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भाई-बहन

उषा शर्मा “मन”
बाड़ा पदमपुरा (जयपुर)

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भाई-बहन का प्रेम से भरा,
ऐसा त्योहार है रक्षाबंधन।
रक्षा का सूत्र कलाई पर सजा,
ललाट पर लगा ये रोली-चंदन।

राखी है एक अद्भुत बंधन,
जिसकी ना हो शब्दों में अभिव्यक्ति।
भाई-बहन की असीम डोर,
बांध रही रक्षा की यह पंक्ति।

हर बहन को मिल जाती सारी खुशी,
जब भाई की कलाई पर राखी बांधती।
साथ ही भगवान से भाई की खुशी संग,
लाखों दुआएं व खुशियां मांग लाती।

आशीष-उमंग से भरा बहन का,
भाई के प्रति ऐसा है प्रेम।
जीवन का कैसा भी मोड़ हो,
बहन-भाई का रिश्ता ना होगा कभी कम।

परिचय :- उषा शर्मा “मन”
शिक्षा : एम.ए. व बी.एड़.
निवासी : बाड़ा पदमपुरा, तह.चाकसू (जयपुर)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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