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संजय वर्मा “दॄष्टि”
मनावर (धार)
होता था बिटियाँ से
घर आँगन उजियारा
मौत पंख लगा के आई
कर गई सब जग अंधियारा
मन ही मन बातें करते
मन ढाँढस बंधाता
ढूंढे कहाँ यादें उसकी
कोई नही याद दिलाता
लोग लिंग अनुपात
बिगाड़ने मे लगे
लड़की ढूंढने में वो
दुनिया के चक्कर लगाने लगे
क्रूर इंसान भ्रूण हत्या
करने जब लगा
रोकने हेतु कानून भी
अब कुछ सोचने लगा
बेटियों के न होने की बातें
क्यों नही समझ पाते
इसलिए तो भाइयो को
हम हर घर में उदास पाते
हक बेटी का भी होता
क्यों करते भ्रूण हत्याए
रोकेंगे मिलकर जब इसे
तभी रोशन होगी रिश्तों की बगियाएं
परिचय :- नाम :- संजय वर्मा “दॄष्टि” पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि :- २ – मई -१९६२ (उज्जैन )
शिक्षा :- आय टी आय
व्यवसाय :- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग )
प्रकाशन :- देश – विदेश की विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक “, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान – २०१५ , अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता :- शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली,
काव्य पाठ :- काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ, शगुन काव्य मंच
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