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रचयिता : रशीद अहमद शेख ‘रशीद’
शब्दों की फुलवारी हिन्दी
भावों की भण्डारी हिन्दी
विश्व-ज्ञान को करे प्रकाशित
सूरज सी उजियारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
प्रथम ज़बाने हिन्दवी आई
हुई हिन्दवी हिन्दुस्तानी
बनी आर्य भाषा, रेख्ता भी
फिर हिन्दी की संज्ञा पाई
अगणित संज्ञाधारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
अभिव्यक्ति का प्रबल माध्यम
सरल वर्ण हैं लिपि भी उत्तम
कोई ॠतु हो कोई मौसम
धड़कन सी रहती है हरदम
सदियों से है जारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
पद्य-पद्य हैं इसके गौरव
अखिल विश्व में इसकी सौरव
इसकी विविध विधाओं में नित
सतत् सृजन होता है नव-नव
सुन्दर राजकुमारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
इसके कवि चन्द बरदाई
उन्हें वीर गाथाएँ भाई
खुसरो ने भी गीत सुनाए
आदिकाल में हिन्दी छाई
सबकी राजदुलारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
तुलसीदास जी, संत कबीरा
सूरदास, रैदास व मीरा
नानक, मलिक, जायसी, मंझन
कोई मोती कोई हीरा
इन सब पर बलिहारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
रीतिकाल में आए बिहारी
घनानंद और दास भिखारी
केशवदास, रसनिधि, भूषण
प्रिय इनकी रचनाएँ सारी
भाषाओं में भारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
भारतेन्दु जी, शुक्ल, द्विवेदी
पंत, प्रसाद, निराला, देवी
अन्य अनेक महान मनीषी
अमर सृजक सब हिन्दी सेवी
उपकृत है संस्कारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
अटक से कटक तक चलती है
दिशा-दिशा में यह पलती है
देश-देश में इसके प्रेमी
जग में इसकी ज्योति जलती है
दुनिया भर में न्यारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
रंगे राष्ट्र भाषा के रंग में
जोश भरा था अंग-अंग में
विस्मित विश्व हुआ वाणी से
इक दिन संयुक्त राष्ट्र संघ में
बोले अटल बिहारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
ऊँचे उठे विरोधी स्वर भी
कभी इधर भी कभी उधर भी
फैली ज्वाला इस विरोध की
मदुरै, मुंबई, भुवनेश्वर भी
अब सबने स्वीकारी हिन्दी
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी
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लेखक परिचय :- नाम ~ रशीद अहमद शेख
साहित्यिक उपनाम ~ ‘रशीद’
जन्मतिथि~ ०१/०४/१९५१
जन्म स्थान ~ महू ज़िला इन्दौर (म•प्र•) भाषा ज्ञान ~ हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, संस्कृत
शिक्षा ~ एम• ए• (हिन्दी और अंग्रेज़ी साहित्य), बी• एससी•, बी• एड•, एलएल•बी•, साहित्य रत्न, कोविद
कार्यक्षेत्र ~ सेवानिवृत प्राचार्य
सामाजिक गतिविधि ~ मार्गदर्शन और प्रेरणा
लेखन विधा ~ कविता,गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, दोहे तथा लघुकथा, कहानी, आलेख आदि।
प्रकाशन ~ अब तक लगभग दो दर्जन साझा काव्य संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। पांच काव्य संकलनों का संपादन किया है।
प्राप्त सम्मान-पुरस्कार ~ विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थानों द्वारा अनेकानेक सम्मान व अलंकरण प्राप्त हुए हैं।
विशेष उपलब्धि ~ हिन्दी और अंग्रेजी का राज्य प्रशिक्षक तथा जूनियर रेडक्रास का राष्ट्रीय प्रशिक्षक रहे। सन्रा १९९२ में राज्यपाल से अवार्ड मिला।
लेखनी का उद्देश्य ~ राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता तथा व्यक्तिगत सर्वांगीण विकास।
पसंदीदा हिन्दी लेखक ~ शिवमंगलसिंह सुमन, दुष्यंत कुमार, नीरज
विशेषज्ञता ~ मैं सदैव स्वयं को विद्यार्थी मानता आया हूँ।
देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार ~ भारत से मैं असीम प्रेम करता हूँ। धरती पर ऐसा अद्भुत महान देश अन्यत्र नहीं। मुझे हिन्दी बोलने,पढ़ने और इस भाषा में कुछ भी लिखने में बहुत गर्व का अनुभव होता है।
मौलिकता की जिम्मेदारी ~ मैं मौलिकता को लेखन का अनिवार्य अंग मानता हूँ।
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