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सन्नाटा फैला है

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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महामारी खा गई साहित्य योद्धा,
नजर आता यह कैसा झमेला है,
अश्रु बहा रहा हैं आज जग सारा,
साहित्य जगत में सन्नाटा फैला है।

गीतों के राजा गये छोड़कर जग,
कुंवर बेचैन नाम वो कहलाते थे,
पढ़ते जिनका गम भरा काव्य तो,
बस आंखों में आंसू आ जाते थे।

गंगा प्रसाद विमल छोड़ गये जग,
हादसे ने ले ली उनकी भी जान,
रोहित सरदाना पत्रकार चल बसे,
जिनकी विश्वभर में होती पहचान।

नरेंद्र कोहली का निधन हो चुका,
और गये जग से ही कलीम उर्फी,
कुलवंत भी गये जगत को छोड़कर,
कुमार विमल गये जो बने हैं सुर्खी।

भगवती प्रसाद देवपुर चले गये हैं,
राहत इंदौरी यूं चले गये मुख मोड़,
कितने कवि लेखक चले गये अब,
साहित्य जगत में अकेला ही छोड़।

देते आज श्रद्धांजलि साहित्य को,
या महामारी को देते हम ये दोष,
कितने आंसू बह निकलते मन से ,
चले गये उनका हमको अफसोस।

कहीं नजर उठाकर जब देख लो,
मौन व सन्नाटा ही छाया मिलता,
महामारी परेशान कर रही जन को,
खुशियों का अब फूल ना खिलता।

हर क्षेत्र के महारथी गये धड़ाधड़,
कोई उपाय नजर नहीं आता आज,
वक्त अब दूर नहीं रहा लगता है,
भारत देश पर होगा जग को नाज।

सन्नाटा ही सन्नाटा छाया है अब,
दर्द दे गये कितने जहां के लोग,
अपने रो रहे पराये भी रो रहे हैं,
कितना निष्ठुर फैला जहां में रोग।

नामवर सिंह गये, केदारनाथ गये,
सन्नाटे में छोड़ गये कितने इंसान,
कितने ही कवि, लेखक चले गये,
धरा पर होती थी अपनी पहचान।

सन्नाटा कहीं और नहीं बढ़ जाए,
वक्त अभी कर ले कुछ वो काम,
नियमों पर अगर चलते रहोगे तो,
समय दूर नहीं फिर हो जाए नाम।।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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