सुरेखा सुनील दत्त शर्मा
बेगम बाग (मेरठ)
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मौन रहकर भी
गमों को सहकर भी
देखा है हमने।
जीवन के
सुंदर सपनों को
बिखरते हुए
देखा है हमने।
बिखरे सपनों को
समेटने की कोशिश में
अपने आप को
तिल-तिल मरते
देखा है हमने।
मौन रहकर भी
गमों को सहकर भी
देखा है हमने।
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परिचय :- सुरेखा “सुनील “दत्त शर्मा
जन्मतिथि : ३१ अगस्त
जन्म स्थान : मथुरा
निवासी : बेगम बाग मेरठ
साहित्य लेखन विधाएं : स्वतंत्र लेखन, कहानी, कविता, शायरी, उपन्यास
प्रकाशित साहित्य : जिनमें कहानी और रचनाएं प्रकाशित हुई है :-
पर्यावरण प्रहरी मेरठ, हिमालिनी नेपाल,हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) इंदौर, कवि कुंभ देहरादून, सौरभ मेरठ, काव्य तरंगिणी मुंबई, दैनिक जागरण अखबार, अमर उजाला अखबार, सौराष्ट्र भारत न्यूज़ पेपर मुंबई, कहानी संग्रह, काव्य संग्रह
सम्मान : हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० सम्मान एवं काव्य भूषण सम्मान मुंबई, वरिष्ठ समाजसेवी सम्मान मेरठ, क्रांति धरा साहित्य रत्न सम्मान, पर्यावरण प्रहरी सम्मान
संप्रति : सचिव ग्रीन केयर सोसायटी, सचिव बीइंग वूमेन मेरठ मंडल
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