ ... परिचय :- आनन्द कुमार "आनन्दम्" निवासी : कुशहर, शिवहर, (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर...
दफ़न चेहरा
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दफ़न चेहरा

आनन्द कुमार "आनन्दम्" कुशहर, शिवहर, (बिहार) ******************** भला कैसे पढूं इन चेहरों को जिनके पिछे न जाने कितने राज दफ़न है। ये राज कहीं हक़ीक़त तो नहीं जो हर पल मेरे जेहन को टटोलती और बिना कुछ कहे हमेशा की तरह चली जाती। शायद कोई इत्तेफाक होगा आखें मूँद कर यह सोच लेता हूँ। कभी अपनों से तो कभी अपनेपन से। परिचय :- आनन्द कुमार "आनन्दम्" निवासी : कुशहर, शिवहर, (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें...
झूठों का  शहर
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झूठों का शहर

आनन्द कुमार "आनन्दम्" कुशहर, शिवहर, (बिहार) ******************** झूठों के शहर में सच कौन बोलेगा जो बोलेगा वह मारा जाएगा। न कोर्ट होगी ना ही तारीखें होंगी सीधे सजा सुनाया जायगा। अंधे-बहरो के बीच वह चीखेंगा, चिल्लायेगा बार बार इन्साफ़ की गुहार लगाएगा। अंततः वह आरोपी कहलायेगा। परिचय :- आनन्द कुमार "आनन्दम्" निवासी : कुशहर, शिवहर, (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com...
न जाने क्यूँ
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न जाने क्यूँ

आनन्द कुमार "आनन्दम्" कुशहर, शिवहर, (बिहार) ******************** न जाने क्यूँ लोग मुझे नहीं समझते, मेरे अल्फ़ाज़ों को नहीं पढ़ते। मेरे तजुर्बे को उँगली दिखाते उम्र का बहाना करके, क्या कमी हैं मुझमें हर वक्त यही ढूंढता रहा मैं रौशनी से जगमगाते आँगन में सारा चिराग़ बुझाकर, शाम को सुबह से मिलाने की जद्दोजहद में खुद को जैसे जला दिया, राखों के ढ़ेर पे बैठ कर न जाने कौन सा मोती मार गया। परिचय :- आनन्द कुमार "आनन्दम्" निवासी : कुशहर, शिवहर, (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित क...
मैं और मेरी तन्हाई
कविता

मैं और मेरी तन्हाई

आनन्द कुमार "आनन्दम्" कुशहर, शिवहर, (बिहार) ******************** मैं और मेरी तन्हाई! अक्सर बातें करती है। वह मुझसे सवाल करती और मैं सवालों की गठरी लिए जवाबो की शहर पहुँचता पर जवाब ढूंढ न पाता ये सिलसिला जारी है... कई दफा सोचता हूँ रिश्ता ही तोड़ दूँ अगले ही पल जेहन में फिर एक सवाल रिश्ता जोड़ा कब? मैं और मेरी तन्हाई! अक्सर बातें करती है। परिचय :- आनन्द कुमार "आनन्दम्" निवासी : कुशहर, शिवहर, (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हि...
वर्षों बीत गए
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वर्षों बीत गए

आनन्द कुमार "आनन्दम्" कुशहर, शिवहर, (बिहार) ******************** वर्षों बीत गए तुम्हारी याद में डूबती नैना उमरता हृदय भावुक मन लिये। कहाँ जाऊँ? किसको सुनाऊँ? मन का विरहा मन को सुनाऊँ। चहुँ ओर अँधेरा फैल रहा मन के प्रकाश पुंज में भाव विभोर हो रहा मन आँगन के कोने में। वर्षों बीत गए तुम्हारी याद में डूबती नैना उमरता हृदय भावुक मन लिये। परिचय :- आनन्द कुमार "आनन्दम्" निवासी : कुशहर, शिवहर, (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.co...
भोला आदमी
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भोला आदमी

आनन्द कुमार "आनन्दम्" कुशहर, शिवहर, (बिहार) ******************** आदमी तू बड़ा भोला है बात बोले बड़बोला है अच्छाई-बुड़ाई में भेद न जाने आदमी तू बड़ा भोला है। न जाने तू सच्चाई बस कहे उसकी सुनायी गफलत में पड़ता जाता है आदमी तू बड़ा भोला है। नियम की धज्जी उड़ती सरेआम माँ-बेटियाँ बदनाम होती सरेआम फिर भी लड़ता ये नाकाम शायद कभी तो सुने ये हैवान आदमी तू बड़ा भोला है। परिचय :- आनन्द कुमार "आनन्दम्" निवासी : कुशहर, शिवहर, (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hind...
आओ मनायें खुशियों का पर्व
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आओ मनायें खुशियों का पर्व

आनन्द कुमार "आनन्दम्" कुशहर, शिवहर, (बिहार) ******************** आओ मनायें खुशियों का पर्व, झूमें गायें इसमे सब आओ जलायें उन दियों को, जो वर्षो पहले बूझ चूके थे वजह क्या था, गलती किसकी थी, सारी बातों को भूलकर आओ आज मै और तुम हम हो जायें, जैसे दिया और बाती आओ हम सब मिलकर, जलायें खुशियों का दिया आओ मनायें खुशियों का पर्व, झूमें गायें इसमे सब परिचय :- आनन्द कुमार "आनन्दम्" निवासी : कुशहर, शिवहर, (बिहार) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@g...