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छोटा कलमकार

अवधेश कुमार ‘कोमल’
जमोलिया, बाराबंकी (उ.प्र.)

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जो दिल में आता है साहब,
बस कहने की कोशिश करता हूं।
मैं छोटा सा कलमकार हूं,
बस लिखने की कोशिश करता हूं।।
मैं लिखता हूं मातृ भूमि पर,
गद्दरों से आहत होकर।
मैं लिखता हूं धर्म के ठेकेदारों से
घायल हो होकर।।
मैं लिखता हूं खद्दर धारी
नेताओं के बारे में।
जिसने विष रस घोल दिया है,
गांव गली-चौबारे में।।
मैं कहता हूं भारत के उस
अद्भुत पी.एम नरवर से।
मैं कहता हूं भारत के उस
अटल अलौकिक नव स्वर से।।
जिसने हटा तीन सौ सत्तर,
कश्मीर देश में मिला दिया।
वर्षों का वनवास राम का
एक ही छण में मिटा दिया।।

 

परिचय : अवधेश कुमार ‘कोमल’
पिता : शिव बालक यादव
निवासी : जमोलिया, बाराबंकी (उ.प्र.)
उद्घोषणा : यह प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।


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