Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

श्री राम चालीसा

डाॅ. दशरथ मसानिया
आगर  मालवा म.प्र.
*******************

रघुकुल वंश शिरोमणी, मनुज राम अवतार।
मर्यादा पुरुषोत्तमा, कहत है कवि विचार।।

जै जै जै प्रभु जय श्रीरामा।
हनुमत सेवक सीता वामा।।१

लछमन भरत शत्रुघन भ्राता।
मां कौशल्या दशरथ ताता।२

चैत शुक्ल नवमी सुखदाई।
दिवस मध्य जन्में रघुराई।।३

नगर अवध में बजी बधाई।
नर नारी गावे हरषाई।।४

दशरथ कौशल्या के प्राणा।
करुणा के निधि जनकल्याणा।।५

श्याम शरीरा नयन विशाला।
कांधे धनुष गले में माला।।६

काक भुसुंड दरश को आते।
शिव भी जिनकी महिमा गाते।।७

विश्वामित्र से शिक्षा पाई।
गुरु वशिष्ठ पूजे रघुराई।।८

बालपने में जग्य रखवाये।
बाहु ताड़का मार गिराये।।९

गौतम नारी तुमने तारी।
चरण धूल की महिमा भारी।।१०

मुनि के संग जनकपुर जाई।
शिव का धनुष भंग रघुराई।।११

सीता के संग ब्याह रचाया।
जनक सुनेना के मन भाया।।१२

मिथिला नगरी दर्शन प्यारे।
नर नारी सब भये सुखारे।।१३

मात पिता के वचन निभाये।
राज त्याग कर वन को धाये।।१४

केवट गंगा पार कराया।
भक्तों का तुम मान बडाया।।१५

पंचवटी में कुटी बनाई।
संगे सीता लछमन भाई।।१६

अनुसुइया के चरण पखारे।
सीता सहित धरम विचारे।।१७

मुनि सुतीक्ष्ण के दर्शन पाये।
कबंध आदि को स्वर्ग पठाये।।१८

सीता हरणा विपदा भारी।।
भगत जटायू को भी तारी।।१९

मुनि मतंग की शिष्या प्यारी।
भोली शबरी भाव विचारी २०

प्रेम भाव जूठे फल खाये।
भक्ती दीनी मान बढ़ाये।।२१

ऊंच नीच का भेद मिटाया।
केवट भिलनी गले लगाया।।२२

सेवक हनुमत जंगल पाये।
बांहें फैला गले लगाये।।२३

किष्किंधा के राजा बाली।
व्यभिचारी अरु बड़ बलधारी।२४

राज तिलक सुग्रीव कराया।
सखा भाव का धरम निभाया।।२५

वानर भालू सेन बनाई।
फिर लंका पे करी चढ़ाई।।२६

जब सागर ने मारग रोका ।
चाप चढ़ाई कीना कोपा।।२७

सागर दौड़ा दौड़ा आया।
हीरा मोती भेंट चढ़ाया।।२८

नल नीला को तुरत बुलाया।
सेतु बांध का भेद बताया।२९

सीता खोजी लंका जाई।
सिंधु पार सेना पहुंचाई।।३०

मेघनाथ का किया संहारा।
रावण कुंभकरण को मारा।।३२

सोने की लंका ठुकराई ।
भक्त विभीषण राज दिलाई।।३३

राक्षस मारे भक्तन तारे।
बरसे सुमना जय जयकारे।।३४

चौदह वर्ष वन में बिताये।
पुष्पक बैठ अवध को आये।।३५

राज तिलक से जन हरषाये।
सुर नर मुनी आरती गाये।।३६

एक राम तुलसी के प्यारे।
दूजा कबिरा ज्ञान उचारे।।३७

सरगुण निरगुण एकहि मानो।
इनमें तनिक भेद नहि जानो।।३८

पांच अगस्ता तिथि शुभ आई।
मंदिर भव्या नींव खुदाई।।३९

जो नित उठ के राम उचारे।
यह चालीसा पार उतारे।। ४०

यह चालीसा जो पढ़े, करे राम का ध्यान।
मर्यादित जीवन जिये, मिले सदा सम्मान।।

परिचय :- आगर मालवा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आगर के व्याख्याता डॉ. दशरथ मसानिया साहित्य के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां दर्ज हैं। २० से अधिक पुस्तके, ५० से अधिक नवाचार है। इन्हीं उपलब्धियों के आधार पर उन्हें मध्यप्रदेश शासन तथा देश के कई राज्यों ने पुरस्कृत भी किया है। डॉं. मसानिया विगत १० वर्षों से हिंदी गायन की विशेष विधा जो दोहा चौपाई पर आधारित है, चालीसा लेखन में लगे हैं। इन चालिसाओं को अध्ययन की सुविधा के लिए शैक्षणिक, धार्मिक महापुरुष, महिला सशक्तिकरण आदि भागों में बांटा जा सकता है। उन्होंने अपने १० वर्ष की यात्रा में शानदार ५० से अधिक चालीसा लिखकर एक रिकॉर्ड बनाया है। इनका प्रथम अंग्रेजी चालीसा दीपावली के दिन सन २०१० में प्रकाशित हुआ तथा ५० वां चालीसा रक्षाबंधन के दिन ३ अगस्त २०२० को सूर्यकांत निराला चालीसा प्रकाशित हुआ।
रक्षाबंधन के मंगल पर्व पर डॉ दशरथ मसानिया के पूरे ५० चालीसा पूर्ण हो चुके हैं इन चालीसाओं का उद्देश्य धर्म, शिक्षा, नवाचार तथा समाज में लोकाचार को पैदा करना है आशा है आप सभी जन संचार के माध्यम से देश की नई पीढ़ी को दिशा प्रदान करेंगे।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *