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जीवनसंगिनी

शैलेष कुमार कुचया
कटनी (मध्य प्रदेश)
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साथ तुम्हारा देता है
मन को बड़ा सुकून,
दूर मत होना कभी
मेरी जीवन संगिनी…..!!

कह नही पाया जो
बात दोस्तो से,
उन्हें तुमने लफ्जो से
समझ कर
हल कर दिया…….!!

दुःख में भी साथ थी
परछाई की तरह,
सच कहूँ तो
जीवन का सार तुम्ही हो…..!!

बच्चो को बड़ा किया
दिया माँ का प्यार
ऑफिस भी गई,
साथ मे संभाला किचिन
का सारा काम……!!

पूजा,व्रत ढेर रखे
दिया ना खुद पर ध्यान,
परिवार कि खातिर
छोडा ना कोई मंदिर का द्वार..…!!

कपल डे पर यही
करता हूं पुकार,
सात जन्मों तक
बंधा रहे हमारा
इस जनम का प्यार….!!!!

परिचय :-  शैलेष कुमार कुचया
मूलनिवासी : कटनी (म,प्र)
वर्तमान निवास : अम्बाह (मुरैना)
प्रकाशन : मेरी रचनाएँ गहोई दर्पण ई पेपर ग्वालियर से प्रकाशित हो चुकी है।
पद : टी, ए विधुत विभाग अम्बाह में पदस्थ
शिक्षा : स्नातक
भाषा : हिंदी, बुंदेली
विशेष : स्वरचित रचना, विचारो हेतु विभाग उत्तरदायी नही है, इनका संबंध स्वउपजित एवं व्यक्तिगत है।
घोषणा : में यह प्रमाणित करता हूं, कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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