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एकांतवास

पवन मकवाना (हिन्दी रक्षक) 
इन्दौर (मध्य प्रदेश)
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वृद्धाश्रम में आज कोरोना की जांच करने के लिए सरकारी अस्पताल से डॉक्टर और नर्स आये हुए थे सभी वृद्धजन कतार में खड़े अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे … बाबा आपका नाम क्या है … नर्स सभी के नाम पूछती जाती… व आधार कार्ड देखने के बाद उन्हें सुई (कोरोना का टीका) लगा देती… दिन भर यही क्रम चलता रहा शाम के ५ बज चुके थे डॉक्टर और नर्स जाने के लिए सामान समेटने लगे…. तभी कमर झुकाये लाठी के सहारे चलते हुए एक बूढी अम्मा आई और नर्स से पूछा- मैंने सूना है की एकांतवास (कोरेन्टाइन) में रहने से कोरोना पास नहीं आता है… ?
नर्स बोली- जी सही कहा आपने …
बूढी अम्मा पलटकर जाने लगी तभी नर्स ने कहा अम्मा सुई (टीका) तो लगवाती जाओ …!!
अम्मा ने पलटकर देखा और धीरे से बुदबुदाई … मुझे नहीं लगवाना टीका वीका २० बरस से मैं अपने परिवार से दूर इस वद्धाश्रम में एकांतवास में (कोरेन्टाइन) हूँ कोरोना मेरा क्या बिगाड़ लेगा…?
नर्स हाथ में सुई (कोरोना टीके का इंजेक्शन) लिए जाती हुई बूढी अम्मा को एकटक देखती रह गई …. तभी नर्स के पैरों के पास पानी की कुछ बुँदे टपक पड़ी …..???

परिचय : पवन मकवाना (हिन्दी रक्षक)
जन्म : ६ नवम्बर
निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश
सम्प्रति : स्वतंत्र पत्रकार व व्यावसाइक छायाचित्रकार
संस्थापक : राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच
सम्पादक : hindirakshak.Com हिन्दीरक्षकडॉटकाम
सम्पादक : divyotthan.Com (DNN)
सचिव : दिव्योत्थान एजुकेशन एन्ड वेलफेयर सोसाइटी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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