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सफल जन्म

संजय जैन
मुंबई (महाराष्ट्र)
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सफल जन्म मेरो भायो
मानव जीवन पाकर।
धन्य हुआ मानव जीवन
माँ बाप के संग रहकर।
कितना कुछ वो किये
मुझे पाने के लिए।
अब हमारा भी फर्ज बनता है
उनकी सेवा आदि करने का।।
सफल जन्म मेरो भायो
मानव जीवन पाकर।।

सब कुछ समर्पित किये वो
लायक मुझे बनाने के लिए।
कैसे अब में छोड़ दूँ
उनको उनके हाल पर।
नहीं उतार सकता मैं
कर्ज उनका मरते दम तक।
पर कुछ ऋण चुका सकता
उन की औलाद बनकर।।
सफल जन्म मेरा हो जायेगा
पुत्र धर्म को निभाकर।।

जब तू भी माँ बाप बनेगा
पुन: यही दोहराया जायेगा।
तेरे किये अच्छे कर्मो का
तुझे फल यही मिल जायेगा।
मात पिता से बड़कर इस
जग में और कुछ हैं नहीं।
ये बातें औलाद समझ जायेगी
फिर ईश्वर की तरह तुझे पूजेगी।।
सफल जन्म हमारा तब
ये मानव जीवन हो जायेगा।
ये मानव जीवन हो जायेगा।।

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ-साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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