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सैनिक की कुर्बानी

बबली राठौर
पृथ्वीपुर टीकमगढ़ (म.प्र.)

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ये फैलाई गई है चीनों की
आतंकित जाल माया
डराने को भारत पर क्यों
चीन ने डाली है कू छाया
कह दो उनसे हाँ नहीं
किसी से है भारत भी कम
बुलंद जज्बा रखते हैं
बाजुओं में है लड़ने का भी दम

अब तो डट चुकी सेना हमारी
इन्डियन चायना बॉर्डर पर
ले तिरंगा हाथ लगा
जय हिंद नारा, बाँध कफन सर
बेवजह के जुल्म ढाने वालों से
हम कभी भी नहीं डरेंगे
हर आतंक फैलाने वालों को
गोली से भून कुचल डालेंगे

हमनें नहीं की शुरूवात कभी
किसी पर भी भारत ने पहले
अब बगावत और भ्रष्टाचार
नहीं सहेगे हम भी बिल्कुल उनके
इतनी सस्ती नहीं है जान भारत के
हमारे वीर जवानों की
अब जंग मैदान में दिखा देगें
सैनिकों कीमत बन बहादुरों की

ऐसी संख्या माया की आज तक
बनी ही नहीं देश प्रेमों की
जो अपना लहू बहाते हैं देश भक्ति पर,
हँसते-हँसते जानें देते कभी
मिट जातें हैं माँ के वीर
जन्में वो जब भी भारत के लाल
तब भी अपने सीने पर पत्थर रख
आँसू बहा माँ होती मलाल

नहीं डगमगाते माँ के हौंसलें
बेटे की मृत्यु पर भी बुनियाद रखती है
इक अपना खोने पर भी दूसरे बेटे को
भेजती जब भी छिड़ा जंगे युद्ध है
सलाम है उस भारत के सच्चे
वीर को देश पर जो है मिटा
लबों पे उसका नाम हजारों
द्वारा है गया भारत में लिया

व्यर्थ नहीं जाएगी कभी
किसी भी सैनिक की कुर्बानी
क्योंकि कहलाते हैं वो वीर
शेरनी वे भारत के सैनानी
जान अपनी हथेली में लिए
देश पर मर मिटते हैं वो
क्या किसका ले जाते हैं दुख,
गम दे जाते हैं खुद के अपनों को

परिचय :- बबली राठौर
निवासी – पृथ्वीपुर टीकमगढ़ म.प्र.
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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