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जीवन साथी

सुनील कुमार
बहराइच (उत्तर-प्रदेश)
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बात दिल की कहे बिना समझ जाता है
सुख हो या दुख हरदम साथ निभाता है
सच्चा जीवन साथी वही तो कहलाता है।

कड़क धूप में शीतल पवन बन जाता है
पतझड़ में बसंत का एहसास दिलाता है
सच्चा जीवन साथी वही तो कहलाता है।

रोने पर रोता जो हंसने पर मुस्कुराता है
साया बनकर हर कदम साथ निभाता है
सच्चा जीवन साथी वही तो कहलाता है।

संग होने से जिसके हर ग़म मिट जाता है
स्पर्श से जिसके तन-मन खिल जाता है
सच्चा जीवन साथी वही तो कहलाता है।

निराशा में आशा की किरण बन जाता है
जीवन की हर इक बला से जो बचाता है
सच्चा जीवन साथी वही तो कहलाता है।

परिचय :- सुनील कुमार
निवासी : ग्राम फुटहा कुआं, बहराइच,उत्तर-प्रदेश
घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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