Monday, November 25राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

शिव आराधना

प्रवीण त्रिपाठी
नोएडा

********************

शिव शंकर के श्री चरणों में, अपनी जगह बनाता चल।
भाँग धतूरा बिल्वपत्र सँग, दधि घृत शहद चढ़ाता चल।

पंचाक्षर को नित्य जाप ले, सुधरे यह जीवन सबका।
नित्य आरती महादेव की, नित उनके गुण गाता चल।

भक्ति भाव से नित शंकर का, सुबह शाम गुणगान करो।
भजन हृदय से खुद भी भज कर, जग को संग सुनाता चल।

भक्तों का कल्याण सदा शिव, दुष्टों का संहार करें।
श्रद्धानत होकर मन ही मन में, धूनी नित्य रमाता चल।

कैलाशी का ध्यान धरो नित, त्याग मोह-माया सारी।
सांसारिक सुख डिगा न पायें, दिल से शपथ उठाता चल।

दानी भोले शंकर जैसा, सकल सृष्टि में मिले नहीं।
निर्मल छवि को हृदय बसा कर, शिव की अलख जगाता चल।

आशुतोष सच्चे भक्तों को, देते हैं वरदान सदा।
उपकारी बन सदा भक्ति से, सही राह अपनाता चल।

.

परिचय : प्रवीण त्रिपाठी नोएडा


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमेंhindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak mnch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *