Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मधुर मिलन

रजनी गुप्ता “पूनम”
लखनऊ

********************

उर्मिला से पूछो,
कैसे रही होगी लक्ष्मण बिन,
यशोधरा से पूछो
कैसे रही होगी गौतम बिन,
राधा से पूछो
कैसे रही होगी मोहन बिन
मीरा से पुछो
जो पी गई विष का
प्याला घनश्याम बिन,
मैं विरहन भी रहूँ कैसे
अपने प्रियतम प्यारे बिन,
न गजरा न केश सँवारूँ
न कजरे की धार निहारूँ,
लाली बिंदी पड़ गए सूने
गाल गुलाबी आओ छूने,
पायल के सुर फीके पड़ गए
बोल कंगन के धीमे पड़ गए,
दिन बीते है रीते रीते
रैन सुहानी जगते बीते,
कार्तिक पूनो डस रही है
मन पर मेरा बस नहीं है,
धड़कन की धक-धक है रूठी
बिन पिया के लगती झूठी,
कौन साधना भंग कर रही
तुम्हें कहाँ मैं तंग कर रही,
मधुर मिलन की चाह जगी है
तुमसे ही मेरी लगन लगी है,
होठों पर बस आह बसी है
गायब इनकी हुई हँसी है,
हमको अपना गेह बता दो!!
तुम भी अपना नेह जता दो।।

.

परिचय : नाम :- पूनम गुप्ता
साहित्यिक नाम :- रजनी गुप्ता ‘पूनम’
पिता :- श्री रामचंद्र गुप्ता
पति :- श्री संजय गुप्ता
जन्मतिथि :- १६जुलाई १९६७
शिक्षा :- एम.ए. बीएड
व्यवसाय :- गृहणी
प्रकाशन :- हिंदी रक्षक मंच इंदौर म.प्र. के  hindirakshak.com पर रचना प्रकाशन के साथ ही कतिपय पत्रिकाओं में कुछ रचनाओं का प्रकाशन हुआ है
सम्मान :- समूहों द्वारा विजेता घोषित किया जाता रहा है। दो बार नागरिक अभिनंदन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मंचों पर काव्य-पाठ व लघुकथा का पाठन करती रहती हूँ। सांस्कृतिक एवं सामाजिक योगदान हेतु सम्मान-पत्र प्रदान किया गया है। विद्यालय के समय भी अनेक पुरस्कार मिले हैं।
रचना की विधा :- अथिकतर दोहा सृजन, छंदमुक्त कविताएँ, मुक्तक, दोहा, गजल, लघुकथा, संस्मरण आदि…. सर्वाधिकार सुरक्षित


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *