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रचयिता : शिवम यादव ”आशा”
जो भी पाना है तुम्हें
सब कुछ मिल जाएगा
आसमाँ भी थोड़ा
झुक जाएगा
मुझे बस मौन रहना है
लोग बुरा कहते हैं
वो डराते हैं
वो आलोचना करते-करते
जीत कर भी हार जाएंगे
मुझे बस मौन रहना है
कष्ट सहकर,दर्द सहकर
मुझे मंजिल की ओर जाना है
टूटे गर मौन भी मेरा तो
मुझे बस मुस्कराना है
मुझे बस मौन रहना है
मौन दुनियां की सबसे
बड़ी शक्ति है
जिसका मुझे उपयोग
करना है
इसे पाना सबसे साधारण है
मुझे बस मौन रहना है
लेखक परिचय : नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ”आशा” है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं
रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन “
रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन “
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